आरोप है कि भाजपा नेता कॉलेज कर्मचारियों से अपने घर काम करवा रहे हैं।
नर्मदापुरम जिले के पिपरिया के शहीद भगतसिंह शासकीय पीजी कॉलेज में शनिवार को प्राचार्य और जनभागीदारी के तहत कर्मचारियों के बीच हुए विवाद का मामला आज (सोमवार) एसपी तक पहुंच गया। कॉलेज प्राचार्य खुद शिकायती आवेदन लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे और मारपीट होने की श
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प्रभारी प्रिंसिपल राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि कॉलेज कैंपस में पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी के प्रतिनिधि व नगरपालिका के पति नवनीत नागपाल, भाजपा नेता समेत कर्मचारियों ने मेरे साथ मारपीट की है। उन्होंने शिकायत में लिखा कि विधायक, उनके करीबी नेता नागपाल और भाजपा मंडल अध्यक्ष बलराम ठाकुर, सुनील गुप्ता समेत अन्य राजनैतिक दबाव डाल रहे हैं। 7 पेज की शिकायत में 11 बिंदुओं में प्रिंसिपल ने पूरे मामले का उल्लेख और पिपरिया थाने में शिकायत दर्ज नहीं होने की बात बताई।
एएसपी आशुतोष मिश्रा ने बताया, प्राचार्य डॉक्टर आरके वर्मा ने शिकायत पत्र दिया है। पिपरिया एसडीओपी को जांच के लिए सौंपा है।
प्राचार्य बोले- कर्मचारी विधायक व समर्थकों के घर काम कर रहे प्राचार्य वर्मा ने एसपी से की शिकायत में लिखा कि मेरे प्रभारी प्राचार्य बनने से पहले जनभागीदारी कर्मचारी ललित विश्वकर्मा, विधायक ठाकुरदास नागवंशी के घर और रोहित राजपूत, सुनील गुप्ता विधायक के करीबी नवनीत नागपाल व राजश्री दुबे के घर सेवाएं दे रहे हैं। विधायक नागवंशी एवं नवनीत नागपाल, सुनील गुप्ता समेत अन्य फोन कर धमकी देते कि इन्हें रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराकर हमारे घर कार्य करने आने देना। वेतन नहीं काटना। वेतन काटने पर तुम्हें जेब से देना पड़ेगा। प्राचार्य पद से भी हटवा दिया जाएगा।
इसी कम में तीनों कर्मचारी रजिस्टर पर साइन कर चले जाते थे। इस बीच मैंने कमिश्नर के आदेश का उल्लेख कर सभी कर्मचारियों को समय पर कॉलेज में उपस्थित होकर कार्य करने का कहा। इन जनभागीदारी समितियों से नियुक्त कुछ कर्मचारियों को भी बुलाया था। इन्होंने इस बात की शिकायत विधायक नागवंशी से कर दी। विधायक ने राजीव माहेश्वरी का नाम दोबारा प्रभारी प्राचार्य के रूप में उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा। इसके बाद नियम विरूद्ध मुझे हटाकर राजीव को प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया। लेकिन कुछ समय बाद शासन मुझे दोबारा प्राचार्य बना दिया।
प्राचार्य का आरोप है कि भाजपा नेताओं ने कॉलेज कैंपस में मेरे साथ मारपीट की है।
समय से कॉलेज आने का कहा तो मारपीट इसके बाद 8 जनवरी को हुई स्टाफ काउंसलिंग की बैठक में मैंने स्टाफ को तय समय से आने और कम से कम 7 घंटे कॉलेज में रहने के निर्देश दिए। लैब अटेंडेंट राज ऋषि दुबे, ललित विश्वकर्मा समेत अन्य ने फिरसे मेरी शिकायत विधायक और उनके करीबियों से की। शनिवार (11 जनवरी) दोपहर में 3 बजे जब मैं परीक्षा कक्ष में काम कर रहा था। इसी दौरान फिजिक्स विभाग के अंबिका सिंह मुझे भला-बुरा कहने लगे, राजश्री दुबे वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे। मैंने वीडियोग्राफी और चिल्लाने को मना किया तो राजश्री ने कॉलेज से बाहरी व्यक्तियों को बुलाने की धमकी दी।
थोड़ी देर में नवनीत नागपाल, भाजपा मंडल अध्यक्ष बलराम ठाकुर, सुनील गुप्ता, राजा गुर्जर, मनोज पाल, बंटी बल्दुआ, राजीव माहेश्वरी, अरूण मोहता, कैलाश नामदेव, राजराठी, रोहित राजपूत कॉलेज आ गए। नवनीत ने मुझसे मारपीट झूमा झटकी की और गाली देना शुरू किया। मुझसे मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
विधायक करीबी बोले- आरोप गलत, हम चाय पीकर आए आरोपों को लेकर विधायक के करीबी नवनीत नागपाल ने कहा कि प्रिंसिपल के लगाए आरोप झूठे हैं। उन्हें हटाने के लिए विधायक पत्र लिख चुके हैं, वे इसी की खुन्नस निकाल रहे हैं। प्रिंसिपल से कर्मचारी काफी नाराज है। हमें शिकायत मिली थी, इसलिए हम शनिवार को कॉलेज अपने साथियों के साथ पहुंचे थे। प्राचार्य का बर्ताव ठीक नहीं था, हमने खुद ने उन्हें कहा कि आप प्राचार्य के पद पर हैं, ऐसा व्यवहार आपको शोभा नहीं देता। उनके साथ हम सभी चाय भी पीकर आए। अगर हमने मारपीट की है तो इतने लोग थे। वे गवाही दें।
थाने पहुंचा था मामला, दोनों पक्ष ने शिकायत भी की शनिवार को कॉलेज में प्रिंसिपल और स्टाफ के बीच के विवाद की शिकायत थाने भी पहुंचा था। जहां दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायती आवेदन दर्ज कराए हैं। थाना प्रभारी गिरीश त्रिपाठी के मुताबिक प्रिंसिपल राकेश वर्मा और लैब अटेंडेंट राज ऋषि दुबे, दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ अभद्रता का आरोप लगाते हुए शिकायती आवेदन दिए थे। दोनों पक्षों के आवेदनों की जांच करवा की जा रही है।
जमानत पर जेल से बाहर हैं नागपाल जानकारी के अनुसार, 8 महीने पहले 10 मई को गेहूं खरीदी घोटाले में पिपरिया कोर्ट ने भाजपा नेता नवनीत नागपाल समेत 10 लोगों को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट के फैसले के बाद नवनीत समेत अन्य आरोपियों को पिपरिया उपजेल भी भेजा गया। लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसे जमानत मिल गई। तब से भाजपा नेता जमानत पर है।
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