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पितृ अमावस पर श्राद्ध तर्पण हुआ: गायत्री शक्ति पीठ परिव्राजक पल्लवी शास्त्री बोलीं- पूर्वजों को संतुष्ट करने से पितृ दोष दूर होता है – Barwani News

सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या का हिंदू सनातन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन पितृ अमावस्या पर हमारे दिवंगत पूर्वज अन्न जल और उत्तम भोजन की इच्छा करते हैं ऐसे में उन्हें तृप्त करने के लिए उनका श्राद्ध पिंडदान और तर्पण करना चाहिए। क्य

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यह बात बुधवार को पितृ अमावस के अवसर पर श्राद्ध तर्पण करवाते हुए अंजड़ में गायत्री शक्ति पीठ परिव्राजक पल्लवी शास्त्री ने कही। तर्पण कार्यक्रम के प्रारंभ में शक्ति पीठ के मुख्य ट्रस्टी जगदीश एग्रो, संरक्षक डॉक्टर एलएन वडनेरे, शोभाराम मोगरिया ने पूजा स्थली पर गायत्री माता एवं गुरुदेव, माताजी के चित्र पर पूजन कर दीप प्रज्जवलित किया।

श्रीमती शास्त्री ने बताया कि प्रत्येक सनातनी को अपने दिवंगत परिजनों और पूर्वजों का तर्पण करना चाहिए। क्योंकि तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति सद्गति और संतुष्टि मिलती है। हिंदू धर्म में 16 दिन के श्राद्ध पक्ष में परिवार के लोग प्रतिदिन जलते कंडे की अग्नि पर घी शक्कर से धूप देकर दिवंगत पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं और ब्राह्मण भोज एवं दान पुण्य करते हैं।

इस पितृ मोक्ष अमावस के अवसर पर तर्पण करने आए उपस्थित सभी भाई बहनों ने अपने दिवंगत माता-पिता, बेटे-बेटियों , दादा-दादी सहित अपने परिजनों , गुरुजनों , रिश्तेदारों और देश की रक्षा में शहीद हुए जवानों को जौ, काले तिल, फूल, चावल, दूध दही और शहद से आटे की 12 पिंडो पर “ॐ पितृभ्य: स्वधा” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल अर्पित करते हुए श्राद्ध तर्पण किया।

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