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पोहा-जलेबी खाकर कैसे खेलेगा इंडिया: मलखंभ स्पर्धा में खिलाड़ियों को नाश्ते में दूध, फल व दही-पराठा नहीं मिल रहा – Ujjain News

शहर के लोकमान्य तिलक स्कूल परिसर में आयोजित हो रही राष्ट्रीय मलखंभ स्पर्धा को लेकर अजीब स्थिति बनी हुई है। पहले दिन शुभारंभ में तय अतिथि सांसद व विधायक नहीं आए। अब खिलाड़ियों को स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के मेन्यू के अनुसार तय नाश्ता भी नहीं दिए ज

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खिलाड़ियों को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सुबह नाश्ते में पोहा-जलेबी दिया जा रहा है, जबकि मलखंभ का प्रदर्शन करने में आसानी हो, इस हिसाब से दूध-ब्रेड, फल व दही-पराठा नाश्ते में दिया जाना चाहिए। स्पर्धा में आए राष्ट्रीय निर्णायक ने भी इसे लेकर सवाल उठाए हैं। ऐसा ही रहा ताे मलखंभ के खिलाड़ी पोहे-जलेबी खाकर कैसे खेलो इंडिया जैसी स्पर्धा में पहुंच पाएंगे। मलखंभ की राष्ट्रीय स्पर्धा पांच दिन होना है।

मंगलवार को दो दिन हो चुके हैं। यहां स्पर्धा में देशभर के 18 राज्यों से 500 खिलाड़ी व कोच आए हुए हैं। मप्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, कर्नाटक से लेकर हर राज्य की टीम यहां प्रदर्शन कर रही लेकिन स्कूल गेम्स फेडरेशन के मेन्यू के हिसाब से खिलाड़ियों की डाइट का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इससे उनकी सेहत पर भी असर पड़ सकता है।

ये बात निर्णायक तक कह रहे हैं कि भोजन ऐसा हो जिसमें खिलाड़ियों को फाइबर ज्यादा मिले। वहीं नाश्ता ऐसा जिससे खिलाड़ियों को मलखंभ करने में दिक्कत न आए, क्योंकि मलखंभ में खिलाड़ी कई बार कलाबाजी के प्रदर्शन में सिर नीचे व पैर आसमान की तरफ रखते हैं, ऐसे में उन्हें मेन्यू के हिसाब से नाश्ता नहीं मिलने पर सेहत बिगड़ सकती है।

पोहा-जलेबी, इडली दी, अब दूध-फल शुरू कर रहे

सीधी बात – पीएम शर्मा, जिला शिक्षा क्रीड़ा अधिकारी

सवाल- खिलाड़ियों को मेन्यू के अनुसार भोजन व नाश्ता नहीं दिया जा रहा? जवाब- पोहा-जलेबी के बाद दूसरे दिन इडली भी दिया, अब दूध-फल भी शुरू कर रहे हैं। सवाल- राष्ट्रीय निर्णायक को ऑटो से आना पड़ा, वाहन सुविधा नहीं दी क्या? जवाब- ऐसा नहीं है, सभी निर्णायक के लिए वाहन सुविधा है, कुछ सामंजस्य की कमी रहने से ऐसा हुआ। सवाल- स्पर्धा में चार ही खिलाड़ी को लिया है, छह का मुद्दा भी उठ रहा है? जवाब- खेलो इंडिया में 6 खिलाड़ी है लेकिन स्कूल गेम्स ऑफ फेडरेशन इंडिया में 4 ही है। पत्र लिखे हैं, हो सकता है अगले साल तक संशोधन हो जाए।

  • मैं किराया देकर ऑटो से पहुंचा -राष्ट्रीय निर्णायक सवाल : मलखंभ की राष्ट्रीय स्पर्धा में आप बतौर राष्ट्रीय निर्णायक आए, क्या इंतजाम हैं व क्या कमी लगी? जवाब : मुझे ही कोई परिवहन का साधन नहीं दिया। समय पर स्पर्धा स्थल पहुंचना था, इसलिए होटल से किराए से ऑटो से पहुंचा। सवाल : खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्पर्धा के हिसाब से सारी सुविधाएं व भोजन, नाश्ता मिल रहा है? जवाब : नाश्ते में पोहा-जलेबी ऑयली फूड दे रहे हैं, इडली भी दिया लेकिन फेडरेशन के डाइट चार्ट अनुसार नाश्ते में दूध, फल, दही-पराठा देना चाहिए। सब्जियों में तेल ज्यादा है। हेल्दी फूड मिले। सवाल : परिवहन की सुविधा खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त है या दिक्कत आ रही? जवाब : खिलाड़ियों को दो-तीन गाड़ियों से बारी-बारी से लाना-ले जाना किया जा रहा है। इसमें समय ज्यादा लग रहा है। इस पर भी ध्यान देना चाहिए। इसमें खिलाड़ियों की एनर्जी ज्यादा वेस्ट हो रही है। (जैसा कि राष्ट्रीय निर्णायक दिलीप गवाने तेलंगाना ने भास्कर से बातचीत में कहा।)

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