जुर्माना नहीं भरने वालों के प्रॉपर्टी टैक्स में जुड़ेगी राशि
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राजधानी में करीब 50 हजार वर्गफीट के अवैध होर्डिंग और शॉप साइनेज लगे हुए हैं। वर्गफीट में अवैध होर्डिंग का आंकड़ा पहली बार निकाला गया है। शहर में अवैध होर्डिंग की संख्या और आकार और बढ़ता, लेकिन नगर निगम की होर्डिंग शाखा ने राजनीतिक विज्ञापनों को पूरी तरह से छोड़ दिया।
निगम की टीम अवैध की श्रेणी में आ रहे होर्डिंग और शॉप साइनेज लगाने वाले ऐसे सभी व्यापारियों को नोटिस भेज रही है। अब तक शहर के 200 व्यापारियों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। अब इनसे होर्डिंग या शॉप साइनेज के साइज के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा।
निगम के अधिकारियों का कहना है कि नोटिस के बाद भी जो लोग जुर्माना नहीं भरेंगे उनके प्रॉपर्टी टैक्स में जुर्माने की राशि जोड़ी जाएगी। दरअसल, कई स्थानों पर लगे बड़े-बड़े होर्डिंग्स की वजह ये कई स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल की लाइट छिप जाती हैं।
आते-जाते लाइट नजर नहीं आने से हादसों का खतरा बढ़ रहा है। इसी के चलते निगम ने होर्डिंगों का डाटा जुटाना शुरू किया। इस कार्रवाई के बीच एक बड़ा सवाल ये भी है कि होर्डिंग शाखा की नजर राजनीतिक होर्डिंग्स पर क्यों नहीं पड़ती।
बड़ा सवाल… राजनीतिक विज्ञापनों पर नजर क्यों नहीं?
राजनीतिक विज्ञापन भी अवैध, तो कार्रवाई करेंगे
तय नियमों के आधार पर होर्डिंग न लगाने वालों को जुर्माने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। राजनैतिक विज्ञापन भी तय नियमों के आधार पर नहीं लगाए गए हैं तो ऐसे होर्डिंग लगाने वालों पर कार्रवाई की जाती है। – नीलेश श्रीवास्तव, होर्डिंग शाखा प्रभारी
आउटडोर मीडिया रूल-2017 में अवैध टीम ने ऐसे सभी होर्डिंग या शॉप साइनेज के फोटो खींचकर उनके आकार नोट कर लिए। आउटडोर मीडिया रूल-2017 में ऐसे सभी होर्डिंग या शॉप साइनेज को अवैध माना गया है जिनमें उनके नाम को छोड़कर बाकी किसी भी तरह का विज्ञापन है। इसके लिए अनुमति नगर निगम से लेनी होती है। यानी हर विज्ञापन का उसके आकार के आधार पर रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।
अब वसूलेंगे 6% तक जुर्माना अभी जिन व्यापारियों को नोटिस दिए गए हैं उन पर राशि का 6 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया गया है। यदि शॉप साइनेज में लाइट लगी है तो जुर्माना 6 प्रतिशत लगेगा और लाइट नहीं लगी है तो जुर्माने का प्रावधान 4 प्रतिशत तक है। आउटडोर मीडिया रूल-2017 के तहत नोटिस का पालन न करने वालों पर जुर्माने की राशि बढ़ेगी। तय समय में जुर्माना न भरने पर 10 रुपए प्रति वर्ग फीट प्रति दिन जुर्माना बढ़ेगा।
डेढ़ महीने की मशक्कत– जोन एक से लेकर जोन 21 तक ने जुटाई जानकारी
शहर में कितनी अवैध होर्डिंग हैं, इसकी जानकारी जुटाने का काम निगम की होर्डिंग शाखा ने डेढ़ महीने पहले शुरू किया था। इसके लिए निगम के जोन-1 से जोन-21 तक के अमले को अपने-अपने क्षेत्र में जानकारी जुटाने के निर्देश कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने दिए थे। इस दौरान अलग-अलग टीमें ऐसे सभी संस्थानों में पहुंचीं, जहां आउटडोर मीडिया डिवाइस (ओएमडी) लगे थे। टीम ने पूछा कि आपने ओएमडी करवाया है? नहीं करवाने वालों को सूचीबद्ध कर लिया गया।
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https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Flocal%2Fmp%2Fbhopal%2Fnews%2Ftraffic-lights-are-hidden-behind-big-hoardings-causing-risk-of-accidents-134223423.html
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