राजधानी भोपाल के मानव संग्रहालय में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन 22.50 लाख करोड़ के निवेश बड़े प्रस्ताव मिले हैं। इससे 13.43 लाख नौकरियों की उम्मीद बंधी है। हालांकि ये नौकरियां निवेश प्रस्तावों के जमीन पर उतरने के बाद मिलेंगी। सरकार की तर
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समिट के पहले दिन हुए करारों के बीच नौकरियों की उम्मीद इसलिए भी मजबूत है, क्योंकि ज्यादातर निवेश रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में होता दिख रहा है। अवादा ग्रुप ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में 50 हजार करोड़ के निवेश का दावा किया है। इससे 60 हजार नई नौकरियों की उम्मीद है।
उधर, रिलायंस ने भी बॉयो फ्यूल में 60 हजार करोड का निवेश प्रस्ताव दिया है। इससे 60 हजार नई नौकरियों की उम्मीद है। पहले दिन गौतम अडाणी ने 1.10 लाख करोड़ के निवेश से 1.20 लाख नई नौकरियां मिलने की घोषणा की है। साथ ही ये भी कहा कि ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी व एयरपोर्ट डेवलपमेंट के लिए मध्यप्रदेश सरकार से बातचीत चल रही है। इसमें वे 1 लाख करोड़ रुपए निवेश करेंगे।
रिन्यूएबल एनर्जी पर सबसे ज्यादा फोकस क्यों रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से जुड़े अधिकारियों ने सेक्टोरल समिट के दौरान बताया कि सरकार का फोकस ये है कि किसानों को हर हाल में दिन 10 घंटे बिजली सप्लाई हो। ताकि सिंचाई का काम बाधित न हो। सरकार की कोशिश है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर एनर्जी से किसानों की मांग के लायक बिजली बन सके।
इसका दूसरा बड़ा फायदा ये होगा कि कृषि क्षेत्र पर सालाना 18 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी का भार कम होगा। इमसें बिजली सब्सिडी का सबसे बड़ा हिस्सा है। मप्र इस समय कुल बिजली उत्पादन का 15% रिन्युएबल एनर्जी से प्रोड्यूस कर रहा है। नीमच का सोलर प्लांट 2 रुपए 14 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली बना रहा है।
ये बिजली भारतीय रेलवे को बेची जा रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 170 मेगावॉट बिजली परचेज करने का एग्रीमेंट किया गया है। मध्यप्रदेश अतिरिक्त बिजली उत्पादन करेगा वो भारतीय रेल खरीदेगा।
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ग्रीन फील्ड सिटी में इन्वेस्ट कर सकते हैं अडाणी अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन कहा कि एमपी में ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी योजना पर 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश के लिए उनकी सरकार से बातचीत चल रही है। केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी योजना के बाद ग्रीन फील्ड सिटी योजना बनाई है। इसके तहत प्रथम चरण में देशभर के 8 नए शहरों का चयन होना है।
मप्र से जबलपुर- कटनी के बीच ग्रीन फील्ड सिटी बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। इस योजना के तहत 30% जमीन ग्रीनरी के लिए रिजर्व होती है और उस जमीन पर सिर्फ पेड-पौधे ही लगाए जाएंगे। इन शहरों में रोड, पानी, बिजली, रेलवे लाइन, अस्पताल, स्कूल, सोलर सिस्टम और ग्रीनरी समेत अन्य सुविधाएं होंगी।
सरकार के सूत्रों का कहना है कि अडाणी ग्रुप जबलपुर–कटनी, सीहाेर–भोपाल, और मंडीदीप-औबेदुल्लागंज के बीच ग्रीन फील्ड सिटी पर विचार कर सकता है। इन शहरों का विकास औद्योगिक क्षेत्र और नेशनल हाईवे के आसपास किया जाएगा। इससे जहां लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, वहीं उद्योगों को इकोनॉमिक कॉरिडोर का फायदा मिलेगा।
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जबलपुर में 332 हेक्टेयर जमीन पर ग्रीन सिटी का प्रस्ताव जबलपुर में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड सिटी के लिए जिला प्रशासन ने करीब 3,260 करोड़ रुपए का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केंद्र शासन को जुलाई 2024 में भेज दिया था। जिसमें टैक्सटाइल एंड लॉजिस्टिक क्लस्टर की स्थापना की परियोजना में रेजिडेंशियल टाउनशिप, कॉमर्शियल एरिया स्कूल, हॉस्पिटल, होटल और मनोरंजन की सुविधा भी विकसित किया जाना प्रस्तावित किया गया है।
इस प्रोजेक्ट के लिए 332 हेक्टेयर जमीन को भी चिह्नित कर लिया गया है। नर्मदा नदी किनारे चिह्नित इस भूमि से इस परियोजना को ग्रीन सिटी के रूप में आसानी से विकसित भी किया जा सकता है। इस योजना को लेकर जबलपुर कलेक्टर ने केंद्र शासन के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के एक्सपर्ट पैनल के सामने प्रेजेंटेशन भी दिया था।
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1 लाख करोड़ से 4 हजार किलोमीटर सड़कें बनेंगी नेशनल हाईवे अथॉरिटी और राज्य सड़क विकास निगम के बीच 4 हजार किलोमीटर सड़कें बनाने का करार हुआ है। इसमें 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। सड़क बेहतर होने से रोजगार के नए अवसर भी डेवलप होंगे।
इस समझौते में इंदौर-भोपाल ग्रीनफील्ड हाई स्पीड कॉरिडोर, भोपाल-जबलपुर ग्रीनफील्ड हाई स्पीड कॉरिडोर, प्रयागराज-जबलपुर-नागपुर कॉरिडोर, लखनादौन-रायपुर एक्सप्रेस-वे, आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग, उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग।
इसके अलावा इंदौर रिंग रोड (पश्चिमी और पूर्वी बायपास), जबलपुर-दमोह राष्ट्रीय राजमार्ग, सतना-चित्रकूट राष्ट्रीय राजमार्ग, रीवा-सिद्धी राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्वालियर शहर के पश्चिमी छोर पर 4-लेन बायपास सहित कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं का विकास किया जाएगा।
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अवादा : मालवा, बुंदेलखंड में सोलर विंड पावर और बैटरी प्रोजेक्ट अवादा ग्रुप के चेयरमैन विनीत मित्तल ने कहा-हम मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। मध्यप्रदेश में ही 2013 में ही हमें पहली बार एशिया का सबसे लार्जेस्ट प्रोजेक्ट लगाने का मौका मिला था, जो विश्व का दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट था। अवादा ग्रुप इससे 50 गुना बड़ा और 8000 मेगावाट का सोलर विंड पावर और बैटरी प्रोजेक्ट मालवा, बुंदेलखंड क्षेत्र में लगाएगा।
अंबानी: बायोफ्यूल पर 60 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट का ऐलान मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी बायो सीएनजी प्लांट लगाने के लिए 60 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट का ऐलान किया है। इससे 60 हजार नौकरियों की संभावना है। इस समय रिलायंस के एमपी में 10 कंप्रेस्ड बॉयो गैस ( सीबीजी) प्लांट बन रहे हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सतना और बालाघाट में 5 प्लांट का निर्माण तेजी से चल रहा है।
दिसंबर 2025 से मार्च 2026 के बीच यहां ऑपरेशन शुरू हो जाएगा। रिलायंस इन प्लांट्स के लिए कच्चे माल के तौर पर धान की पराली, सोयाबीन वेस्ट, नेपियर ग्रास, इंडस्ट्री वेस्ट और शहरों से निकलने वाले सॉलिड वेस्ट के साथ गोबर का भी इस्तेमाल करेगा। प्लांट के आसपास की बंजर जमीन पर नेपियर घास उगाई जाएगी। इसका भी बायो मास के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
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