महादेव मेले में चौरागढ़ मंदिर परिसर में श्रद्धालु त्रिशूल चढ़ाते है। (तस्वीर पुरानी)
नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी में लगने वाला महाशिवरात्रि मेला आज से शुरू हुआ, जो 26 फरवरी तक चलेगा। शिव भक्त श्रद्धालु पैदल ही भारी वजनी त्रिशूल लेकर ऊंची-नीची, सरपीली पहाड़ी पर चलते हुए पैदल 3 किमी दूर चौरागढ़ पहुंचेंगे और महादेव मंदिर में त्रिशूल अर्पि
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मेले के सफल संचालन के लिए प्रशासन ने मटकुली से चौरागढ़ और नांदिया जंक्शन से नांदिया ग्राम तक पूरे क्षेत्र को 13 सेक्टरों में विभाजित किया है। प्रत्येक सेक्टर के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जिनका काम क्षेत्र में सभी व्यवस्थाओं को देखना है। इस दौरान नर्मदापुरम और छिंदवाड़ा जिले के अधिकारी, कर्मचारी आपसी तालमेल बनाकर मेले की व्यवस्थाओं को देखेंगे। मेले के दौरान सभी पॉइंट पर पुलिस, होमगार्ड, राजस्व और चिकित्सकीय स्टाफ मौजूद रहेगा। जहां उनके रुकने के लिए टेंट और अस्थाई टॉइलेट भी बनाई गई हैं।
चौरागढ़ में स्थित बड़े महादेव मंदिर तक के रास्ते में विभिन्न पड़ाव पर लोगों के लिए निशुल्क पेयजल, स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक दवाएं व चिकित्सक, मेला क्षेत्र में बिजली व्यवस्था, साफ-सफाई के अलावा ठहरने की व्यवस्था की गई है।
पिपरिया एसडीएम आईएएस अनिशा श्रीवास्तव ने बताया महादेव महाशिवरात्रि मेले के लिए श्रद्धालु आना शुरू हो गए है। मेला क्षेत्र को 13 सेक्टरों में बांटा गया है। जहां पुलिस, होमगार्ड, यातायात, राजस्व, स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे। सफाई की व्यवस्था पर पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
मेला क्षेत्र में बनाया गया सहायता केंद्र
वहीं मेला क्षेत्र में सहायता केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। मेला क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति के गुम हो जाने पर या मेला क्षेत्र में किसी भी असुविधा या शिकायत होने पर कंट्रोल रूम नंबर 07578-252025 पर जानकारी दी जा सकती है। शिकायत व सुझाव से संबंधित फ्लेक्स को भी मेला क्षेत्र में चिह्नित स्थलों पर लगाया गया है। मेले में महिला सहायता के लिए महिला प्रकोष्ठ भी कंट्रोल रूम में स्थापित है। किसी भी अनुशासनहीनता या कार्य स्थल पर अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया जाएगा। वैधानिक कार्रवाई होगी।
बड़ा महादेव क्षेत्र में दुकान लग चुकी है। श्रद्धालु पैदल चौरागढ़ मंदिर पहुंचने लगे हैं।
342 पहाड़ी सीढियां चढ़ पहुंचते हैं शिव भक्त
पचमढ़ी में महाशिवरात्रि पर लगने वाले महादेव मेले का बड़ा प्राचीन इतिहास है। उज्जैन और ओंकारेश्वर शिव मंदिरों के बाद पचमढ़ी महादेव का श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व है। 4200 फीट ऊंचाई पर बने चौरागढ़ मंदिर की दूरी तय करने के लिए पहाड़ियों को काटकर बड़ी-बड़ी सीढ़ियां बनाई गई है। जिनकी संख्या लगभग 342 है, इन तीनों में रास्तों को पार कर आस्था के त्रिशूल लेकर शिवभक्त लाखों की संख्या में चौरागढ़ मंदिर पहुंचते हैं।
अलग-अलग जिलों से ऐसे पहुंचते हैं लोग
पचमढ़ी नर्मदापुरम से 130, छिंदवाड़ा से 188 किमी और पिपरिया से 54 किमी है। पिपरिया रेलवे स्टेशन से पचमढ़ी टैक्सी बस के जरिए पहुंचते हैं। नागपुर छिंदवाड़ा से सड़क मार्ग है और वाया मटकुली होकर श्रद्धालु पचमढ़ी पहुंचे है। इसके अलावा जुन्नारदेव, भूराभगत के रास्ते भी पहाड़ से पैदल जाते हैं।
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