2 साल के अंतराल के बाद अब गारमेंट्स दुकानों पर ग्राहकी बढ़ी है।
इंदौर में कपड़े खरीदने के ट्रेंड में बदलाव नजर आया है। जो कस्टमर ऑनलाइन कपड़े खरीदने पर शिफ्ट हुए थे वो अब 3 साल के बाद दोबारा दुकान पर जाकर कपड़े खरीदने लगे हैं। इसका असर व्यापारियों के बिजनेस पर भी नजर आ रहा है। व्यापारियों की बिक्री बढ़ गई है। इस बार
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ये सब कॉल सेंटर प्रोजेक्ट की वजह से पॉसिबल हुआ है। ऑनलाइन खरीदी छोड़ कस्टमर तीन साल के बाद दोबारा दुकान पर आकर खरीदी कर रहा है। मध्यप्रदेश में व्यापारियों द्वारा चलाया जा रहा ये पहला मॉडल है। 7 लाख कस्टमर का डेटा व्यापारियों के पास है।
3 साल पहले इंदौर के कपड़ा व्यापारी कस्टमर डेटा के मामले में जीरो लेवल पर थे, क्योंकि उनके पास कोई डेटा नहीं था। तब व्यापारी द्वारा कस्टमर का नंबर नहीं लिया जाता था। अब कस्टमर का पूरा डेटा तैयार किया जा रहा है।
राजबाड़ा के आसपास 26 ऐसे बाजार हैं, जो शहर की जरूरत को पूरा करते हैं। गारमेंट्स का पूरा सेक्टर राजबाड़ा क्षेत्र के आसपास बसा हुआ है।
ये हैं 3 साल के दिवाली सीजन के आंकड़े
वर्ष | कब से | कब तक | व्यापार |
2022 | 26 सितंबर | 24 अक्टूबर | 15 करोड़ |
2023 | 15 अक्टूबर | 12 नवंबर | 18 करोड़ |
2024 | 3 अक्टूबर | 12 नवंबर |
20 करोड़ |
नोट: डाटा रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के अनुसार |
श्राद्ध पक्ष से कस्टमर को कॉलिंग शुरू
श्राद्ध पक्ष शुरू होते ही कस्टमर को कॉलिंग शुरू हो जाती है। 7 लाख कस्टमर के डेटा में से पहला राउंड पूरा हो चुका है। 1 लाख 13 हजार कस्टमर ने बताया कि पिछले दो साल से प्रलोभन के चक्कर में ऑनलाइन खरीदी कर ली थी। अब उन्हें एहसास होने लगा है। ऑनलाइन का माल डंप भी बहुत होने लगा है। गुणवत्ता पर खरा नहीं उतरता है।
कस्टमर वापस माल भेजता है। स्पॉट चॉइस, लाइव चॉइस दुकान पर पहुंचकर खरीदी करने का एक बहुत बड़ा कारण बन रहा है। ऑनलाइन में भेड़ चाल वैरायटी हो जाती है। एक वैरायटी के कई पीस रहती है। दुकान पर एक्सक्लूसिव वैरायटी रहती है। आगे किसी दुकान पर नहीं मिलती है। सब अपनी क्वालिटी बेचते हैं।
23 कर्मचारी करते हैं कस्टमर को फोन
रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन ने एक कंपनी से एग्रीमेंट किया है। कंपनी द्वारा ही कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा है। कंपनी ने 23 कर्मचारी लगाए हैं, जो व्यापारियों के लिए कस्टमर को फोन करते हैं, और उन्हें दुकान पर विजिट के लिए कहते हैं। इसका असर भी दिखने लगा है। दुकानों पर पुराने कस्टमर लौट रहे हैं।
व्यापारी की दुकानों में आने वाले कस्टमर का रोजाना का डेटा कंपनी के साथ शेयर हो जाता है। कंपनी के साथ एग्रीमेंट इसी शर्त पर किया गया है कि वो ये डेटा किसी को नहीं देगी।
महिला ग्राहकों से भी कंपलसरी नंबर ले रहे
व्यापारी पहले कस्टमर से मोबाइल नंबर नहीं लेते थे। इस वजह से कोई डेटा व्यापारियों के पास नहीं था। लेकिन अब व्यापारी महिला कस्टमर से भी कंपलसरी मोबाइल नंबर ले रहे हैं। उससे उन्हें फायदा भी हो रहा है। ग्राहकी बढ़ गई है। कस्टमर रिपिट होने लगा है।
व्यापारियों का कहना है कि हम क्वालिटी को अपना हिस्सा मानते हैं। प्रलोभन को अपना हिस्सा नहीं मानते। डिस्काउंट जैसी चीज प्रलोभन का आधार बनती है। बरगलाने के लिए मीठा जरूर लगता है लेकिन वो बहुत कड़वा होता है। इसलिए राजबाड़ा की 600 दुकानों के दुकानदार क्वालिटी पर विश्वास रखते हैं।
ऑनलाइन की तरफ दौड़ा कस्टमर लौटने लगा
एसोसिएशन ने पिछले तीन साल से ऑनलाइन खरीदी के खिलाफ एक मुहिम चलाई है। हम मानते हैं कि ऑनलाइन एक बड़ा प्रलोभन का धोखा है। उस धोखे से लड़ने के लिए हमने चाक चौबंद व्यवस्था करना जरूरी समझा। उसके लिए कस्टमर का डेटा अपनी-अपनी दुकानों पर इकट्ठा करना शुरू किया। अब हम कामयाब हो रहे हैं। 2022-2023 के बिजनेस को इस बार हम क्रॉस कर चुके है। लग्नसरा और दीपावली अभी बाकी है।
– अक्षय जैन, अध्यक्ष इंदौर रिटेल गारमेंट एसोसिएशन
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