इंदौर में एक इलेक्ट्रिक कंपनी में काम करने वाले 71 साल के बुजुर्ग के साथ डिजिटल अरेस्टिंग का डर बताकर 40 लाख 60 हजार की ठगी का मामला सामने आया है। ठगी करने वाले शख्स ने पहले खुद को मुंबई पुलिस का अफसर बताया। फिर सीबीआई अफसर से कॉल कॉन्फ्रेंसिंग पर बा
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क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक, डिजिटल अरेस्टिंग का डर बताकर 71 साल के धनश्याम के साथ 40 लाख 60 हजार की ठगी के मामले में दो मोबाइल नंबर धारकों के खिलाफ 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2), 3(5) BNS में केस रजिस्टर्ड किया गया है।
71 साल के धनश्याम ने अपनी शिकायत में बताया कि, 3 अक्टूबर को मेरे मोबाइल पर सुबह कॉल आया। सामने वाले ने अपने आप को मुंबई के ब्रांदा का पुलिस अफसर बताया। उसने कहा कि, आपने मुंबई में केनरा बैंक से 2 करोड़ 60 लाख का री ट्रांजेक्शन किया है। जिसमें आपके अकांउट का इस्तेमाल करने के एवज में 15 प्रतिशत का कमीशन मिला है। जो आपके अंकाउट में आए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कॉपी के साथ अरेस्ट होने के पेपर वॉट्सएप पर भेजे। इसके बाद कहा कि, आपको पुलिस अरेस्ट करने जा रही है। इसके बाद सीबीआई इस ट्रांजेक्शन को लेकर आपका रिमांड लेकर पूछताछ कर सकती है।
इस पर घनश्याम ने बात करने वाले फर्जी अफसर से कहा कि, इस तरह का अंकाउट उनका केनरा बैंक में नहीं है और ना ही उनके द्वारा कोई ट्रांजेक्शन किया गया है। तब अफसर ने बताया कि, मुंबई में केनरा बैंक के ब्रांच मैनेजर को अरेस्ट किया गया है। उसके यहां पर बहुत सारी नकली पासबुक मिली है। जो फ्रॉड के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके बाद एक पासबुक का नंबर और फोटो देते हुए बताया कि, यह आपके नाम से मिली है। बुजुर्ग इस तरह की बात से काफी डर गए और उन्होंने मुंबई पुलिस का अफसर बताने वाले व्यक्ति की बात पर भरोसा किया।
केस से निकालने के बहाने फ्रॉड सीनियर सिटीजन घनश्याम ने इस मामले से निकलने की बात कही। तब बात करने वाले फर्जी पुलिसकर्मी ने बताया कि, आप सीबीआई अफसर को रिक्वेस्ट कर दो। वो इन्वेस्टिगेट कर आपको इनोसेंट पाए जाने पर दोषमुक्त कर सकते हैं। उन्होंने सीबीआई अफसर का नाम आकाश कुलकर्णी बताया। तब पुलिसकर्मी ने उसे कॉन्फ्रेंस में लिया।
आकाश ने बातचीत के बाद अंकाउट की जानकारी मांगी जो उन्हें दे दी। इसके बाद आकाश ने कहा कि, आप अकांउट में पड़े कमीशन के 15 प्रतिशत रुपए जमा करा दीजिए। यह भी कहा कि, अगर जांच में आप इनोसेंट पाए जाते हो तो वह रकम आपको वापस अकांउट में लौटा दी जाएगी। इसके बाद अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर करीब 40 लाख 60 हजार की रकम उनके बताए गए अंकाउट में डाली दी। बाद में उन्होंने जांच करने की बात करते हुए कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।
बुजुर्ग ने इस मामले में अपने परिवार के लोगों को बताया। उन्होंने इस तरह से फ्रॉड होने की बात कही। इसके बाद पोर्टल पर बुजुर्ग ने शिकायत दर्ज कराई। यहां से कॉल आने के बाद क्राइम ब्रांच की साइबर यूनिट में जाकर शिकायत की।
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