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पटना में पहली बार होगा सेपक टकरा विश्व कप, 16 देशों की टीमें लेंगी भाग

पटना में पहली बार होगा सेपक टकरा विश्व कप, 16 देशों की टीमें लेंगी भाग

Agency:News18 Bihar

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Sports News: सेपक टकरा एक ऐसा खेल है जिसे बैडमिंटन कोर्ट जैसा दिखने वाले मैदान में खेला जाता है. इस कोर्ट की लंबाई 13.40 मीटर और चौड़ाई 6.19 मीटर होती है. मौसम को एक रेखा द्वारा दो हिस्सों में बांटा जाता है

सेपक टकरा विश्व कप 2025 पटना में 

पिछले दिनों, कैबिनेट की बैठक में राजधानी पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में सेपक टकरा विश्व कप आयोजित करने के प्रस्ताव को सहमति मिली . इसका आयोजन कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर में 18 मार्च से 26 मार्च के बीच होगा. इसमें भारत समेत 16 विभिन्न देश शामिल होंगे.

बिहार में पहली बार इस विश्वकप चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है. इस बात की घोषणा होते ही सबके मन में सवाल उठने लगा कि आखिर यह सेपक टकरा कैसा गेम है. इस सवाल का जवाब इस खबर में आपको मिल जायेगा. दरअसल सेपक टकरा को भारत में किक वॉलीबॉल कहा जाता है. यह वॉलीबॉल और फुटबॉल का मिश्रण है.

बैडमिंटन के कोर्ट में खेला जाता 
सेपक टकरा एक ऐसा खेल है जिसे बैडमिंटन कोर्ट जैसा दिखने वाले मैदान में खेला जाता है. इस कोर्ट की लंबाई 13.40 मीटर और चौड़ाई 6.19 मीटर होती है. मौसम को एक रेखा द्वारा दो हिस्सों में बांटा जाता है जिसकी मोटाई 2 सेंटीमीटर होती है. इसमें छेदनुमा गेंद का प्रयोग होता है. गेंद सिनथेटिक फाइबर से बनी होती है और इसमें कुल 12 छेद होते हैं. इसकी परिधि 0.42 से 0.44 मीटर के बीच होती है. पुरुष खिलाड़ियों के लिए गेंद का वजन 170-180 ग्राम होता है, जबकि महिलाओं के लिए इसका वजन 150-160 ग्राम होता है. खिलाड़ी टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनकर मैच खेलते हैं.

कैसे जाता है खेला
भारत में इसे किक वॉलीबॉल के नाम से जाना जाता है. जैसा कि नाम से क्लियर हो रहा है कि वॉलीबॉल और किक यानी इसे वॉलीबॉल की तरह ही खेला जाता है. लेकिन खेलते वक़्त हाथों का इस्तेमाल नहीं किया जाता. खिलाड़ी गेंद को पैर, घुटने, सिर और छाती की मदद से मारकर विरोधी के पाले में पहुंचाते हैं. वॉलीबॉल की तरह इसमें बस हाथ का प्रयोग नहीं करना बाकी सब उसके जैसा ही है. प्रत्येक टीम में 3 खिलाड़ी शामिल होते हैं. इसमें टीम को रेगु कहा जाता है.

क्या है इस खेल का इतिहास 
इस खेल का इतिहास बहुत पुराना है. इसका संबंध 14वीं शताब्दी से है और अब के मलेशिया से है. मलेशिया में इसे सेपक और थाईलैंड में टकरा कहा जाता है. मलय भाषा में सेपक का मतलब होता ‘किक’ होता है जबकि थाई भाषा में टकरा को ‘बॉल को मारना’ कहते हैं. चूंकी इन दोनों देशों का ही इस खेल में दबदबा है, इसलिए इसका नाम सेपक टकरा रख दिया गया. भारत ने पहली बार इस खेल में पहला मेडल 18वें एशियन गेम्स में जीता था.

अब पटना में मचेगी सेपक टकरा की धूम 
बिहार की राजधानी पटना में इस खेल का वर्ल्डकप आयोजित होने वाला है. 18 मार्च से 26 मार्च के बीच कंकड़बाग के पाटलिपुत्र खेल परिसर में 16 विभिन्न देश शामिल होंगे. इसमें थाईलैंड, मलेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ईरान, इटली, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, ब्राजील, आस्ट्रेलिया हैं. पटना वासियों को भी इस अनोखे खेल को देखने का अवसर मिलेगा

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पटना में पहली बार होगा सेपक टकरा विश्व कप, 16 देशों की टीमें लेंगी भाग

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