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पैरालंपिक में जीते लागतार जीते 9 पदक, 11 बार मुख्यमंत्री से हुए सम्मानित, जानें जहानाबाद के यूथ आईकॉन की कहानी

जहानाबाद. अजीत कुमार युवाओं के यूथ आइकॉन हैं. शुरुआत से ही खेल के प्रति लगाव के चलते ही उनको जहानाबाद जिले के लिए निर्वाचन यूथ आइकॉन के रूप में बनाया है. इनका जिला में खेल के प्रति सराहनीय कार्य रहा है. इसके लिए इन्हें कई बार बिहार के मुख्यमंत्री से सम्मान भी प्राप्त हुआ है. अजीत कुमार दिव्यांग हैं, लेकिन उनके ऊपर दिव्यांगता कभी हावी नहीं हुआ.

उनका कहना है कि दिव्यांग होते हुए भी कभी यह नहीं सोचे कि लाचार हैं. बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक रहा. दौड़ भी करते हैं, हाई जंप और लॉन्ग जंप जैसे एक्टिविटी भी खूब करते हैं. यही वजह है कि कई मेडल प्राप्त कर चुके हैं.

पैरालंपिक में जीत चुके हैं 9 मेडल

अजीत कुमार को बचपन से ही खेल के प्रति गहरा लगाव रहा है. उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव से पहले जहानाबाद जिला का यूथ आइकॉन बनाया गया. तब से लेकर अब तक वह यहां पर युवाओं के लिए यूथ आइकॉन हैं. अजीत कुमार फिलहाल जिला में एनआईएस कोच के रूप में कार्यरत हैं. नेशनल पैरालंपिक गेम में लगातार 9 बार पदक हासिल कर उन्होंने सफलता का शोर मचाया है. आज जिले से कोई भी खेल हो, अगर कहीं टीम को ले जाना पड़े तो उन्हें ही कोच के तौर पर बाहर भेजा जाता है. लोकसभा चुनाव में भी अजीत कुमार को यूथ आइकॉन के तौर पर शानदार कार्य करने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर जिला में सम्मानित किया गया था.

11 बार मुख्यमंत्री से हो चुके हैं सम्मानित 

अजीत ने लोकल 18 को बताया कि बिहार के मुख्यमत्री की ओर से 11 बार सम्मानित हुए है. साथ ही नेशनल पैरालंपिक खेल में भी 9 बार पदक पाया है. यही वजह रही कि जिले का यूथ आइकॉन बनाया गया है. हर बार राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर सम्मानित किया गया है. उन्होंने बड़ी दिलचस्प बात बताया कि  दिव्यांग रहने के बावजूद कभी दिव्यांगता हावी नहीं हुआ. जहां कहीं गया, वहां पर अपनी प्रतिभा को लोगों के सामने प्रदर्शित किया, जिसे देखते हुए अन्य लोग भी प्रेरित हुए. हाई जंप के लिए दौड़ लगाते हुए अन्य लोग देखते हैं तो वो भी उत्साहित होते हैं और उनके मन में भी एक अलग भावना जगती है.

दिव्यांगता को नहीं बनने दी चुनौती 

उन्होंने आगे बताया कि बच्चों को चयन उसके बॉडी का स्ट्रक्चर और हाइट के हिसाब से ही करते हैं. उसके अनुसार ही, उन्हें उस खेल के प्रति आगे बढ़ाने का काम करते हैं. हाइट के बेसिस पर यह तय करते हैं कि वो कौन सा इवेंट कर पाएंगे. ज्यादा हाइट यदि है तो हाई जंप और लॉन्ग जंप कर सकते हैं. उसी तरह हाइट छोटा है, तो उसके हिसाब से  इवेंट के लिए तैयार करते हैं. ऐसा नहीं लगा कि दिव्यांग हैं. बचपन से ही जनरल के साथ क्रिकेट खेले. इसके साथ साथ दौड़ भी लगाया. हाई जंप और लॉन्ग जंप समेत कई खेलों में अपना दमखम दिखाया, जिसका परिणाम आज यूथ आइकॉन के साथ जिला एथलेटिक्स कोच के तौर पर मिला है.

Tags: Bihar News, Jehanabad news, Local18, Paralympic Games

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