खंडवा में मंगलवार की सुबह जैन साध्वी लक्ष्मी भूषण माताजी का मंगल प्रवेश हुआ। इस दौरान समाजजन ने साध्वी के पैदल विहार के रास्ते पर रांगोली बनाई। पुष्पवर्षा का स्वागत किया और उनका आशीर्वाद लिया। साध्वी आदिनाथ दिगबंर जैन मंदिर छात्रावास पहुंची, जहां दोप
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जैन समाज के प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि साधु संत चलते-फिरते तीर्थ के समान होते हैं, जब भी नगर में साधु संतों का प्रवेश हो तो उनके सानिध्य एवं उनके द्वारा की जा रही धर्म प्रभावना का लाभ हमारे जीवन को सुखी बनाने के लिए अवश्य करना चाहिए। खंडवा पहुंची लक्ष्मी भूषण माताजी त्रिलोक तीर्थ प्रणेता आचार्य सन्मति सागर की शिष्या है। वे चार्तुमास के बाद रजवास से सिद्वी क्षेत्र ऊन पावागिरी के लिए पैदल विहार पर निकली है।
मुनि सेवा समिति ने साध्वी का स्वागत किया।
मंगलवार को सुबह साढ़े 8 बजे माताजी का ससंघ ग्राम रूधि से खंडवा शहर में मंगल प्रवेश हुआ। केवलराम पेट्रोल पंप से बुधवारा बाजार, सराफा जैन मंदिर, हरिगंज होते हुए आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर छात्रावास पहुंचे। माताजी का विहार तीर्थ क्षेत्र ऊन के लिए चल रहा हैं। इस दौरान विहार मार्ग पर आने वाले शहरों में वह रुककर धर्म की प्रभावना कर रही है। खंडवा में मंगल प्रवेश के दौरान मुनि सेवा समिति ने उनका स्वागत किया।
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जैन साध्वी का पैदल विहार हुआ।
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