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पीथमपुर में अब पुलिस की मुस्तैदी, पुलिस ने लोगों को घरों में कैद किया; MP High Court पर नजर

भोपाल गैस त्रासदी का कचरा नष्ट करने का पीथमपुर में स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। प्रशासन ने पुलिस बल तैनात कर निषेधाज्ञा लागू की। हाई कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने कचरे को नष्ट करने की योजना बनाई है। विरोध के कारण कचरा संयंत्र में लाने में देरी हो रही है।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Sun, 05 Jan 2025 09:49:27 PM (IST)

Updated Date: Sun, 05 Jan 2025 11:10:47 PM (IST)

हाई कोर्ट निर्देशों पर सरकार की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत।

HighLights

  1. यूनियन कार्बाइड कचरा नष्ट करने का पीथमपुर में विरोध।
  2. संयंत्र के आसपास निषेधाज्ञा, पुलिस सतर्क और तैनात।
  3. भोपाल से आए 12 कंटेनर चार दिन से फैक्ट्री में ही रुके।

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया : भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी के 40 वर्ष बाद यूनियन कार्बाइड का कचरा नष्ट करने के विरोध में धार जिले के पीथमपुर में बीते दो दिन हुए बवाल के बाद रविवार को पीथमपुर में शांति रही। हालांकि पुलिस-प्रशासन सतर्क है और गलियों और मोहल्लों में पुलिस बल तैनात किया गया है।

वहीं, संयत्र के 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू है। संभागायुक्त और कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक मय फोर्स के हालात का जायजा ले रहे हैं। सोमवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ में कचरे के निष्पादन पर राज्य सरकार को अब तक की अनुपालन आख्या प्रस्तुत करनी है।

हाई कोर्ट में कारण बताएगी सरकार

शासन स्तर पर इसकी तैयारी की गई है। अलबत्ता, विरोध के चलते अब तक पीथमपुर में कचरे का निष्पादन न किए जाने का कारण भी सरकार हाई कोर्ट में बताएगी। वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए हाई कोर्ट से अग्रिम आदेश का अनुरोध किया जाएगा, ऐसा शासन स्तर के अधिकारियों का कहना है।

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जनहानि की आशंका से विरोध

बता दें कि पीथमपुर के लोग रासायनिक कचरे से जनहानि की आशंका जाहिर करते हुए विरोध कर रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार की ओर से उन्हें लगातार इस बारे में आश्वस्त किया जा रहा है कि विशेषज्ञों की निगरानी में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कचरे के निस्तारण का निर्णय लिया गया है।

जलवायु को कोई नुकसान नहीं

विशेषज्ञों ने संतुष्ट कर दिया है कि कचरे को नष्ट करने से जलवायु को कोई नुकसान नहीं होगा। अलबत्ता, पीथमपुर वाले कचरे को कहीं और ले जाकर नष्ट करने की मांग पर ही अड़े हुए हैं। यही वजह है कि भोपाल से 337 टन कचरा लेकर आए सभी 12 कंटेनर चार दिन से पीथमपुर स्थित उस संयत्र में ही खड़े हैं, जहां कचरे को नष्ट करने का निर्णय लिया गया है।

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कचरा इस संयत्र में उतरने ही न पाए, इसके लिए शुक्रवार को आंदोलनकारियों ने पूरा पीथमपुर बंद रखा। उग्र प्रदर्शन किया। जाम लगाया। पथराव किया और दो भाजपा कार्यकर्ताओं ने आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया। शनिवार को भी आंदोलनकारियों ने बवाल करते हुए संयत्र पर पथराव किया।

हाई कोर्ट के आज के रुख पर सबकी नजरें

भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन की वस्तुस्थिति को लेकर राज्य सरकार की ओर से सोमवार को हाईकोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ में अनुपाल रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, मुख्यसचिव अनुराग जैन व अन्य अधिकारी कह रहे हैं कि पीथमपुर में विरोध के बारे में भी हाई कोर्ट को अवगत कराकर आगे के कदम के बारे में निर्देशन की मांग की जाएगी। उसके आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा। ऐसे में, सोमवार को हाई कोर्ट के रुख पर सबकी नजरें लगी हुई हैं।

प्रमुख सचिव को हिदायत

बता दें कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने दिसंबर में यूनियन कार्बाइड परिसर का जहरीला कचरा एक माह में हटाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे। इसके साथ ही यह चेतावनी भी दी थी कि यदि आदेश का पालन करने में संबंधित विभाग विफल रहता है तो उसके प्रमुख सचिव के विरुद्ध अवमानना कार्रवाई की जाएगी।

यह हिदायत भी दी थी कि राज्य के मुख्य सचिव व भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा। इस आदेश के परिपालन में शासन ने कचरा के निष्पादन की कार्रवाई की गई है।

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