करीब 51 साल पुराना इंदौर का चिड़ियाघर पशु-पक्षियों की संख्या में देशभर में नंबर वन है। यहां सालाना दर्शक भी सबसे अधिक आते हैं। नगर निगम हर महीने 7 करोड़ रुपए दर्शकों के मनोरंजन पर खर्च करता है। देश के हर चिड़ियाघर की इंदौर से भेजे गए एनिमल शोभा बढ़ा रहे
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वर्ष 1974 से संचालित इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में 1330 विशेष पशु-पक्षी और विलुप्त प्रजाति के एनिमल हैं। यह संख्या देश में लार्ज, मीडियम एवं स्माल कैटेगरी के किसी भी चिड़ियाघर से अधिक है। यहां जंगल के 24 राजा हैं, जिनमें 12 शेर, 9 बाघ व 3 चीते हैं। दुर्लभ प्रजाति के 16 सफेद मोर, 9 भालू, 23 घड़ियाल, 9 मगरमच्छ, 2 हिप्पो के साथ ही विभिन्न प्रजातियों के 50 सर्प भी हैं। हाथी, जेब्रा सहित वे सभी प्राणी और देशी-विदेशी पक्षी भी मौजूद हैं, जिनको देखकर दर्शक रोमांचित हो जाते हैं।
22 लाख दर्शक आते हैं सालाना- इंदौर का चिड़ियाघर हर महीने औसत डेढ़-दो लाख दर्शकों के मनोरंजन का केंद्र बना हुआ है। प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के मुताबिक यहां सालाना 22 लाख दर्शक पहुंचते हैं, जो कि देश के किसी भी चिड़ियाघर से अधिक हैं। यहां से सभी प्रमुख जू में 10 लायन, 15 टाइगर के साथ ही सफेद मोर, घड़ियाल, हिप्पो, नील गाय आदि भेजे गए हैं।
विदेशी पशु-पक्षी भी मौजूद इंदौर के प्राणी संग्रहालय में विदेशी पशु-पक्षी भी बड़ी तादाद में हैं। इनमें मुख्य रूप से नार्थ अमेरिका के मंकी रीसस मैकाक, मैड्रिल, स्पीड मंकी, ऑस्ट्रेलिया का पक्षी कैसोवरी, साउथ अफ्रीका का जेब्रा, मकाऊ एवं अमेजन बर्ड, हिप्पो शामिल हैं। यहां पिंजरों की कुल संख्या 66 है।
10 हजार पेड़ हैं जू में 51.9 एकड़ के पूर्ण कवर्ड कैंपस वाले इंदौर के चिड़ियाघर में 10 हजार पेड़ हैं। शहरी से लेकर जंगली तक हर प्रजाति के पेड़ एवं झाड़ियां हैं। इसके चलते दर्शकों की बड़ी संख्या के बाद भी यहां का ऑक्सीजन लेवल काफी बेहतर होता है।
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