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परिवहन के पूर्व आरक्षक की नियुक्ति मामला: तत्कालीन मंत्री नरोत्तम मिश्र ने की थी अनुशंसा; आरटीआई एक्टिविस्ट ने किया खुलासा – Gwalior News

सौरभ शर्मा की नियुक्त को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट लगातार उठा रहे हैं सवाल।

ग्वालियर के परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनकी अवैध संपत्ति को लेकर ईडी, आईटी और लोकायुक्त जांच कर रहे हैं। अब आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने उनकी अनुकंपा नियुक्ति पर सवाल उठाया है। साहू ने एक पत्र सार्वजनिक

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साहू ने इसे संदिग्ध बताते हुए लोकायुक्त में शिकायत की है। इस पत्र के बाद मंत्री की अनुशंसा को लेकर नया विवाद उत्पन्न हो गया है।

यह पत्र तत्कालीन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नरोत्तम मिश्र ने लिखा था!

ग्वालियर में गुरुवार रात को आरटीआई एक्टिविस्ट ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति से जुड़ा एक और नया लेटर सार्वजनिक किया है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने पूर्व गृह मंत्री और साल 2016 मंे तत्कालीन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नरोत्तम मिश्र के लेटर हैड पर सौरभ की अनुकंपा नियुक्ति करने की अनुशंसा पत्र जारी किया ह। जिसमें तत्कालीन मंत्री लोक स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त को लिखा गया है। यह पत्र तत्कालीन मंत्री के द्वारा 12 अप्रैल 2016 को लिखा गया है। पत्र में लिखा गया है कि सौरभ शर्मा प़ुत्र स्व. राकेश कुमार शर्मा निवासी 47 विनय नगर सेक्टर-2 ग्वालियर के पिता का डॉ. राकेश शर्मा जो कि डीआरपी लाइन चिकित्सालय में पदस्थ थे। जिनका 20 नवंबर 2015 को सेवा के दौरान निधन होने के कारण जिले में तृतीय श्रेणी के किसी भी पद पर या संगणक रिक्त पद पर योग्यता अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दिलाए जाने का अनुरोध किया है। नियुक्ति को फर्जी शपथ पत्र पर करने की शिकायत की थी ग्वालियर में आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू लोकायुक्त एसपी राजेश मिश्रा से शिकायत कर चुके हैं कि परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति पूरी तरह गैर कानूनी है। आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने लोकयुक्त में शिकायत की है कि सौरभ के पिता राकेश कुमार शर्मा की आकस्मिक निधन (20 नवंबर 2015) के बाद सौरभ की मां उमा शर्मा ने शासन को एक शपथ पत्र पेश किया था, जिसमें उसने अपने बड़े बेटे सचिन शर्मा की छत्तीसगढ़ में शासकीय सेवा में होने की बात छुपाकर छोटे बेटा सौरभ शर्मा को तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्ति के लिए अनुरोध किया था, जबकि वह इस नियुक्ति के लिए अपात्र था। इसके बाद भी कुछ लोगों की मिली भगत से साल 2016 में सौरभ शर्मा को नियुक्ति मिली वो भी परिवहन विभाग में मिली। आरटीआई एक्टिविस्ट ने शिकायत की है कि पांच साल से सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ सरकार में नौकरी कर रहा है। सौरभ के घर पर ईडी ने की थी रेड 27 दिसंबर को ईडी की टीम ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के विनय नगर स्थित आवास पर छापामार कार्रवाई की थी। शुक्रवार सुबह 5 बजे से शुरू हुई कार्रवाई में ईडी टीम ने यहां से कुछ दस्तावेज को जब्त किया है। ईडी की टीम ने शुक्रवार रात को एक पिट्‌ठू बैग भरकर दस्तावेज इस घर से जब्त किए थे।

जिसमें सौरभ और उसकी मां का ओवरसीज बैंक में जॉइंट अकाउंट, सौरभ की मां उमा का यूनियन बैंक शब्द प्रतार आश्रम ब्रांच में बैंक लॉकर भी मिला था। जमीन व प्रॉपर्टी से जुड़े हैं दस्तावेज ईडी की टीम को पता लगा है कि हाल ही में सौरभ शर्मा की मां ने हाइवे पर अपनी करोड़ों की जमीन बेची है। ईडी पता लगा रही हे कि इस जमीन का कितने में सौदा किया गया है। सिटी सेंटर में सौरभ की मां के नाम पर काफी प्रॉपर्टी है। एक बिल्डिंग है जिसमें थंब, टीबी आर व हेसटैग पब संचालित होते हैं। इसके सामने उनका एक प्लॉट भी है। तत्कालीन मंत्री ने की थी अनुशंसा इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने बताया कि परिवहन के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की साल 2016 में अनुकंपा नियुक्ति के लिए तत्कालीन लाेक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नरोत्तम मिश्र ने अनुशंसा की थी। यह लेटर भी मैं लोकायुक्त को सौंपूंगा। सौरभ की नियुक्ति पूरी तरह अवैध है।

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https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Flocal%2Fmp%2Fgwalior%2Fnews%2Fcase-of-appointment-of-constable-before-transport-134229253.html
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