एमपी में हैकर्स के निशाने पर आया मेडिकल रिप्रेंजेटेटिव यानी एमआर भोपाल साइबर क्राइम सेल के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) के पास फरियाद लेकर पहुंचा। कहा-’ मैंने अपने मोबाइल कैमरे पर लाल टेप चिपका लिया है। माइक का एक्सेस भी बंद कर लिया है। इसके बा
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एसीपी सुजीत तिवारी ने एमआर की बातें सुनकर कहा-’ कहीं ऐसा होता है क्या?’ इतना कहते ही फरियादी के मोबाइल पर एसीपी के नाम से लिखा मैसेज आया। इसमें उन्हें गालियां दी गई थीं। फरियादी ने बताया इसी तरह हैकर बच्चों के स्कूल के वॉट्सऐप ग्रुप पर भी अश्लील तस्वीरें पोस्ट कर चुका है। इसके बाद साइबर क्राइम सेल के जिस भी शख्स से फरियादी मिला उसके नाम से गालियां लिखा मैसेज उसके मोबाइल पर फ्लैश हुआ।
साइबर क्राइम सेल आने से पहले फरियादी भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा के पास पहुंचा था। उन्हें भी हैकर ने फरियादी के मोबाइल पर मैसेज के जरिए गालियां दीं । बात इतने पर खत्म नहीं हुई, हैकर ने भास्कर रिपोर्टर को भी गालियां दीं।
इस केस को देख पुलिस भी हैरान है, क्योंकि खुद पुलिस ने अपने हाथों से फरियादी का मोबाइल रीसेट कर दिया था। इसके बाद भी ये मोबाइल हैकर्स के कब्जे में है।
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जानिए अब तक अनिल के साथ क्या-क्या हुआ… अनिल बताते हैं कि उनकी जिंदगी एक मिडिल क्लास फैमिली की तरह ठीक चल रही थी। नवंबर के महीने में उनके पास एक नामी गिरामी पेंट कंपनी की तरफ से कॉल आने लगे कि घर को पेंट कराने के लिए आपके मोबाइल से रोजाना 50-70 इनक्वायरी आ रही है। उन्होंने पेंट कंपनी के स्टाफ को बताया कि उन्होंने ऐसी कोई इनक्वायरी नहीं की है। परिवार की तरफ से भी ऐसी कोई इनक्वायरी जनरेट नहीं की गई है। इस वाकये के बाद अनिल को संदेह हुआ कि कहीं फोन तो हैक नहीं हो गया और उनके मोबाइल से पेंट कंपनी को फर्जी इनक्वायरी भेजी जा रही है।
अनिल शिवहरे अब फरियाद लेकर पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं।
हैकर ने दूध और पानी देने वालों को भी नहीं छोड़ा अनिल बताते हैं कि इस वाकये के कुछ ही दिन बाद मेरे मोबाइल पर गाली गलौच वाले मैसेज आने लगे। 15 नवंबर को मुझे पता चला कि पत्नी और बच्चे का फोन भी हैक हो चुका है। मेरे मोबाइल फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट में जितने भी लोग थे उन्हें गालियां देते हुए मेरे ही वॉट्सऐप पर स्टेटस शो होने लगे। मेरे कॉन्टैक्ट में जितने भी लोग थे वे सभी मुझे भला बुरा कहने लगे।
घर में दूध देने आने वाला, पानी वाला और सब्जी वाले को भी नहीं छोड़ा गया। उन्हें गालियां देते हुए वॉट्सऐप स्टेटस स्टेटस लगाए गए। अनिल कहते हैं कि इसके बाद तो और अति हो गई। मेरे परिवार और रिश्तेदारी में जितने भी लोग थे उनके अश्लील और मॉर्फ (छेड़छाड़ करके तैयार किए गए) फोटो भी सोशल मीडिया के जरिए शेयर किए गए। यहां तक कि मेरी कंपनी के सीनियर्स और सहकर्मियों के नंबर पर भी गाली गलौज वाले मैसेज भेजे गए।
फोन रीसेट, फिर भी सोशल मीडिया खुद री-एक्टिवेट यहां तक मामला सामान्य हैकिंग और साइबर क्राइम का ही लग रहा था, लेकिन इसके बाद जो हुआ वो ज्यादा हैरान करने वाला था। अनिल के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आने लगे। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए 18 नवंबर को इसकी शिकायत साइबर सेल में दर्ज कराई। साइबर सेल ने जांच की तो पता चला कि ये नंबर पश्चिम बंगाल का है और सेवा में नहीं है।
टेक्निकल तौर पर ये संभव नहीं फिर भी ऐसा हो रहा पुलिस का कहना है कि ऐसा होना पॉसिबल नहीं है। सारे IP एड्रेस और एक्टिविटी इसी फोन के हैं। इस मामले में कुछ ज्यादा समझ नहीं आ रहा है। फोन जब साइबर सेल में 18 नवंबर को थे तब ऐसी कोई एक्टिविटी नहीं हुई थी। अनिल जब बुधवार को दोबारा मामले की शिकायत करने कमिश्नर ऑफिस पहुंचे, तब उनकी एक्टिविटी मॉनिटर होकर उनके सोशल मीडिया पर पोस्ट होने लगी।
दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने देखा कि अनिल के आसपास जो भी मौजूद था या अनिल जिससे भी बात कर रहे थे उनके नाम से गालियों वाले स्टेटस उनके सोशल मीडिया पर रियल-टाइम में पोस्ट रहे थे।
रिपोर्टर के सामने तीन स्टोरी आई, तीनों में गालियां रिपोर्टर ने देखा कि कमिश्नर ऑफिस के कर्मचारी अक्लेश कुमार वर्मा के नाम से स्टोरी पोस्ट की गई, पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र के नाम से स्टोरी पोस्ट की गई। रिपोर्टर के नाम से स्टोरी पोस्ट की गई। इन सब स्टोरी के साथ गालियां लिखी थीं।
पुलिस कमिश्नर ने अनिल से कोहेफिजा स्थित साइबर सेल जाने को कहा, जिसके ठीक बाद अनिल वहां पहुंचे। जैसे ही वो वहां पहुंचे साइबर सेल उपायुक्त सुजीत तिवारी के नाम से भी गाली वाले स्टेटस लगने शुरू हो गए।
अनिल ने फोन के कैमरे पर रेड टेप लगा दिया है, लेकिन जैसे ही वो पुलिस के पास पहुंचे। अफसरों के नाम से मोबाइल पर गालियों के मैसेज आने लगे।
सावधानी रखी फिर भी नाम से रिपोर्टर को गाली अनिल घटना के दौरान रिपोर्टर की नजर के सामने थे। रिपोर्टर को संदेह हुआ कि अनिल के फोन का GPS और माइक्रोफोन का एक्सेस हैकर के पास हो सकता है, इसलिए रिपोर्टर ने कागज की पर्ची पर लिख कर अनिल से बात की। इसके बावजूद दैनिक भास्कर के रिपोर्टर के नाम से गाली वाले स्टेटस पोस्ट किए गए। यह सब मिनटों में हुआ।
बच्चों के स्कूल ग्रुप में भेजे सेक्शुअल कंटेंट अनिल के बच्चे स्कूल के जिस ग्रुप में हैं, उनमें भी हैकर ने सेक्शुअल कंटेंट पोस्ट किए, जिसके बाद उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था। अनिल ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर अपनी सफाई स्कूल को दी। तब जाकर बच्चों को स्कूल ने वापस लिया।
जो भी अनिल को कॉल करता है उसे गाली दी जाने लगती है। हालांकि इस मामले में अब तक कोई फाइनेंशियल डिमांड नहीं की गई है, लेकिन अनिल को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
हैकर ने कही- बदले की बात अनिल बताते हैं कि उनके साले को उनके नंबर से चैट करके हैकर ने कहा कि वो फैमिली का बदला ले रहा है। उसका नाम आलोक शिवहरे है और वो अपने बच्चे की मौत का बदला अनिल के पूरे परिवार से ले रहा है। वो चाहता है कि अनिल की पूरी फैमिली तड़प-तड़प कर मरे।
आलोक दरअसल अनिल के चाचा का लड़का है। घरेलू विवाद के बाद उनके संबंध ठीक नहीं हैं। अनिल पर आलोक ने दो साल पहले उसके बच्चे को काला जादू कर मारने का आरोप लगाया था। जिसके बाद दोनों के परस्पर संबंध बिगड़ गए थे। हालांकि अनिल ने किसी संबंधी की मदद से आलोक से बात की, जिसके बाद आलोक ने कहा कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है। अनिल चाहे तो इसकी साइबर पुलिस या जिससे भी हो जांच करवा कर मामला स्पष्ट करा लें।
एक्सपर्ट ने कहा- फोन को फ्लैश रीसेट करना चाहिए इस मामले में साइबर एक्सपर्ट शोभित चतुर्वेदी बताते हैं कि फोन को डॉट ए.पी.के. या किसी सॉफ्टवेयर से हैक किया गया, जिससे फोन बंद हो जाने की बाद भी गूगल असिस्टेंट की मदद से सारी बातें सुनी जा सकती हैं और लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।
शोभित कहते हैं कि इससे बचने के लिए फोन को फ्लैश रीसेट करना चाहिए। शोभित बताते हैं कि रूट डायरेक्ट्री में अगर रिमोट एक्सेस के लिए वायरस डाला गया है तो ऐसे में फोन रीसेट करके भी कुछ नहीं होगा। ऐसे में हमें साइबर सेल की मदद लेनी चाहिए।
फॉरेंसिक जांच करा रही पुलिस
इस मामले में भोपाल साइबर पुलिस उप आयुक्त सुजीत तिवारी बताते हैं कि जब तक हम एक्सेस नहीं देंगे तब तक इस तरह की घटनाएं नहीं होती। पुलिस इन मामलों में नकेल कस रही है। सिम प्रोवाइडर्स को पकड़ रहे हैं और एडवाइजरी जारी कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
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