ढाका6 मिनट पहले
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अमेरिका में रिश्वत देने के आरोप में घिरे अडाणी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारतीय बिजनैसमेन गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी पावर पर अरबों डॉलर के बिजली समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
रॉयटर्स ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि इस समझौते के तहत जिस पावर प्लांट को लेकर डील की गई है, उसे भारत सरकार से टैक्स बेनिफिट मिल रहा है। इस बेनिफिट को अडाणी पावर बांग्लादेश को ट्रांसफर नहीं कर रहा है।
बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने 2017 में अडाणी पावर के साथ बिजली की खरीद को लेकर समझौता किया था। इस समझौते के तहत अडाणी पावर झारखंड में मौजूद अपने पावर प्लांट से बांग्लादेश को बिजली सप्लाई कर रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश इस समझौते पर फिर बातचीत करना चाह रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लांट से मिल रही बिजली दूसरे प्लांट्स की तुलना में मंहगी है। रायटर्स ने अपनी रिपोर्ट में डील से जुड़े दस्तावेजों और 7 अधिकारियों के इंटरव्यू का हवाला दिया है।
अंतरिम सरकार की तर्क है शेख हसीना ने ये समझौता बिना किसी टेंडर के अडाणी को सौंप दिया था।
अडाणी ने लेटर का जवाब नहीं दिया
भारत सरकार ने 2019 में अडाणी के इस पॉवर प्लांट को स्पेशल इकोनॉमिक जोन (EEZ) का हिस्सा घोषित किया था। इसके बाद इस प्लांट को इनकम टैक्स समेत कई दूसरे टैक्स में छूट का लाभ मिला। समझौते के मुताबिक इसकी जानकारी बांग्लादेश को देना थी और टैक्स में मिलने वाली छूट से होने वाला बेनिफिट बांग्लादेश को ट्रांसफर करना था।
रॉयटर्स ने 17 सितंबर और 22 अक्टूबर को दो लेटर का जिक्र किया है। इनमें बांग्लादेश ने अडाणी से डील के मुताबिक बेनिफिट ट्रांसफर करने के लिए कहा था। लेकिन अडाणी पावर ने ऐसा नहीं किया।
रॉयटर्स ने दो बांग्लादेशी अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि अधिकारी अडाणी ने दोनों लेटर्स का कोई जवाब नहीं दिया है। अगर टैक्स में मिलने वाली छूट बांग्लादेश को ट्रांसफर होती तो, बिजली की कीमत में लगभग 0.35 डॉलर प्रति यूनिट की बचत होती।
अडाणी पावर को भुगतान में देरी कर रहा बांग्लादेश
बांग्लादेश को अडाणी पावर ने जुलाई 2023 में बिजली की सप्लाई शुरू कर दी थी। हालांकि बांग्लादेश बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहा है। ढाका पर सैकड़ों मिलियन डॉलर का भुगतान बकाया है। रॉयटर्स से बात करते हुए बांग्लादेश के ऊर्जा मंत्री ने मोहम्मद फैजल कबीर ने कहा कि देश में अब अडाणी की बिजली के बिना भी काम चलाने के लिए क्षमता है।
अडाणी पावर ने पहले ही बकाया बिल के चलते बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति आधी कर दी है। अडाणी पावर के मुताबिक बांग्लादेश पर 846 मिलियन डॉलर यानी करीब 7200 करोड़ रूपए का बकाया है। अडाणी पावर के इस कदम के बाद बांग्लादेश ने भी अपनी मांग को आधा कर दिया था।
2017 में बांग्लादेश और अडाणी पावर के बीच हुआ ये समझौता 25 साल के लिए हैं। इसके तहत अडाणी पावर झारखंड स्थित पावर प्लांट की 2 यूनिट से बिजली सप्लाई कर रहा है।
इस प्लांट की क्षमता 1600 मेगावाट की है।
अमेरिका में अडाणी पर रिश्वत को लेकर मामला दर्ज
अमेरिका के न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट 24 अक्टूबर को रिश्वत को लेकर केस दर्ज हुआ था। इसमें आरोप लगाया था कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे।
यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। बुधवार यानी 20 नवंबर को इसकी सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। सागर अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं।
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