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मऊ से सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम पहुंची शांति बाई यह कहते हुए मायूस नजर आईं। दरअसल ऐसी ही मायूसी इन दिनों कुबेरेश्वर धाम पहुंचने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं को मिल रही है, क्योंकि उन्हें रुद्राक्ष नहीं मिल रहा है। यहां 25 फरवरी से 3 मार्च तक शिव पुराण कथा और रुद्राक्ष महोत्सव मनाया जाएगा। महोत्सव शुरू होने में एक सप्ताह का वक्त है, लेकिन रुद्राक्ष पाने की चाह में श्रद्धालु अभी से उमड़ने लगे हैं। इस बीच महोत्सव की तैयारियां तेज हैं। हालांकि रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान भी पंडित प्रदीप मिश्रा रुद्राक्ष वितरण नहीं करेंगे।
हाल ही में देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई भगदड़ के बाद प्रशासन यहां भी सतर्क है और क्राउड कंट्रोल पर फोकस कर रहा है। मंदिर समिति का दावा है कि इस बार के रुद्राक्ष महोत्सव में 25 से 30 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उन्होंने इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था भी कर ली है। प्रशासन यहां 100 एकड़ में पार्किंग की व्यवस्था कर रहा है।
कुबेरेश्वर धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को फिलहाल रुद्राक्ष नहीं मिल रहा है।
दैनिक भास्कर की टीम सीहोर के कुबेरेश्वर धाम पहुंची। यहां रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर चल रही तैयारियों के बारे में जाना। साथ ही कार्यक्रम में जुटने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की क्या तैयारियां हैं ये भी जाना। सबसे ज्यादा उत्सुकता रुद्राक्ष वितरण को लेकर है, इसलिए इसके बारे में भी जानकारी हासिल की।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट-
सबसे पहले अभी क्या माहौल है जानिए…
सीहोर शहर से करीब 3 किमी की दूरी पर सोमवार को कुबेरेश्वर धाम के बाहर फूल प्रसाद की दुकानों में रोजाना की तरह चहल पहल है। धाम परिसर में स्थित शिवलिंग के दर्शन करने लगातार श्रद्धालु आ रहे हैं। दोपहर 10 बजे धाम परिसर में करीब डेढ़ से 2 हजार लोग मौजूद हैं। कुछ शिवलिंग पर जल चढ़ा रहे हैं, कुछ धूप-अगरबत्ती लगा रहे हैं। कुछ फूल और माला चढ़ा रहे हैं, तो कुछ परिक्रमा कर रहे हैं। कुछ परिवार के साथ जमीन पर बैठकर पूजा पाठ और ध्यान में लगे हुए हैं।
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श्रद्धालुओं में बड़ी तादाद महिलाओं की है। कुछ लोग धाम के परिसर में दंडवत नजर आए।
दूसरी तरफ, परिसर के दूसरे हिस्से में विश्राम गृह में दूर दराज से आए लोग चटाई बिछाकर आराम कर रहे है और इंतजार कर रहे हैं कि साढ़े 11 बजे और वो धाम में भंडारे का आनंद ले सकें। हम यहां करीब 4 घंटे रुके। यहां लोगों का लगातार आना-जाना लगा रहा। यहां मौजूद लोगों से बात की। बहुत से लोग गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र से आए थे। ज्यादातर अभिमंत्रित रुद्राक्ष लेने की इच्छा से यहां आए हुए थे, लेकिन उन्हें रुद्राक्ष नहीं मिला।
यह बताने के बाद भी कि इस बार महाशिवरात्रि पर धाम में रुद्राक्ष नहीं बंटेगा, श्रद्धालुओं की उम्मीद कायम है। वो मानकर चल रहे हैं कि 25 फरवरी यानी महाशिवरात्रि से शुरू होने वाले रुद्राक्ष महोत्सव में रुद्राक्ष जरूर बंटेगा।
अब महोत्सव की भव्यता के बारे में बताते हैं…
एक लाख से ज्यादा लोग बैठकर सुन सकेंगे कथा
मंदिर प्रबंधन के सोशल मीडिया प्रभारी और मैनेजमेंट देखने वाले सुमित पटेल ने कहा कि कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव का कार्यक्रम दिव्य और भव्य होने जा रहा है। इसके लिए एक डोम बन कर तैयार हो गया है, जहां बैठकर गुरूजी पंडित प्रदीप मिश्रा कथा वाचन करेंगे। इसके अलावा यहां इसके पास से ही 2 और डोम तैयार किए जाएंगे। तीनों डोम में 1 लाख से ज्यादा लोग एक साथ बैठ पाएंगे। साथ ही डोम के आगे बड़े क्षेत्र में टेंट लगाए जा रहे हैं। यहां भी भक्त बैठकर शिव पुराण कथा सुन पाएंगे।
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सालभर में 5 करोड़ नए फॉलोअर जुड़े, इसलिए भीड़ बढ़ने का अनुमान
सोशल मीडिया प्रभारी सुमित पटेल ने बताया कि पिछले एक साल में गुरुजी के अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 5 करोड़ से अधिक फॉलोअर जुड़े हैं। इसी के चलते इस बार के रुद्राक्ष महोत्सव में 25 से 30 लाख श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है। हम इसके लिए तैयारी भी कर रहे हैं। धाम परिसर और आसपास सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉल किए जाएंगे, एक विशेष आईटी टीम का दल इसकी निगरानी भी करेगा।
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क्राउड मैनेजमेंट सबसे बड़ा चैलेंज, कलेक्टर खुद देख रहे इंतजाम
उत्सव के पिछले अनुभव की लर्निंग से प्रशासन ने इस बार क्राउड मैनेजमेंट पर ही फोकस किया है। कलेक्टर बालागुरु के. खुद प्रशासनिक इंतजाम देख रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि मैं हाल ही सीहोर में पदस्थ हुआ हूं। मैंने जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दो बार बैठक भी कर ली है। मेरी कुबेरेश्वर धाम समिति के साथ भी बैठक हो चुकी है। धाम का दौरा भी कर चुका हूं। अभी 4 से 6 दिनों में समिति के साथ एक और बैठक करूंगा।
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अब जानिए कि यहां से बिना रुद्राक्ष लिए लौट रहे श्रद्धालु क्या कह रहे…
‘लकवा जांच का पर्चा लाती, तो शायद रुद्राक्ष मिल जाता’
राजगढ़ से आई आशा ने कहा कि मैं दर्शन के साथ इच्छा लेकर आई थी कि एक रुद्राक्ष मिल जाता तो अच्छा रहता, लेकिन उन्होंने रुद्राक्ष बांटने बंद कर दिए हैं। मेरे पूरे परिवार के पास रुद्राक्ष है। बस मेरे पति के पास नहीं है। उनको लकवा की बीमारी है। मैं उनकी जांच का पर्चा नहीं ला पाई हूं।
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प्रयागराज कुंभ से पहुंचे श्रद्धालु भी मायूस और भ्रमित
बिहार से आई मुन्नी कुमारी ने कहा कि हम प्रयागराज के कुंभ आयोजन में संगम स्नान करके सीधा यहां आए हैं। सोचा था कि रुद्राक्ष लेकर जाएंगे, लेकिन यहां आकर पता चला कि 25 जनवरी से ही रुद्राक्ष बांटने बंद कर दिए गए हैं। अब पता चला है कि 25 फरवरी से बांटे जाएंगे।
महाराष्ट्र से आए अशोक कोहली ने कहा कि मेरे और परिवार के ज्यादातर सदस्यों के पास रुद्राक्ष है। अभी हम प्रयागराज से यहां आए हैं। अभी रुद्राक्ष नहीं मिला तो 25 फरवरी को तो रुद्राक्ष जरूर बंटेगा। 25 फरवरी को मेरे परिवार के कुछ सदस्य यहां आएंगे और वो रुद्राक्ष लेकर जाएंगे।
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फिलहाल चिट चिपकाकर लिखा- रुद्राक्ष वितरण बंद है
धाम पहुंचने के बाद हमने तमाम तैयारियों को देखने के बाद दान कार्यालय के पास एक बैनर लगा देखा। उसमें तमाम जानकारियों के साथ रुद्राक्ष वितरण के समय का कॉलम दिया गया था। उसके नीचे अलग से एक चिट चिपकाई गई थी। चिट में छोटे अक्षरों में लिखा है कि रुद्राक्ष वितरण संपूर्ण रूप से बंद है। बगल की खिड़की पर ही एक छोटे कागज पर सूचना दी गई है।
इसमें 4 पाॅइंट लिखे हुए हैं:
- रुद्राक्ष वितरण 25 जनवरी को बंद कर दिया गया है।
- अगला रुद्राक्ष वितरण गुरुजी कथा के माध्यम से कहेंगे तब चालू होगा।
- रुद्राक्ष वितरण इसलिए बंद किया गया है ताकि रुद्राक्ष महोत्सव में लाखों रुद्राक्ष सिद्ध किए जा सकें।
- आकर बार-बार परेशान ना करें।
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ये सूचना धाम में कार्यालय की खिड़की पर लगाई गई है।
आगे क्या: मंदिर समिति और प्रशासन दोनों का कहना-अभी नहीं बांटेंगे रुद्राक्ष
मंदिर समिति का प्रबंधन देखने वाले समीर शुक्ला ने बताया कि रुद्राक्ष वितरण के चलते अव्यवस्था की स्थिति बन जाती है, इसलिए रुद्राक्ष नहीं बांटे जाएंगे। अभी महोत्सव में रुद्राक्ष अभिमंत्रित किए जाएंगे। इसके बाद मार्च के महीने से बांटने शुरू किए जाएंगे। फिर साल भर बांटे जाएंगे।
सीहोर के एसडीएम तन्मय वर्मा ने भी इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने मंदिर समिति के साथ बैठक की है, इसमें तय हुआ है कि शिवरात्रि को होने वाले रुद्राक्ष महोत्सव में रुद्राक्ष का वितरण नहीं किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि 2023 में रुद्राक्ष वितरण के चलते ही अव्यवस्थाएं फैली थीं। लंबा ट्रैफिक जाम हुआ था और भगदड़ के हालात बने थे। इसी के चलते पिछले साल भी शिवरात्रि पर अभिमंत्रित रुद्राक्ष वितरण का कार्यक्रम नहीं रखा गया था।
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ये तस्वीर 2003 की है। तब सड़क पर लंबा ट्रैफिक जाम लगा था।
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