ढाका1 मिनट पहले
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ढाका में प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर कुछ लोगों ने लाठी-डंडे से हमला किया।
बांग्लादेश इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की रिहाई के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। ढाका यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के लिए इकट्ठे हुए हिंदुओं पर कुछ लोगों ने लाठी-डंडे से हमला कर दिया। अभी तक किसी के जान माल के नुकसान की खबर नहीं है। जिस जगह हिंदुओं पर हमला किया गया वो शहबाग पुलिस स्टेशन से महज 30 मीटर दूर है।
प्रदर्शनकाारियों ने ढाका, चढगांव और दिनाजपुर सड़क जाम कर दिया है। वे ‘हम न्याय के लिए मरेंगे, हम इसके लिए लड़ेंगे’ का नारा लगा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिन्मय दास प्रभु पर देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का केस है।
हमले में 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 3 की हालत गंभीर है।
प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों पर सड़कें जाम कर दी हैं।
ढाका यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर कुछ लोगों ने हमला कर उन्हें तितर-बितर कर दिया।
चिन्मय प्रभु ढाका से चटगांव जाने के लिए हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे थे, यहीं से उन्हें डिटेक्टिव पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मौके पर मौजूद इस्कॉन के सदस्यों का कहना है कि डीबी पुलिस ने कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया। उन्होंने बस इतना कहा कि वे बात करना चाहते हैं। इसके बाद वो उन्हें माइक्रोबस में बैठाकर ले गए।
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा (डीबी) के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रेजाउल करीम मल्लिक ने कहा कि पुलिस के अनुरोध के बाद चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया।
बांग्लादेश इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु लगातार हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामलों को उठा रहे थे।
आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराने का आरोप 25 अक्टूबर को चटगांव के लालदीघी मैदान में नातन जागरण मंच ने 8 सूत्री मांगों को लेकर एक रैली की थी। इसे चिन्मय कृष्ण दास ने भी संबोधित किया था। इस दौरान न्यू मार्केट चौक पर कुछ लोगों ने आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराया था। इस ध्वज पर आमी सनातनी लिखा हुआ था।
रैली के तुरंत बाद बीएनपी नेता फिरोज खान ने चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ चटगांव में राजद्रोह का केस दर्ज कराया था। उन पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है।
बांग्लादेश के चटगांव में आजादी स्तम्भ पर भगवा ध्वज लगाया गया था, जिसे बाद में हटा लिया गया।
इस्कॉन मंदिर पर हमला हुआ था बांग्लादेश में सत्ता संग्राम के दौरान 6 अगस्त को खुलना जिले में एक इस्कॉन मंदिर को निशाना बनाया गया था। इसमें भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों को जला दिया गया था। इस हमले के बाद चिन्मय दास ने कहा था कि चटगांव में तीन अन्य मंदिरों पर भी खतरा है।
हिन्दू समुदाय मिलकर उनकी सुरक्षा में लगा है। दास का कहना था कि हिंसा से बचने के लिए हिन्दू त्रिपुरा और बंगाल के रास्ते भारत में शरण ले रहे हैं। चिन्मय दास हिन्दू मंदिरों की सुरक्षा के मुद्दे को काफी समय से उठाते रहे हैं।
बांग्लादेश में इस्कॉन के 77 से ज्यादा मंदिर बांग्लादेश में इस्कॉन के 77 से ज्यादा मंदिर हैं। देश के लगभग हर जिले में एक इस्कॉन मंदिर है। अनुमान के मुताबिक, लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग इससे जुड़े हुए हैं। ——————————————————————————–
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