बड़वानी के किसानों के लिए यह साल चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। फरवरी में हुई बारिश और कोहरे के कारण चने का उत्पादन पिछले साल की तुलना में आधा रह गया है।
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किसानों के मुताबिक, इस बार प्रति एकड़ सिर्फ 4-5 क्विंटल चना उत्पादन हो रहा है। पिछले साल यह 10-11 क्विंटल प्रति एकड़ था। खरीफ में सोयाबीन से हुए नुकसान के बाद किसानों ने इस बार चने की खेती पर ज्यादा ध्यान दिया था।
सेगांव के किसान दीपक गेहलोद ने बताया कि उन्होंने 16 एकड़ में चने की खेती की। प्रति एकड़ 15-20 हजार रुपए की लागत आई। बीज की कीमत 17 हजार रुपए प्रति क्विंटल थी। कम उत्पादन के बावजूद बाजार में चने के दाम नहीं बढ़े।
वर्तमान में चने का भाव 7-8 हजार रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा, जबकि किसानों की मांग 16-17 हजार रुपए प्रति क्विंटल की है। समर्थन मूल्य भी कम होने से किसान आर्थिक संकट में हैं। गेहूं की कटाई में अभी एक सप्ताह का समय लगेगा।
मनवाड़ा गांव के किसान भागीरथ पटेल ने बताया कि चार एकड़ खेत पर चने की फसल लगाई थी। उम्मीद थी कि पर एकड़ 10 से 11 क्विंटल चने का उत्पादन होगा, मगर चार एकड़ खेत में मात्र 25 क्विंटल चने का उत्पादन हुआ है। इसमें बीज, खाद, दवाई, बुआई, निंदाई, कटाई, निकलवाई, सब मिलकर 20 हजार रुपए प्रति एकड़ का खर्च लगा है। करीब 80 हजार रुपए तो चार एकड़ में खर्च हो गए हैं। बाजार में भाव भी कम हैं। 8 हजार रुपए क्विंटल ही चना बिक रहा है, जबकि आवक कम होने से भावों में उछाल होना था। 12 से 15 हजार रुपए क्विंटल का भाव होना चाहिए था।


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