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पेरिस पैरालंपिक 2024 के तीसरे दिन भारत को मिला एक मेडल, रूबीना को ब्रॉन्ज

नई दिल्ली. भारत के लिए पेरिस पैरालंपिक का तीसरा दिन पैरा शूटर रूबिना फ्रांसिस ने यादगार बना दिया. रूबीना ने पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता. पैरालंपिक के इतिहास में इस इवेंट में यह भारत का पहला मेडल है. रूबिना फ्रांसिस ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ भारत की पदकों की संख्या को पांच तक पहुंचा दिया. वहीं बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार और सुकांत कदम शनिवार को पेरिस पैरालंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गए. जबकि तीरंदाज शीतल देवी को दिल तोड़ने वाली हार मिली. वह महज एक पॉइंट से अगले दौर में जगह बनाने से चूक गईं.

गत चैंपियन और विश्व रिकॉर्ड धारी निशानेबाजों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए 25 वर्षीय रूबिना फ्रांसिस (Rubina Francis)  ने कुल 211.1 अंक हासिल कर आठ महिलाओं के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया. उन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था. ईरान की जावानमार्डी सारेह ने 236.8 के कुल स्कोर के साथ अपना लगातार तीसरा पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीता जबकि विश्व रिकॉर्ड धारी तुर्की की ओजगान आयसेल ने 231.1 के साथ रजत पदक जीता. एसएच1 वर्ग में वो पैरा निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जो बिना किसी परेशानी के बंदूक संभालते हुए व्हीलचेयर या चेयर पर बैठकर या खड़े होकर निशाना लगा सकते हैं.

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मध्य प्रदेश के जबलपुर में मैकेनिक की बेटी रूबिना का जन्म एक पैर में दिव्यांगता के साथ हुआ था. दिग्गज भारतीय निशानेबाज गगन नारंग की ओलंपिक उपलब्धियों से प्रेरित होकर वह निशानेबाजी में आईं. रूबिना की प्रतिभा को गन फॉर ग्लोरी अकादमी ने 2015 में पहचाना और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्हें मशहूर कोच जसपाल राणा के छोटे भाई सुभाष राणा ने प्रशिक्षित किया है.

नितेश, सुकांत बैडमिंटन पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंचे
भारतीय शटलर नितेश कुमार और सुकांत कदम ने अपने आखिरी ग्रुप मैचों में सीधे गेम में जीत दर्ज करने के बाद क्रमशः पुरुष एकल एसएल 3 और एसएल 4 श्रेणियों के सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया. पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीतने वाले एसएल 3 वर्ग के खिलाड़ी नितेश ने थाईलैंड के मोंगखोन बुनसुन को 21-13, 21-14 से हराकर लगातार तीसरी जीत हासिल की और ग्रुप ए में शीर्ष स्थान हासिल किया. बुनसुन ने ग्रुप ए से दूसरे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया. दोनों ग्रुप में शीर्ष दो स्थानों पर रहने वाले खिलाड़ियों ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया. एसएल3 वर्ग निचले अंगों की गंभीर विकलांगता वाले खिलाड़ियों के लिए है. वे आधी चौड़ाई वाले कोर्ट पर खेलते हैं.

पुरुष एकल एसएल4 वर्ग में सुकांत ने थाईलैंड के टीमारोम सिरीपोंग को 21-12, 21-12 से हराकर ग्रुप बी में शीर्ष स्थान हासिल किया. और हमवतन सुहास यतिराज के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रहे. तीन खिलाड़ियों के ग्रुप में यह उनकी लगातार दूसरी जीत थी. सुकांत ने पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीता था. एसएल4 में वो एथलीट प्रतिस्पर्धा करते हैं जिनके निचले अंग में कमजोरी होती है और जन्हें चलने या दौड़ने में संतुलन की मामूली समस्या होती है.

शीर्ष खिलाड़ी ही सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करते हैं
पुरुषों की एसएल4 प्रतियोगिता में चारों ग्रुप में से केवल शीर्ष खिलाड़ी ही सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करते हैं. इससे पहले मनदीप कौर ने पेरिस महिला एकल एसएल3 स्पर्धा में ऑस्ट्रेलिया की विनोट सेलीन ऑरेली को हराकर महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया. मनदीप ने अपनी ऑस्ट्रेलियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ ग्रुप बी में अपना आखिरी मैच 21-23 21-10 21-17 से जीता. वह अपना पहला मैच नाइजीरिया की बोलाजी मरियम से हार गई थीं. क्वार्टरफाइनल में पहुंचने के लिए भारतीय खिलाड़ी के लिए यह मैच जीतना जरूरी था. उन्होंने तीन खिलाड़ियों के ग्रुप बी में दूसरा स्थान हासिल किया. मरियम ने ग्रुप में शीर्ष पर रहकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया.

साइकिलिस्ट और नौकायन में मिली निराशा
भारतीय साइकिल और नौकायन खिलाड़ियों को हालांकि पैरालंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. अरशद शेख और ज्योति गडेरिया अपने-अपने ट्रैक साइक्लिंग स्पर्धा में प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे और क्वालिफिकेशन राउंड में हारकर बाहर हो गए. पुरुषों के 1,000 मीटर टाइम ट्रायल सी13 के क्वालीफाइंग चरण में शेख 1:21.416 के समय से निराशाजनक निचले (17वें) पायदान पर रहे और फाइनल दौर में जगह बनाने में विफल रहे. वह शुक्रवार को पुरुषों की 3,000 मीटर परस्यूट सी2 स्पर्धा में भी विफल रहे थे. ज्येाति भी महिलाओं की 500 मीटर टाइम ट्रायल सी1-3 क्वालीफाइंग स्पर्धा में 49.233 के समय से निचले (11वें) स्थान पर रहीं. गुरुवार को वह महिलाओं की 3,000 मीटर परस्यूट सी1-3 क्वालीफाइंग स्पर्धा में निचले स्थान पर रही थीं. दोनों भारतीय रोड साइकिलिंग स्पर्धाओं में भी हिस्सा लेंगे. सी1 से सी5 एकल श्रेणियां हैं जिनमें कृत्रिम अंग या ऊपरी या निचले अंगों की सीमित गतिशीलता वाले एथलीट भाग लेते हैं.

बिना बांह की पैरा तीरंदाज शीतल देवी बाहर
तीरंदाजी में मिश्रित नतीजे देखने को मिले क्योंकि देश की बिना बांह की पैरा तीरंदाज शीतल देवी पैरालंपिक से बाहर हो गईं जबकि सरिता कुमारी ने कंपाउंड महिला ओपन वर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया. नौवीं वरीयता प्राप्त सरिता ने इटली की एलेनोरा सार्टी को एकतरफा मुकाबले में 141-135 से हरा दिया. क्वार्टरफाइनल में सरिता का सामना तुर्की की ओनजुन क्यूर गिर्डी से होगा. अपने पैरों से तीर चलाने वाली शीतल प्री क्वार्टर में टोक्यो की रजत पदक विजेता चिली की मारियाना जुनिगा से 137-138 से हार गईं. सरिता ने सिर्फ एक अंक गंवाकर चार अंक की बढ़त बनाई. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और फिर अपनी बढ़त को पांच अंक तक पहुंचा दिया. इसमें उन्होंने केंद्र के करीब एक शॉट लगाया.
वहीं उनसे ऊंची रैंकिंग वाली इटली की प्रतिद्वंद्वी ने दो बार 10 अंक हासिल किए। लेकिन सरिता ने नियंत्रण बनाए रखा और जीत दर्ज की.

Tags: 2024 paris olympics, Paralympic Games

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