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पीली पॉलीथिन में ड्रग्स पैक कर लग्जरी कारों से तस्करी: लाइव लोकेशन से होती थी डिलीवरी, MP के ड्रग तस्करों की हिडन सप्लाई का खुलासा – Bhopal News

भोपाल के बगरोदा इंडस्ट्रियल एरिया में बंद पड़ी फर्नीचर फैक्ट्री में अवैध रूप से एमडी ड्रग्स बनाने वाले तस्करों के तार देश के आधा दर्जन राज्यों के बड़े तस्करों से जुड़े हैं। मंदसौर के रहने वाले हरीश आंजना के राजस्थान निवासी दोस्त शोएब लाला ने प्रतापगढ

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ड्रग डिलीवरी के लिए आरोपियों ने अनोखा तरीका अपनाया था। पहचान छिपाने के लिए आरोपी ड्रग की खेप खास पीले रंग की पॉलीथिन में पैक करते थे। जिस शहर में इस माल की डिलीवरी करनी होती थी, वहां आउटर में माल को सुबह 3-4 बजे के बीच ही छोड़ा जाता था।

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यहां से माल देने वाला टेलीग्राम या वॉट्सऐप पर लाइव लोकेशन सेंड करता था। माल उठाने वाला इस लोकेशन के आधार पर पहुंचता और पीले रंग की पॉलीथिन में बंद माल को उठाकर ले जाता। डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए शोएब लाला दूर खड़ा होकर निगरानी करता था। माल रिसीव करने के बाद टेलीग्राम ग्रुप में रिसीव्ड का मैसेज किया जाता था।

आरोपी अमित चतुर्वेदी और सान्याल बाने 15 अक्टूबर तक एनसीबी की रिमांड पर हैं।

आरोपी अमित चतुर्वेदी और सान्याल बाने 15 अक्टूबर तक एनसीबी की रिमांड पर हैं।

दो खेप में चार सौ किलो ड्रग्स भेजी गई मंदसौर पुलिस की गिरफ्त में आए प्रेमसुख पाटीदार ने पूछताछ में खुलासा किया है कि 400 किलो माल भोपाल की फैक्ट्री में तैयार होकर दो खेप में उसके जरिए शोएब लाला तक हरीश आंजना पहुंचा भी चुका था। शोएब प्रतापढ़ में बनाए गए सप्लाई सेंटर से देश के अन्य राज्यों में एमडी ड्रग्स की तस्करी करता था। इन राज्य के सीमावर्ती जिलों में यह डील की जाती थी। बता दें कि थाने में सरेंडर से पहले उसने पुलिस की मौजूदगी में खुद को गोली मार ली थी।

सान्याल और शोएब लाला के बीच की कड़ी है हरीश सान्याल बाने, अमित चतुर्वेदी ड्रग्स बनाने के बाद हरीश आंजना के जरिए ही खपाते थे। ड्रग्स खपाने की जिम्मेदारी हरीश आंजना की थी। वह प्रेमसुख पाटीदार के जरिए शोएब लाला और उस जैसे दर्जन भर से ज्यादा बड़े तस्करों से सीधे संपर्क में था। यह गिरोह राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब के बीच बड़ा कारोबार करता था। एमडी ड्रग्स बनाने के लिए रॉ मटेरियल की खरीदी भी इन्हीं के बीच होती थी।

अन्य राज्य की पुलिस भी कार्रवाई में होगी शामिल एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री चलाने वाले आरोपियों से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की पूछताछ में खुलासे के बाद इस कार्रवाई में राजस्थान पुलिस को भी शामिल किया जा रहा है। राज्य की इंटेलिजेंस विंग को तस्करों के खिलाफ पुख्ता जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, तस्कर गिरोह से जुड़े लोगों को सर्विलांस पर रखा गया है, उनकी मिनट-टु-मिनट वॉचिंग हो रही है।

शोएब लाला की तलाश में जुटी एनसीबी आरोपियों से अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि शोएब लाला के पूरे राजस्थान में कॉन्टैक्ट हैं। वह राजस्थान और दूसरे राज्यों में तस्करों के बीच मीडिएटर की अहम भूमिका निभा चुका है। एनसीबी अब शोएब लाला की तलाश कर रही है, लेकिन वह फरार है।

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शोएब लाल के मुंबई, दिल्ली और पंजाब में जड़े जमा चुके अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स तस्करों से संबंध होने की आशंका भी जताई जा रही है। एनसीबी इस दिशा में भी जांच कर रही है। टीम मंदसौर में है। हरीश और प्रेम सुख की संपत्ति का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है।

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सड़क मार्ग से एक से दूसरे राज्य पहुंचाई जाती थी ड्रग्स की खेप ड्रग्स की खेप सड़क मार्ग से एक राज्य से दूसरे राज्य और शहरों तक पहुंचाई जाती थी। इसके लिए सभी आरोपी लग्जरी कारों का इस्तेमाल करते थे। एनसीबी को हरीश के पास पांच लग्जरी कारें होने की जानकारी मिली है। प्रेमसुख के पास तीन लग्जरी कारें हैं। इन आठ कारों के जरिए ही ड्रग्स का नेटवर्क चलता था।

एमपी की सीमा के बाहर भी इन्हीं कारों के जरिए माल पहुंचाया जाता था। कच्चा माल ट्रांसर्पोटर्स के माध्यम से बगरौदा की फैक्ट्री तक लाया जाता था। एनसीबी ने भोपाल के पांच ट्रांसर्पोटर्स से भी पूछताछ की है।

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