पिता बनाते हैं गेट और ग्रिल, बेटी ने रचा इतिहास! सासाराम की एकमात्र महिला हॉकी खिलाड़ी बनीं ज्योति
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सासाराम की ज्योति कुमारी ने बिहार महिला हॉकी टीम में चयनित होकर जिले का नाम रोशन किया है. साधारण किसान परिवार से आने वाली ज्योति अब हरियाणा में बिहार का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- ज्योति कुमारी बनीं सासाराम की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी
- हरियाणा में बिहार का प्रतिनिधित्व कर रही हैं ज्योति
- ज्योति की सफलता से जिले के अन्य खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा
सासाराम की ज्योति कुमारी ने अपने खेल के जुनून और कड़ी मेहनत से न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है. नगर निगम सासाराम के बेलाढी गांव की रहने वाली ज्योति का चयन बिहार महिला हॉकी टीम में हुआ है. अब वे हरियाणा में चल रही 15वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला हॉकी चैंपियनशिप में बिहार का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. उनके इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी संघर्ष और संकल्प से भरी हुई है.
ज्योति एक साधारण किसान परिवार से आती हैं. उनके पिता अनिल सिंह खेती के साथ-साथ गेट-ग्रिल बनाने का काम करते हैं, जिससे परिवार का भरण-पोषण होता है. लेकिन, ज्योति ने परिस्थितियों को कभी अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया. वह सासाराम की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने राज्य स्तरीय टीम में अपनी जगह बनाई.
शेरशाह कालेज से की है पढ़ाई
ज्योति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय बेलाढी से पूरी की और फिलहाल शेरशाह कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. खेल के प्रति उनका समर्पण और पढ़ाई में उनकी रुचि उन्हें औरों से अलग बनाती है. उनके चयन से जिले के अन्य हॉकी खिलाड़ियों का भी हौसला बढ़ा है.
लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान ज्योति के दादा राम बशिष्ठ सिंह ने कहा, ‘हॉकी टीम में चयन होने से हमारा परिवार और पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है. जो लोग अपनी बेटियों को खेलने और पढ़ने से रोकते हैं, वे बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं.’
वहीं पिता अनिल सिंह ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, ‘बचपन से ही ज्योति का खेल की तरफ झुकाव था. शुरुआत में मैंने उसे हॉकी खेलने से रोका, लेकिन उसकी जिद और मेहनत देखकर मुझे हार माननी पड़ी. अब जब वह आगे बढ़ रही है, तो बस यही चाहता हूं कि वह देश के लिए खेले और परिवार का नाम रोशन करे.’
बीबीए की कर रही पढ़ाई
बड़ी बहन राधा कुमारी ने बताया कि ज्योति बचपन से ही खेलने-कूदने में माहिर थी. जब उसने हॉकी खेलने की इच्छा जताई, तो मैंने उसका पूरा समर्थन किया. वह पढ़ाई में भी होशियार है और फिलहाल बीबीए कर रही है.
ज्योति की इस उपलब्धि से जिले के अन्य युवा हॉकी खिलाड़ियों का हौसला भी बढ़ा है. अब कई और लड़कियां भी हॉकी में करियर बनाने की प्रेरणा ले रही हैं. जिले के खेल प्रेमियों को उम्मीद है कि ज्योति आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएगी और बिहार का गौरव बढ़ाएगी.
March 09, 2025, 15:55 IST
पिता बनाते हैं गेट और ग्रिल, बेटी ने रचा इतिहास! हॉकी खिलाड़ी बनीं ज्योति
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