पीथमपुर में जहरीला कचरा जलाने के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका नागरिक उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने दायर की है। इसकी सुनवाई सोमवार को होगी।
By Prashant Pandey
Publish Date: Sat, 04 Jan 2025 01:01:45 PM (IST)
Updated Date: Sat, 04 Jan 2025 03:00:30 PM (IST)
HighLights
- सरकार से शपथपत्र प्रस्तुत करने और रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है।
- हाईकोर्ट ने पहले ही यूनियन कार्बाइड का कचरा हटाने का आदेश दिया था।
- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से भी कचरा जलाने के मामले में निर्देश देने की मांग।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। नागरिक उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने यूनियन कार्बाइड कचरा निस्तारण मामले में एनजीटी भोपाल में याचिका दायर की है। यह याचिका शनिवार को दायर की गई, जिस पर शीघ्र सुनवाई की मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में पूर्व से दायर जनहित याचिका पर संज्ञान आधार पर सोमवार को सुनवाई निर्धारित है। इसके साथ इंदौर बेंच में दायर याचिका को संलग्न करके विचार किया जाएगा।
इधर सरकार कचरा जलाने हाईकोर्ट से मांगेगी समय
मध्य प्रदेश सरकार हाई कोर्ट में शपथ पत्र देकर यूनियन कार्बाइड के कचरे के निस्तारण के लिए समय मांगेगी। इसके लिए जन जागरण को आधार बनाया जाएगा। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बताया कि हम पूरी कवायद सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार ही कर रहे हैं।
हर स्तर पर संवाद किया जा रहा है ताकि किसी प्रकार के कोई भ्रम की स्थिति ना रहे। यूनियन कार्बाइड का भी 10 टन कचरा पूर्व में वहां जलाया जा चुका है और उसके जो निष्कर्ष निकलकर सामने आए थे वह सभी मानकों के अनुरूप थे तभी सुप्रीम कोर्ट ने आगे बढ़ाने के निर्देश दिए थे। अभी कचरा जलाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
इधर उपभोक्ता मंच के नाजपांडे ने अपनी एनजीटी की याचिका में सवाल उठाया है कि यूनियन कार्बाइड कचरे के निस्तारण में नुकसान नहीं होगा, यह सरकार स्पष्ट करे। यह भी बताए कि
कया कार्यवाही नियमानुसार हुई है? सरकार इस सिलसिले में शपथपत्र प्रस्तुत करे। वैज्ञानिक रिपोर्ट भी सार्वजनिक करे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल इस संबंध में निर्देश जारी करें।
शपथपत्र के साथ घोषणा करें
युनियन कार्बाइड के जहरीले कुचरे के निस्तारण मे भूमि, जल तथा वायु में कोई विपरीत परिणाम नहीं होगा तथा वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 का पालन हुआ, यह शपथपत्र के साथ मुख्य सचिव, मप्र शासन घोषणा करें। आयुक्त, नगर निगम, भोपाल, धार तथा पीथमपुर भी शपथपत्र प्रस्तुत करें कि उस क्षेत्र के लोगों को नुकसान नहीं होगा।
नागरिकों के जीवन के अधिकार का संरक्षण होना चाहिए
प्रदेश सरकार कचरे के निस्तारण पर वैज्ञानिक रिपोर्ट अखबारों में प्रकाशित कर उसे सार्वजनिक करें। अधिवक्ता प्रभात यादव ने याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया कि नागरिकों के जीवन के अधिकारों का संरक्षण होना चाहिए, इसकी गारंटी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदान की गई है।
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