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नेपा लिमिटेड ने पुराने आवंटित भूखंडों का लीज रेंट घटाया: नेपा मिल श्रमिक संघ और आवास संगठन के पदाधिकारियों ने कृषि मंत्री से की मुलाकात – Burhanpur (MP) News

बुरहानपुर एशिया की पहली अखबारी कागज मिल नेपा लिमिटेड नेपानगर ने हाल ही में लीज रेंट में वृद्धि की जिसका खासा विरोध हुआ। 20 नवंबर को नगर के व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखकर मौन रैली निकाली थी। सीएमडी राकेश कुमार चोखानी को ज्ञापन सौंपा गया था। बाद

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नेपा मिल की ओर से जारी सूचना में कहा गया कि भारी उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के उपक्रम नेपा लिमिटेड ने संशोधित लीज दरों की घोषणा की है। नगर के विभिन्न क्षेत्रों के हिसाब से घरेलू और वाणिज्यिक भूखंडों की दरों में मंत्रालय से मिले निर्देश के बाद आवश्यक संशोधन किया गया है। जिसके तहत पुराने आवंटित वाणिज्यिक भूखंडों के नवीनीकरण के लिए लीज रेंट 140 रूपए प्रति वर्गफीट किया गया है जबकि नवीन आवंटित वाणिज्यिक भूखंडों के लिए लीज रेंट 160 रुपए प्रति वर्गफीट, घरेलू पुराने आवंटित भूखंडों के लिए 70 रूपए प्रति वर्ग फीट, नवीन भूखंडों के लिए 90 रूपए प्रति वर्ग फीट लीज रेंट तय किया गया है। अब तक नेपा मिल को लीज नवीनीकरण के करीब 35 आवेदन मिल चुके हैं।

9 जनवरी तक ही मिलेगी लीज नवीनीकरण की सुविधा लीज नवीनीकरण की सुविधा 10 दिसंबर 24 से देना शुरू कर दी गई है। यह 9 जनवरी 2025 तक लागू रहेगी। मिल की ओर से कहा गया है कि इसके बाद लीज के बिना आधिपत्य किए हुए भूखंडों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर अतिक्रमण हटाने की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसकी जाहिर सूचना विभिन्न स्थानों पर चस्पा कर दी गई है। गौरतलब है कि नेपा मिल के संपदा विभाग को अब तक संशोधित दरों पर 50 फीसदी आंशिक भुगतान के साथ लीज नवीनीकरण से संबंधित 35 आवेदन मिल चुके है।

तीसरा बार किया गया संशोधन नेपा मिल की ओर से पहले लीज रेंट 600 रूपए प्रति वर्ग फीट किया गया था। इसका खासा विरोध हुआ तब 360 रूपए कर दिया गया, लेकिन व्यापारियों ने फिर भी विरोध किया तब 200 रूपए लीज किया गया। इसके बाद 20 नवंबर को व्यापारियों ने फिर आक्रोश जताते हुए दुकानें बंद रखकर मौन रैली निकाली। साथ ही अपनी ओर से लीज रेंट की दर भी बताई गई थी।

इससे पहले सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक मंजू दादू ने भी इस मामले में सीएमडी से चर्चा की थी। इसके कुछ बाद अब फिर से तीसरी बार इसमें संशोधन कर लीज नवीनीकरण की प्रक्रिया की जा रही है। इसके लिए 9 जनवरी आखिरी तारीख रहेगी। मिल की ओर से जारी जाहिर सूचना में कहा गया है कि मिल प्रबंधन द्वारा विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद यह दरें लागू की गई है। यह भी रहेगी शर्तें

  • लीज रेंट की यह शर्त रहेगी कि किसी भी भवन में तलघर स्वीकार नहीं किया जाएगा। उसे अवैधानिक माना जाएगा। इसलिए उसे बंद करने की व्यवस्था करें।
  • लीज नवीनीकरण की यह स्कीम 10 दिसंबर 24 से 9 जनवरी 25 तक ही रहेगी। इसके बाद नेपा मिल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा।
  • फर्स्ट फ्लोर और सेकंड फ्लोर के लिए भी 25 से 30 फीसदी चार्ज नए और पुराने आवंटितों को देना होगा।
  • नेपा मिल में बचे 140 कर्मचारियों का पिछले 27 सालों से लंबित वेतनमान, अन्य समस्याएं रखी

मुख्यमंत्री- भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को मांग पत्र सौंपा

वहीं नेपा मिल श्रमिक संघ और आवास संगठन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को दिल्ली में खंडवा संसदीय सीट से सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के नेतृत्व में कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान, उद्योग मंत्री एचडी कुमार स्वामी से मुलाकात कर अपनी विभिन्न समस्याएं रखी। इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को भी मांग पत्र सौंपा गया गया।

मांग पत्र में कहा गया कि नेपा मिल में बचे 140 कर्मचारियों का पिछले 27 साल से लंबित 2007, 2017 का वेतन पुर्ननिर्धारण किया जाए। नेपा मिल की नवनिर्मित मशीनों से सतत उत्पादन प्रक्रिया जारी रखने के लिए कार्यशील पूंजी के रूप में 150 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जाए।

इस अवसर पर श्रमिक संघ के अध्यक्ष अध्यक्ष देवीदास लोखंडे, सचिव संजय कुमार पवार, प्रधान सचिव रविशंकर पवार, फिरोज खान, उमेश सोनी, आवास संगठन के सौजन्य तिवारी, राजाराम पटेल आदि मौजूद थे। मंत्रियों ने मांगों के निराकरण का आश्वासन दिया।

सभी जगह पे-रिवीजन लागू यहां नहीं पत्र में कहा गया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों, केद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में वर्ष 2007 व 2017 का पे-रिवीजन लागू किया जा चुका है वहीं दूसरी ओर नेपा मिल नेपानगर के कर्मचारियों जिन्होंने अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता किए बिना वैश्विक बीमारी कोविड-19 के खतरनाक दौर में भी अपनी जान की परवाह किए बिना बहुप्रतिक्षित आरएमडीपी के कामों को बाधित किए बिना काम किया, लेकिन हम फिर भी दो दो वेतनमानों की प्रतिक्षा कर रहे हैं।

खास बात यह है कि 2012 से 2019 के जिन कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृति योजना का लाभ लिया उन्हें 2007 से लंबित वेतनमान के ऐवज में 50 फीसदी अतिरिक्त राशि का लाभ दिया जा चुका है। वर्ष 2012 की तुलन में आज संस्था में मात्र 140 कर्मचारी ही शेष रह गए हैं। कर्मचारी 27 साल पुराने दो दो वेतनमान का इंतजार कर रहे हैं।

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