प्रिंसिपल सुरेंद्र सक्सेना की 12वीं के छात्र ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
.
ये कहना है 12वीं क्लास में पढ़ने वाले उस छात्र की मां का, जिसने स्कूल प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार सक्सेना की हत्या की है। भास्कर से बात करते हुए मां बोली- वह स्वभाव से गुस्सैल और जिद्दी जरूर था मगर ऐसा करेगा, हमने कभी सोचा नहीं था।
वहीं, आरोपी के दादा इस घटना के बाद बेहद गुस्से में हैं। दादा ने कहा- मैं प्रिंसिपल के परिजन को सांत्वना भी नहीं दे सकता। मैं तो चाहता हूं कि वह जिंदगीभर जेल में ही रहे।
दैनिक भास्कर ने इस मामले में स्कूल प्रिंसिपल के बेटे और बेटियों से भी बात की। उनका आरोप है कि पिता की पूरी प्लानिंग से हत्या की गई है। उन्होंने स्कूल स्टाफ पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया है।
भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर जाकर स्कूल के स्टाफ और बाकी लोगों से बात की तो समझ आया कि आरोपी अक्सर स्कूल के दूसरे छात्रों को धमकाता था। उससे पूरा स्कूल परेशान था, इसी वजह से प्रिंसिपल ने उसे डांटा था। पढ़िए ये रिपोर्ट…
आरोपी छात्र ने प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार सक्सेना की 6 दिसंबर को गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पोस्ट किया- आज खेल, कल बेल, परसों से फिर खेल आरोपी छात्र ने हत्या से पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था- सरकार आज खेल होगा, कल बेल होगा और परसों से भी खेल होगा।
पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसके पास 10 माह से यह कट्टा था। उसने ढिलापुर गांव के ही हृदेश यादव से यह कट्टा लिया था। हृदेश भिंड में दूध के प्लांट में काम करता था। वहीं से कट्टा लेकर आया था। हृदेश की 6 मार्च 2024 को रायपुर में एक हादसे में मौत हो चुकी है। छात्र कई बार कट्टा लेकर स्कूल भी गया था।
इस बीच सामने आया है कि छात्र ने प्राचार्य पर दो फायर किए थे। एक गोली सिर को पार कर गई थी। दूसरी पोस्टमार्टम के दौरान सिर में फंसी मिली है। पुलिस ने आरोपी नाबालिग को शनिवार को न्यायालय में पेश किया। पुलिस ने एक अन्य छात्र को भी हिरासत में लिया है। वह भी सीसीटीवी फुटेज में मुख्य आरोपी के पीछे दिखाई दिया था।
मां बोली- वह ऐसा करेगा, अंदाजा नहीं था भास्कर की टीम सबसे पहले छतरपुर से 5 किलोमीटर दूर ढिलापुर गांव पहुंची। आरोपी छात्र इसी गांव का रहने वाला है। यहां उसकी मां और दादा से मुलाकात हुई। मां ने बताया कि बेटा सुबह 9-10 बजे स्कूल चला जाता था। हमें कोई अंदाजा नहीं था कि वो ऐसा कुछ कर देगा। हमें उसकी मानसिकता के बारे में पता होता तो हम ऐसा होने ही नहीं देते।
मां ने बताया, ’10 दिन पहले ही प्रिंसिपल ने शिकायत की थी कि आपका बेटा अनुशासनहीन है। पढ़ाई में ध्यान नहीं देता, गलत हरकतें करता है। इसके बाद उसके पिता ने उसे प्रिंसिपल के सामने डांटा भी था, सभी टीचर्स के पैर भी पड़वाए थे। घर आकर उसकी पिटाई भी की थी।
यदि उसके टीचर्स उसे डांटते भी थे तो हत्या जैसा अपराध नहीं करना चाहिए था। गुरु पिता समान होते हैं। यदि वो हमें बताता कि उसे पढ़ाई नहीं करना है तो हम उसे पढ़ने के लिए मजबूर नहीं करते।’
क्या वो घर पर भी इसी तरह मारपीट करता था…इस सवाल के जवाब में मां बोली- घर और गांव में तो उसका व्यवहार ठीक था। मगर वो जिद्दी और गुस्सैल जरूर था। मेरे पति ने 15 दिन पहले गांव में डेयरी का काम शुरू किया ताकि 12वीं के बाद बेटे की आमदनी का इंतजाम हो जाए लेकिन उसने सब कुछ बर्बाद कर दिया।
दादा बोले- वो जेल से कभी वापस न आए आरोपी के दादा इस घटना से बेहद गुस्से में हैं। बोले- मेरे पोते ने ऐसा काम किया है कि हम उस परिवार के घर सांत्वना देने नहीं जा सकते। मैं उनके बच्चों के लिए बेहद दुखी हूं। दादा ने अपने पोते को गाली देते हुए कहा कि मैं तो चाहता हूं कि वह जिंदगीभर जेल में ही रहे, कभी लौटकर न आए। हमने तो उसे पढ़ने के लिए भेजा था, उसके ऐसे इरादे हैं ये नहीं पता था।
उनसे पूछा कि कट्टा खरीदने के लिए वो पैसा कहां से लाया तो दादा ने कहा कि हम तो उसे पैसे देते ही नहीं थे। वो कोई कामकाज भी नहीं करता था। कट्टा उसने कहां से और कैसे खरीदा, इसके बारे में हमें कुछ अंदाजा ही नहीं है।
दादा ने कहा- एक हफ्ते पहले ही स्कूल की तरफ से शिकायत मिली थी कि ये बाकी छात्रों को डराता और धमकाता है। उस समय हमने उसके बैग की तलाशी ली थी लेकिन कुछ नहीं मिला था। मारना था तो अपने पिता को गोली मार देता, गुरु तो पिता से भी बड़ा होता है।
शिक्षकों तक को धमकाता था, नशे का शौकीन था आरोपी के परिजन से बात करने के बाद भास्कर की टीम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, धमौरा पहुंची। घटना के बाद से स्कूल में सन्नाटा पसरा हुआ था। कोई भी छात्र पढ़ने के लिए नहीं आया था। तीन बजे 5 महिला और 4 पुरुष शिक्षक स्कूल से वापस जा रहे थे। हमने उनसे घटना के बारे में बात करने की कोशिश की, मगर किसी ने कुछ नहीं बताया।
स्कूल में केवल चौकीदार अजय तिवारी मौजूद थे। तिवारी ने कहा- प्रिंसिपल साहब के साथ बहुत गलत हो गया। उनका कोई दुश्मन भी हो सकता है, मैं सोच भी नहीं सकता। मैं पिछले 3 साल से काम कर रहा हूं। मैंने उन्हें किसी बच्चे को डांटते तक नहीं देखा।
उनसे पूछा कि जब वारदात हुई, तब कहां थे तो कहा कि मैं उस वक्त यहां मौजूद नहीं था। मेरा काम स्कूल खत्म होने के बाद शुरू होता है। वहीं, स्कूल के एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि आरोपी स्कूल की महिला टीचर्स को भी धमकाता था। किसी की बात नहीं मानता था और ज्यादातर समय बाहर आवारागर्दी करता था। वह लड़कियों के साथ भी छेड़छाड़ करता था।
कर्मचारियों ने बताया कि आरोपी दिनभर स्कूल के बाहर आवारागर्दी करता था।
बेटी ने कहा- पिता को मिल रही थी धमकियां भास्कर की टीम जब छतरपुर पहुंची तो प्रिंसिपल सुरेंद्र सक्सेना के घर का माहौल गमगीन था। उनकी अंत्येष्टि की तैयारी की जा रही थी। अंत्येष्टि के बाद उनके परिजन से बात की तो छोटी बेटी डॉ. निकिता सक्सेना ने बताया- जब पापा को गोली मारी, तब मैं भोपाल में अपने अस्पताल में थी।
पापा ने घर पर बताया था कि उनके स्कूल में एक लड़का चाकू लेकर आता है। वो उसे समझाते थे, लेकिन वो मानता नहीं था। वो लड़का इतना ढीठ था कि गुटखा खाने के लिए पापा से ही पैसे मांगता था। इन सभी बातों को लेकर पापा ने पेरेंट्स से शिकायत की थी। उसने इसी बात को अपने ईगो पर लिया और पापा की हत्या कर दी।
निकिता बताती है कि दिवाली से पहले एक महिला ने पापा को वॉट्सऐप चैट पर धमकियां दी थीं। उसके स्क्रीन शॉट्स भी हमारे पास मौजूद हैं।
बेटा बोला- किसी ने उसे हत्या के लिए उकसाया है प्रिंसिपल सक्सेना के बेटे आयुष ने स्कूल स्टाफ के रवैये पर भी सवाल उठाए हैं। आयुष ने कहा कि हत्या से पहले छात्र प्रिंसिपल रूम में दाखिल हुआ था, उस वक्त भी स्टाफ ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की, न ही मेरे पापा को सूचना दी। हत्या के बाद वह पापा की स्कूटी लेकर ही फरार हो गया। इस बीच स्कूल का स्टाफ क्या कर रहा था?
आयुष ने संदेह जताया कि किसी ने उसे हत्या के लिए उकसाया है। सिर पर सटाकर गोली मारने में शूटरों के हाथ कांप जाते हैं लेकिन वो बड़ी आसानी से हत्या कर फरार हो गया। इसके पीछे बड़ी साजिश नजर आती है।
आयुष ने ये भी कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई, सरकार की तरफ से किसी जिम्मेदार का बयान तक नहीं आया।
पुलिस बोली- 5 दिन से कर रहा था हत्या की प्लानिंग ओरछा रोड थाने के सब इंस्पेक्टर पुष्पेंद्र यादव ने कहा- अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि अपराधी छात्र प्रिंसिपल की डांट से नाराज था। इसी के चलते वह उन्हें पिछले 4-5 दिन से मारने की प्लानिंग कर रहा था। 6 दिसंबर को मौका पाकर उसने प्रिंसिपल की हत्या कर दी।
मुख्य आरोपी को हत्या की धाराएं लगाकर जेल भेज दिया गया है। परिजन द्वारा उठाए गए सभी सवालों को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि आरोपी से बातचीत के दौरान पता चला कि वह रंगदारी करने का आदी है।
मामले से जुड़ी ये खबरें भी पढे़ं…
प्राचार्य को मारने छात्र ने 1500 में खरीदा था कट्टा
छतरपुर में 12वीं के छात्र ने 1500 रुपए में कट्टा खरीदकर प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार सक्सेना की स्कूल में गोली मारकर हत्या कर दी। लंच होते ही कट्टा हाथ में लेकर सीधा प्रिंसिपल के पीछे गया और फायर कर दिया। आरोपी ने शिक्षक और छात्रों को धमकाते हुए कहा कि किसी ने भी उसके खिलाफ बयान दिया तो जान से मार देगा। पढ़ें पूरी खबर…
एमपी में 12वीं के छात्र ने प्रिंसिपल की हत्या की मध्यप्रदेश के छतरपुर में 12वीं के छात्र ने प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार सक्सेना की स्कूल में गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मामला शुक्रवार दोपहर 1 बजे धमौरा शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल का है। वारदात के बाद आरोपी छात्र प्रिंसिपल की स्कूटी लेकर भाग निकला। पुलिस ने वारदात के कुछ घंटे बाद आरोपी छात्र को नौगांव से पकड़ा। पढ़ें पूरी खबर
भाई बोला- स्कूल स्टाफ ने छात्रों से कराई प्रिंसिपल की हत्या छतरपुर में 12वीं के छात्र ने प्रिंसिपल सुरेंद्र सक्सेना की गोली मारकर हत्या कर दी थी। शनिवार को प्रिंसिपल के छोटे भाई राजेंद्र शुक्ला ने आरोप लगाया कि भाई की हत्या में स्कूल के स्टाफ का हाथ है। टीचरों ने ही छात्रों को उकसाया। पुलिस में इस मामले में आरोपी छात्र को कल ही पकड़ लिया था। पढ़ें पूरी खबर
Source link
https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Flocal%2Fmp%2Fnews%2Fthe-relatives-of-the-person-who-killed-the-principal-said-that-he-is-a-psycho-and-stubborn-134086726.html
#परसपल #क #हतयर #क #म #बलबट #क #कड #सज #मल #दद #न #कहपत #समन #गर #क #हतय #क #वह #जदगभर #जल #म #ह #रह #Madhya #Pradesh #News