मध्यप्रदेश में आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाले करीब 40 संगठन थाली-थैला संकलन में जुटे हैं। इन्हें अगले साल 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में भेजा जाएगा। मप्र के तीन प्रांतों मध्य भारत, महाक
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अभियान से जुडे़ आशुतोष भट्ट ने दैनिक भास्कर को बताया 45 दिनों तक चलने वाले प्रयागराज महाकुंभ में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु शामिल होने का अनुमान है। श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से देखें तो करीब 600 टन पॉलिथीन कुंभ में इकट्ठी होगी और ये हमारी नदियों और पर्यावरण को प्रदूषित करेगी।
पॉलिथीन और सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए कुंभ में आने वाले अखाड़ों और श्रद्धालुओं के थैलों से पॉलिथीन निकालकर उन्हें एक थाली और थैला भेंट करेंगे। ताकि पर्यावरण की सुरक्षा हो सके और हमारा हरित कुंभ का संकल्प पूरा हो सके।
अब तक भेजे जा चुके हैं 40 हजार थैले
- मध्यभारत प्रांत में शामिल जिले- मुरैना, श्योपुर, ग्वालियर (डबरा), भिंड (लहार), शिवपुरी (पिछाेर), गुना (राघौगढ़), अशोकनगर, विदिशा (बासौदा), रायसेन (भोजपुर), रायसेन (बरेली), नर्मदापुरम (पिपरिया), हरदा, बैतूल (मुल्ताई) (जिले के साथ लिखे कस्बे को भी संघ की संरचना में जिला माना गया है।
- मध्यभारत प्रांत से करीब 1 लाख 25 हजार थैले थाली एकत्रित कर प्रयागराज भेजने का लक्ष्य है। अब तक करीब 40 हजार भेजे जा चुके हैं।
- महाकौशल प्रांत में शामिल जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, पन्ना, कटनी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, अनूपपुर, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, जबलपुर, नरसिंहपुर।
- महाकौशल प्रांत से करीब सवा लाख थैले थाली भेजने का टारगेट रखा है।
- मालवा प्रांत में शामिल जिले- नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, आगर-मालवा, उज्जैन, शाजापुर, देवास, इंदौर, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर। मालवा प्रांत से करीब एक लाख थैले और थाली एकत्रित कर प्रयागराज कुंभ में भेजे जाएंगे।
थाली और थैले का आकार
- 15 इंच लंबाई और 12 इंच चौड़ाई होना चाहिए, थैला कपड़े का ही होना चाहिए। थैले पर प्रायोजक, दानदाता, संस्था का नाम प्रिंट करवा सकते हैं।
- थाली स्टील की होनी चाहिए। थाली का साइज लगभग 11 ⅹ 14 इंच चौकोर या गोल जैसी भी उपलब्ध हो, भेज सकते हैं ।
बड़वाह में घर-घर से एक स्टील की थाली व एक थैला इकट्ठा किया जा रहा है।
अब जानिए क्या है हरित कुंभ अभियान
हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी ईकाईयों ने 45 दिन तक चलने वाले प्रयागराज महाकुंभ के लिए हरित कुंभ अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य महाकुंभ को पॉलीथिन मुक्त रखना है। इसी के तहत देशभर में संघ से जुड़े संगठन थाली और थैले एकत्रित कर हैं। इन थाली और थैलों को महाकुंभ के दौरान वितरित किया जाएगा।
75 देशों के 40 करोड़ श्रद्धालु आएंगे
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। 75 देशों से पहुंचने वाले लोगों के लिए यहां टेंट सिटी बनाई जा रही है। जिसमें 2 हजार से अधिक स्विस कॉटेज होंगे। इन कॉटेज में फाइव स्टार जैसी सुविधाएं मिलेगी। टेंट सिटी 1 जनवरी 2025 से 5 मार्च 2025 तक संचालित होगी।
प्रयागराज कुम्भ में मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025, मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025, बसंत पंचमी 3 फरवरी 2025, माघी पूर्णिमा 12 फरवरी 2025, महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को शाही स्नान होंगे।
हरदा जिले के टिमरनी में रविवार को लोगों ने 125 थालियां भेंट की।
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उज्जैन में सिंहस्थ कुम्भ 2028 में होगा।
प्रयागराज के बाद 2028 उज्जैन में सिंहस्थ कुम्भ होगा। इससे पहले 2016 में उज्जैन में कुंभ का आयोजन हुआ था। उज्जैन में 2016 में हुए सिंहस्थ कुम्भ में एक महीने के दौरान शहर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 5 करोड़ आंकी गई थी। सिंहस्थ 2016 के प्रतिवेदन की मानें तो सिंहस्थ 2028 में यह आंकड़ा बढ़कर 15 करोड़ होने की संभावना है। पूरी खबर यहां पढ़ें-
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