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न्यायालय: दुष्कर्म का केस दर्ज करने पर महिला थाना प्रभारी को समझाइश – Gwalior News

कहा-जहां शादी का मामला हो, वहां दुष्कर्म का केस दर्ज करने से पहले पुलिस को जांच जरूर करना चाहिए

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थाना प्रभारी ने भूल स्वीकारी कहा- आवेदन में पीड़िता ने लिखा था कि आरोपी उसका पति है

शिकायती आवेदन को ठीक ढंग से पढ़े बिना केस दर्ज करना महिला थाना प्रभारी दीप्ति तोमर को भारी पड़ गया। न्यायालय ने ना केवल इस लापरवाही पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा, बल्कि भविष्य में इस प्रकार के मामलों में केस दर्ज करने से पहले शिकायती आवेदन को ठीक ढंग से पढ़ने व जांच उपरांत केस दर्ज करने की समझाइश दी। न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी पति को भी अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

मामला कानपुर निवासी युवक और ग्वालियर निवासी युवती का है। मई 2024 में महिला थाना पुलिस ने युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए युवक ने जिला न्यायालय में आवेदन दिया। इसमें बताया कि वह और पीड़िता पति-पत्नी हैं। इस तथ्य को छुपाकर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराई गई।

इस मामले में कोर्ट ने जब पीड़िता से सवाल किए तो उसकी ओर से बताया कि एसपी ग्वालियर को दिए आवेदन से इस बात की पुष्टि की जा सकती है। मामला उलझता देख कोर्ट ने महिला थाना टीआई दीप्ति तोमर से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने माना की तथ्यों की भूल हुई, जिसके चलते एफआईआर में ये बात नहीं आ सकी कि आरोपी और पीड़िता पति-पत्नी हैं।

युवक की ओर से कोर्ट को ये भी बताया गया कि दोनों ने दिल्ली एनसीआर में रजिस्ट्रार के समक्ष विवाह किया। हालांकि, इसकी जानकारी जब पीड़िता के परिजनों को लगी तो वह उसे बहला फुसलाकर ले गए। बाद में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई। चूंकि, दोनों में वैचारिक मतभेद हैं, इसके चलते दोनों की ओर से 26 अक्टूबर 2024 को कुटुंब न्यायालय में केस भी दर्ज किया है। दोनों आपसी सहमति से तलाक लेने जा रहे हैं।

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