0

नौकरी पाने की बजाय और गरीब हो रहा बेरोजगार, परीक्षा बोर्ड ESB छाप रहा पैसे

मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में शुल्क वसूली बढ़ी है, जिससे युवाओं की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है। मप्र कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) को हर साल करीब ढाई करोड़ रुपये मिलते हैं।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Tue, 10 Dec 2024 10:28:51 PM (IST)

Updated Date: Tue, 10 Dec 2024 10:28:51 PM (IST)

ईएसबी के पास 400 करोड़ रुपये जमा हैं Image by Meta AI

HighLights

  1. मप्र में परीक्षा शुल्क वसूली से आर्थिक दबाव बढ़ा
  2. ईएसबी को हर साल ढाई करोड़ रुपये मिलते हैं
  3. 20 लाख से अधिक परीक्षार्थी होते हैं शामिल

नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल : मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी मिले न मिले, लेकिन युवाओं की आर्थिक स्थिति जरूर कमजोर होती जा रही है। इसके पीछे वजह है कि मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम पर युवाओं से बार-बार हो रही शुल्क वसूली। इससे मप्र कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) को हर साल एक परीक्षा से करीब ढाई करोड़ रुपये मिलते हैं।

यह तब है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ही बार परीक्षा शुल्क लेने की व्यवस्था लागू करने की घोषणा कर चुके थे। मंडल की एक परीक्षा में औसतन पांच लाख परीक्षार्थी शामिल होते हैं और प्रत्येक सामान्य प्रतियोगी को 500 रुपये का परीक्षा शुल्क जमा करना पड़ता है। वहीं आरक्षित वर्ग के लिए यह शुल्क 250 रुपया निर्धारित है।

शामिल होते हैं 20 लाख से अधिक परीक्षार्थी

ईएसबी हर साल 10 से ज्यादा परीक्षाएं कराता है। इसमें करीब 20 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होते हैं। कई प्रतियोगी परीक्षार्थी साल में तीन से अधिक परीक्षाओं में भाग्य आजमाते हैं। हर बार परीक्षा शुल्क जमा करने के अलावा उन्हें दूसरे खर्च भी उठाने पड़ते हैं। एक परीक्षा पर ऐसे विद्यार्थियों का औसत खर्च पांच हजार रुपया आंका गया है।

naidunia_image

कई वर्षों से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों के लिए एक परीक्षा पर इतना खर्च वित्तीय दबाव बढ़ा देता है। बताया जा रहा है कि ईएसबी के पास 400 करोड़ रुपये बचत खाते में जमा हैं। इसके बाद भी परीक्षा शुल्क के रवैये में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।

छत्तीसगढ़ में तो निश्शुल्क हो चुकी परीक्षा

वहीं पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में राज्य लोक सेवा आयोग और व्यावसायिक परीक्षा मंडल की सभी परीक्षाएं निश्शुल्क हो गई हैं। 2022 से पहले वहां सामान्य के लिए 500 और आरक्षित वर्ग के लिए 200 रुपये परीक्षा शुल्क लिया जाता था। अब वहां किसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रतिभागी को शुल्क नहीं देना होता।

अगर शासन एक बार शुल्क लेकर सभी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को बैठाने का आदेश देती है तो मंडल उसे मान्य करेगा। अभी तो एक सामान्य विद्यार्थी से 500 रुपये शुल्क लिया जाता है। परीक्षा पर प्रत्येक परीक्षार्थी की दर से खर्च 550 रुपये पड़ता है। 2012 के बाद मंडल ने शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की है।

– साकेत मालवीय, संचालक, ईएसबी

Source link
https%3A%2F%2Fwww.naidunia.com%2Fmadhya-pradesh%2Fbhopal-instead-of-getting-job-unemployed-becoming-poorer-examination-board-esb-is-printing-money-8372051
#नकर #पन #क #बजय #और #गरब #ह #रह #बरजगर #परकष #बरड #ESB #छप #रह #पस