स्पेस एजेंसी ने लिखा कि इस इमेज में दिखने वाला चमकीला ऑरोरा हवा में एक गड़बड़ी की वजह से पैदा हुआ है। हाल ही एक एक रिसर्च से भी पुष्टि हुई है कि शनि ग्रह पर बनने वाले ऑरोरा की वजह वहां की हवाएं हैं। लीसेस्टर यूनिवर्सिटी (University of Leicester) के वैज्ञानिक दावा कर चुके हैं कि शनि ग्रह के कुछ ऑरोरा इस ग्रह के वातावरण के अंदर घूमने वाली हवाओं से पैदा होते हैं।
नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप और कैसिनी स्पेसक्राफ्ट ने शनि ग्रह को काफी एक्सप्लोर किया है। कैसिनी (Cassini) स्पेसक्राफ्ट को साल 1997 में लॉन्च किया गया था। वह साल 2004 में शनि ग्रह तक पहुंचा। तब से इसने शनि ग्रह को बारीकी से समझने की कोशिश की है।
मौजूदा तस्वीर को लेकर नासा का कहना है कि शनि ग्रह पर जो ऑरोरा बनते हैं उनकी वजह सौर हवाओं का दबाव है। तस्वीर को साल 2004 में कैप्चर किया गया था। खास यह है कि पृथ्वी पर ऑरोरा कुछ मिनटों तक घंटों तक दिखाई देते हैं, जबकि शनि ग्रह पर ये कई दिनों तक नजर आते हैं। इस तस्वीर को हबल टेलीस्कोप ने कैप्चर किया था, जो बीते करीब 30 साल से हमारे ब्रह्मांड पर नजर बनाए हुए है।
नासा की यह तस्वीर इंटरनेट यूजर्स को काफी पसंद आ रही है। इस इंस्टाग्राम पोस्ट को अबतक 2 लाख से ज्यादा लाइक मिल गए हैं। पृथ्वी पर ऑरोरा को देखने के लिए ग्रीनलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड आदि को बेस्ट जगह माना जाता है।
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2023-11-16 13:01:44
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