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पाकिस्तान में फंसे 15 हजार अफगानी नागरिक: ट्रम्प ने अमेरिका आने पर रोक लगाई, बाइडेन ने शरण देने का वादा किया था

इस्लामाबाद, काबुल22 घंटे पहले

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अफगानिस्तान में 2021में तालिबान की वापसी के बाद लाखों लोगों ने पाकिस्तान में पलायन किया था। - Dainik Bhaskar

अफगानिस्तान में 2021में तालिबान की वापसी के बाद लाखों लोगों ने पाकिस्तान में पलायन किया था।

अफगानिस्तान की तालिबानी सत्ता के डर से अमेरिका जाने वाले अफगानी लोग अब पाकिस्तान में फंस गए हैं। वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का शरणार्थियों को लेकर जारी कार्यकारी फरमान। इस आदेश के तहत अगले 90 ​दिनों तक किसी भी देश से शरणार्थी अमेरिका नहीं आ सकते हैं।

पाकिस्तान में 15 हजार से ज्यादा शरणार्थी ऐसे हैं जिन्हें बाइडेन प्रशासन ने अपने देश में आने की इजाजत दे दी थी। बता दें कि अमेरिका ने 2021 में अफगानिस्तान छोड़ने से पहले हजारों शरणार्थियों को देश में जगह देने का वादा किया था।

लेकिन ट्रम्प के आदेश के चलते इन सब शरणार्थियों का भविष्य अब अधर में लटक गया है। उन्हें डर है कि वापस लौटे तो तालिबानी सत्ता जिंदा नहीं छोड़ेगी।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद, 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद, 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

पाकिस्तान ने 31 मार्च तक देश छोड़ने का आदेश दिया

अफगानिस्तान के लोग इन दिनों इस्लामाबाद-रावलपिंडी में सड़कों पर हैं। उनकी मांग है कि ट्रम्प इस फैसले को पलटें नहीं तो उन्हें संकट का सामना करना पड़ेगा।

इस बीच पाकिस्तान सरकार ने अफगानिस्तान के शरणार्थियों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। पाक सरकार का कहना है कि जो अफगान शरणार्थी किसी तीसरे देश में स्थानांतरित नहीं हो सकते, उन्हें 31 मार्च 2025 के बाद पाकिस्तान छोड़ना होगा।

शरणार्थी समूहों ने पाक की शहबाज सरकार के इस ऐलान की आलोचना की है। उनका कहना है कि अफगानिस्तान लौटने पर इनकी जान को खतरा है। ट्रम्प को फैसले पर विचार करना चाहिए। अफगान इवैक समूह के संस्थापक शॉन का कहना है कि इस संकट के समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

अफगानियों को शरण मिलने में देरी के चलते 2023 से ही पाकिस्तान में प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

अफगानियों को शरण मिलने में देरी के चलते 2023 से ही पाकिस्तान में प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों का संकट

तालिबान के सत्ता में आने के बाद लाखों अफगान नागरिकों ने पड़ोसी देशों का रुख किया, जिनमें सबसे अधिक लोग पाकिस्तान और ईरान पहुंचे। पाकिस्तान में पहले से ही लगभग 30 लाख अफगान शरणार्थी थे, जिनमें से अधिकांश 1980 के दशक में सोवियत आक्रमण के दौरान आए थे।

तालिबान की वापसी के बाद 6 लाख से अधिक नए शरणार्थी पाकिस्तान पहुंचे। 2023 के अंत तक पाकिस्तान सरकार ने अवैध अफगान शरणार्थियों को वापस भेजने का अभियान शुरू कर दिया था।

पाकिस्तान ने 15 लाख से अधिक अवैध अफगानों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। तालिबान सरकार ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है। लेकिन पाकिस्तान ने अपने राष्ट्रीय हितों का हवाला देकर इस कार्रवाई को जारी रखा है।

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