इस तरह हॉस्टल में गिर रहा प्लास्टर।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के मुंशी प्रेमचंद हॉस्टल की छत का बड़ा हिस्सा मंगलवार देर रात गिर गया। यह हिस्सा एंट्रेंस पर स्थित था। घटना के समय वहां से कुछ छात्र गुजरे थे, जिनके गुजरने के तुरंत बाद यह हिस्सा गिरा। इस हादसे में छात्र बाल-बाल बच गए।
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छात्रों का आरोप है मंगलवार रात से यहां छत गिरी है मगर अभी तक प्रबंधन की तरफ से इसकी कोई खैर खबर नहीं ली गई है। बता दें कि मुंशी प्रेमचंद हॉस्टल की इमारत करीब 44 साल पुरानी है। छात्रों के मुताबिक यहां कभी भी सही तरीके से मेंटेनेंस नहीं किया गया। हालांकि विश्विविद्यालय का कहना है कि जल्द ही इसकी मरम्मत करवाई जाएगी।
सभी कमरों में भी गिर रहा प्लास्टर
छात्रों के अनुसार, छत का हिस्सा गिरने के समय वहां से गुजर रहे छात्र बाल-बाल बच गए। इस हॉस्टल में 100 से अधिक छात्र रहते हैं और हर कमरे की स्थिति खराब है। छात्रों ने बताया कि हर कमरे में प्लास्टर झड़ता रहता है। इसके अलावा, टॉयलेट्स की स्थिति भी दयनीय है और पानी की समस्या बनी रहती है। छात्रों ने इस मुद्दे पर कई बार प्रबंधन को लिखित शिकायत दी है।
हॉस्टल के इंट्रेस पर छत का हिस्सा गिरा था।
मोबाइल लैपटॉप भी टूट चुके
छात्रों ने कहा कि लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है। हालांकि अभी तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है, लेकिन कई छात्रों के मोबाइल और लैपटॉप पर छत का प्लास्टर गिर चुका है, जिससे वे टूट गए। हाल ही में प्रिंस कुमार नाम के छात्र का फोन भी प्लास्टर गिरने से टूट गया।
जल्द मरम्मत का काम होगा
विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन हेमंत खंडे ने कहा “हमें घटना की सूचना मिली है। एंट्रेंस पर छत का जो प्लास्टर गिरा है, उसे जल्द से जल्द ठीक करवाया जाएगा। हमारी कोशिश है कि 3 से 4 दिनों में मरम्मत का काम पूरा हो जाए। अंदर के हिस्सों का काम इस सत्र के खत्म होने के बाद किया जाएगा।”
तस्वीरों में देखिए हालत…
प्लास्टर गिरने से टूटे मोबाइल को दिखाता छात्र।
कमरों के अंदर की हालत।
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बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के हॉस्टल की मेस तीसरे दिन भी बंद रही। छात्र दिनभर खाने के लिए परेशान होते रहे। एक तरफ छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन खाना बनाने वाले कर्मचारियों को आने से रोक रहा है। दूसरी तरफ प्रबंधन का कहना है कि हमारा कोई भी कर्मचारी खाना बनाने का काम नहीं करता है। पढ़ें पूरी खबर