शाजापुर शहर में कई मवेशी बेसहारा घूमते हैं। जिनका कोई सहारा नहीं है। लेकिन आदित्यनगर वासियों ने पशु प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की है। जिन्होंने अपनी गली में आने वाली बेसहारा बछिया को अपने परिवार का सदस्य बनाया। जिसका उन्होंने शनिवार को दूसरा जन्मदिन मन
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रहवासियों ने बताया कि 2 साल पहले आदित्य नगर की गली नंबर पांच में एक बछिया बेसहारा होकर यहां-वहां घूमा करती थी। रहवासियों ने इसे पालना शुरू किया और इसका नाम पूर्णी रखा।
2 साल से बछिया को कॉलोनीवासी ने पाल रहे हैं।
रहवासियों ने बताया, इसका जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसलिए सभी इसे प्यार से पूर्णी कहने लगे। पूर्णी भी सबकी चहेती बन गई। जिसका कॉलोनी के रहवासियों ने उसका दूसरा जन्मदिन धूमधाम से मनाया। इसके पहले पूर्णी को रहवासियों ने नहला कर अच्छे से तैयार किया और कॉलोनी के सभी लोगों ने इकट्ठा होकर केक काटा। यह उत्सव सभी शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया।

आज बछिया का जन्मदिन मनाया गया है।
आवाज सुनते ही दौड़ी चली आती है पूर्णी
कॉलोनी की अंजली बिरथरे, रेखाबाई राठौर, लक्ष्मी वाइस्कर, पूजा, शांत राठौर, आस्था नागर, वंशिका कुर्मी ने बताया कि पूर्णी उनके साथ परिवार के सदस्य की तरह रहती है। जैसे ही कोई उसे आवाज लगाता है। वह दौड़ी चली आती है। यह हमारे इशारे भी समझती है।
यदि कोई उसे इशारे से कुछ कहना चाहता है तो वह समझ जाती है। एक पशु में इतनी समझ होना वाकई आश्चर्यजनक है। रहवासियों के मुताबिक वह हमारे परिवार के सदस्य की तरह हमारे साथ रहती है। यही वजह है कि बच्चे भी उसके साथ खेलते हैं और उसके खाने-पीने और रहने की चिंता भी करते हैं। यदि वह बीमार भी हो जाती है तो रहवासी उसका उपचार भी करवाते हैं।
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