नई दिल्ली. गुकेश 18 साल की उम्र में दुनिया के सबसे युवा शतरंज चैंपियन बने. उन्होंने डिंग लिरेन को 14वीं बाजी में हराकर खिताब अपने नाम किया. गुकेश ने यह जीत काले मोहरों से खेलते हुए दर्ज की. गुकेश लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं. वह युवाओं के लिए एक प्रेरणा की तरह उभरकर सामने आए हैं. गुकेश ने इस दौरान न्यूज18 के साथ भी बात की और उन्होंने बताया कि उनकी फैमिली ने उन्हें कितना सपोर्ट किया.
गुकेश ने न्यूज18 से इंटरव्यू में बात करते हुए कहा, गेम 1 काफी टफ था. पहला गेम जीतना मेरे लिए स्ट्रेस फुल था. 11 और 12 वां गेम भी अच्छा था. गेम टाइट था. 13वें गेम में मेरे पास विनिंग चांस था. लेकिन 14 वें में मैं जीत गया. मेरे पापा मेरे साथ ट्रेवल कर रहे थे. मेरी मां ने मुझे इमोशनली काफी सपोर्ट किया. विश्वनाथन आनंद मेरे लिए रोल मॉडल रहे हैं. मैंने काफी पहले ही तय कर लिया था कि मुझे वर्ल्ड चैंपियन बनना है.”
बता दें कि गुकेश डी के पिता सर्जन हैं. वह अपने बेटे के लिए अपना काम तक छोड़ने के लिए तैयार थे. दरअसल, जब भी गुकेश का कोई टूर्नामेंट होता था तो वह उनके साथ चले जाया करते थे. महीने के 15 दिन वह गुकेश के साथ ही बिताते थे. इसके बाद के 15 दिन वह अपने काम में लगाते थे. इसका असर उनके करियर पर हो सकता था लेकिन वह ऐसा करने से कभी नहीं डरते थे.
FIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 22:47 IST
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