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पेंडिंग केस शिविर लगाकर निपटाना होंगे: 26 संजीवनी क्लिनिक के लिए अस्पताल व डॉक्टरों की सहमति – Indore News

संजीवनी क्लिनिक की व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी और बेहतर बनाया जाएगा। इसके लिए निजी क्षेत्र के बड़े अस्पतालों और चिकित्सकों की सेवाएं ली जाएंगी। फिलहाल 26 संजीवनी क्लिनिक के लिए अस्पतालों और चिकित्सकों की सहमति मिल गई है।

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सोमवार को टीएल बैठक में यह जानकारी कलेक्टर आशीष सिंह ने दी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि टीएल के मुद्दे होते ही हैं समय-सीमा पर निपटान के, उसमें भी लापरवाही हुई तो अच्छा नहीं होगा। इसी के चलते जिला शिक्षा अधिकारी सुषमा वैश्य का एक महीने का वेतन काटने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए।

उन्होंने जिले में सीएम हेल्पलाइन व लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत पेंडिंग प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करने के लिए कहा। निर्देश दिए कि 50 दिन से अधिक की अवधि के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं रहें। इन प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए शिविर लगाए जाएं।

अधिकारी प्रतिदिन सीएम हेल्पलाइन को अनिवार्य रूप से देखें। संबंधित आवेदक से चर्चा कर निराकरण की प्रक्रिया शुरू कर दें। जिले में पर्याप्त खाद उपलब्ध है। किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय पर खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। किसी भी तरह खाद की कोई कमी नहीं है।

बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही वेतन देंगे

कलेक्टर ने बताया कि दिसंबर का वेतन जो जनवरी में देय होगा, वह बॉयोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही मिलेगा। इसके लिए उन्होंने जिला कोषालय अधिकारी को एसओपी बनाने के निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर गौरव बैनल, रोशन राय, राजेंद्र रघुवंशी मौजूद थे।

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