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बड़ी चुनौती…: 16% फूड सैंपल फेल, हर माह 8 हजार किलो सामग्री जब्त – Indore News

त्योहार के दौरान आमजन के सामने सबसे बड़ी परेशानी मिलावटी खाद्य सामग्री है। एक दिन पहले ही प्रशासन की टीम ने करीब 10 क्विंटल मिलावटी मावा जब्त किया। यह तो सिर्फ एक मामला है। इंदौर में हर महीने 8 हजार किलो से ज्यादा विभिन्न तरह की मिलावटी सामग्री जब्त ह

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सैंपलिंग की बात करें तो 9 माह के दौरान करीब 16 फीसदी खाद्य सामग्री मिलावटी पाई गई। इस साल जनवरी से सितंबर तक खाद्य विभाग ने अलग-अलग खाद्य सामग्री के 490 सैंपल जांच में लिए। इसमें 79 से ज्यादा सैंपल शुद्धता के मानकों पर फेल हो गए, यानी खाने योग्य नहीं मिले। इसके अलावा 20 फीसदी से ज्यादा अमानक, मिस ब्रांड या अलग-अलग स्तर पर मिलावटी पाए गए। त्योहारी सीजन में प्रशासन ने 6 दल छापेमारी के लिए लगा रखे हैं। फिर भी शहर में मिलावटखोर भारी पड़ रहे हैं। वहीं विभाग की व्यवस्थाएं भी इतनी लचर हैं कि मिलावटखोरों का पीछा ऑटो से करना पड़ता है।

अमले के पास वाहनों का टोटा, मिलावटखोरों का पीछा ऑटो से करते हैं… इंदौर में मात्र 10 फूड सेफ्टी ऑफिसर्स के भरोसे पूरे जिले की निगरानी छोड़ी हुई है। संसाधनों की बात करें तो सूचना मिलने पर कई बार मिलावटखोरों का पीछा ऑटो से करना पड़ता है। जांच की स्थिति देखें तो सैंपल भोपाल भेजे जाते हैं, जिनकी रिपोर्ट डेढ़-दो महीने तक नहीं मिलती है। ऑफिस की स्थिति देखें तो 10 साल पुराने सैंपलों की बदबू के बीच अफसर बैठ कर काम कर रहे हैं। खाद्य लैब के लिए पांच साल पहले काम शुरू हुआ था, भवन बन गया है, लेकिन मशीनरी के लिए मामला अटका हुआ है।

इन स्थानों से आ रही मिलावटी सामग्री

  • मिलावटी मावा- ग्वालियर, भिंड, मुरैना की ओर से आ रहा है।
  • मिलावटी मसाले- दिल्ली व राजस्थान के रास्ते से आ रहे हैं।
  • पाम ऑइल वाली मिठाइयां- अहमदाबाद से
  • एडिबल ऑइल महाराष्ट्र के रास्ते आता है।
  • मिलावटी घी उप्र की ओर से आता है।

इन चीजों में इस तरह की जा रही है मिलावट, यह सेहत के लिए घातक

  • मिठाई- हाल ही में दो मामलों में सिंथेटिक कलर की मिलावट मिली जो अनसेफ की कैटेगरी में थी। पाम ऑइल, दूध पाउडर की बनी मिठाई शुद्ध घी की मिठाई के नाम से बेचने का मामला भी सामने आया। यह मिठाई गुजरात से सप्लाय हो कर आई।
  • नमकीन- इसमें तेल, बेसन की शुद्धता की कमी निकलती है। कई नमूने अमानक मिल रहे हैं। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
  • मसाले- इनमें कई तरह के केमिकल रंगों की मिलावट हो रही है। ये रंग स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। जैसे सौंफ में ऑक्साइड कलर मिला रहे हैं। मिर्च को रंग तीखा करने के लिए केमिकल का उपयोग हो रहा है।
  • इसके अलावा तेल, घी, दूध, आइसक्रीम, पनीर आदि के सैंपल भी मिलावटी पाए गए। घी में वनस्पति और एसेंस की मिलावट पाई गई। इसी तरह खाद्य तेल में भी सस्ते एडिबल ऑइल की मिलावट की जा रही है।

समाधान– सिर्फ त्योहार के सीजन में नहीं, लगातार कार्रवाई होना चाहिए

  • विशेषज्ञों के अनुसार खाद्य सामग्री में मिलावट रोकने के लिए सिर्फ त्योहार के सीजन में नहीं, कार्रवाई लगातार होनी चाहिए। मानकों के स्तर पर दी जा रही छूट का उपयोग करने पर निगरानी रखना होगी।
  • चलित लैब में सैंपलिंग के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। जिससे रोजमर्रा की खान-पान की वस्तुओं की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
  • होटल, रेस्टारेंट और ढाबों की नियमित जांच और इनको किचन के मानकों के प्रति जागरूक करने की जरूरत।

मिलावटी सामग्री के इस्तेमाल कैंसर, हृदयरोग का खतरा ^ खाद्य पदार्थों में मिलावट खतरनाक या असुरक्षित पदार्थों की होती है तो तात्कालिक प्रभाव होते हैं। वर्तमान में जिस तरह के केमिकल, एसेंस और अन्य तरह की मिलावट की जा रही है, इसके दूरगामी प्रभाव भी देखे जा रहे है। इससे स्किन संबंधी, पेट में खराबी, कैंसर और हृदयरोग का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन पर नियंत्रण जरूरी है। – डॉ. अनिल डोंगरे, लेप्रोस्कोपिक सर्जन

लगातार कार्रवाई कर रहे हैं ^ मिलावट को लेकर इंदौर में अलग-अलग स्तर पर कार्रवाई चल रही है। ईट राइट चैलेंज को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। चलित लैब से शहर और ग्रामीण इलाकों में दुकानों की जांच करते हैं। नागरिक चाहे तो वे भी खाद्य पदार्थ की जांच करवा सकते हैं। छापेमार कार्रवाई के साथ एफआईआर और जुर्माना किया जा रहा है। मिलावटखोरों को सजा भी दिलवा रहे हैं। – मनीष स्वामी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी

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