ढाका26 मिनट पहले
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खालिदा जिया दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। उन्हें पाकिस्तान समर्थक माना जाता है।
बांग्लादेश हाई कोर्ट ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया। इसके बाद खालिदा जिया US वीजा एप्लिकेशन प्रोसेस पूरा करने ढाका में अमेरिकन एंबेसी पहुंची। जिया लंबे वक्त से लीवर, हार्ट और आंखों की गंभीर परेशानी से जूझ रही हैं।
79 साल की जिया को अनाथालय ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में स्पेशल कोर्ट ने पांच साल सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें साल 2018 में ढाका सेंट्रल जेल भेज दिया गया। 30 अक्टूबर 2018 को हाई कोर्ट ने उनकी सजा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया था। बाद में उन्हें जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल की भी सजा सुनाई गई थी।
ये तस्वीर दिसंबर 2018 की है, जब गिरफ्तारी के बाद पूर्व PM खालिदा जिया कोर्ट में पेश हुईं थीं।
अगले महीने ब्रिटेन से अमेरिका जा सकती हैं
बीडीन्यूज24 की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने जिया की अपील के आधार पर इस फैसले को पलट दिया। मामले में दो अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया। जिया अगले महीने की शुरुआत में ब्रिटेन जा सकती हैं, जहां से वो अमेरिका या जर्मनी में हाई मेडिकल ट्रीटमेंट की मांग कर सकती हैं।
17 साल बाद जिया के बैंक अकाउंट अनफ्रीज
कोरोना की वजह से जिया को जेल से अस्थाई तौर पर रिहा किया गया था। साल 2020 को उनकी सजा को इस शर्त पर निलंबित कर दिया गया था कि वो अपने घर में ही रहेंगी और देश नहीं छोड़ेंगी।
कुछ महीने पहले ही खालिदा जिया के बैंक अकाउंट अनफ्रीज किया गया है। उनके बैंक खातों पर 17 साल से रोक लगी हुई थी। NBR के सेंट्रल इंटेलिजेंस सेल ने अगस्त 2007 में खालिदा जिया के खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया था।
चिन्मय प्रभु की रिहाई को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी
वहीं दूसरी तरफ, बांग्लादेश में इस्कॉन धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन जारी हैं। प्रदर्शनकाारियों ने ढाका, चटगांव और दिनाजपुर सड़क पर जाम लगाया और नारेबाजी कर प्रभु की जल्द रिहाई की मांग की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिन्मय दास प्रभु पर देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का केस है।
बांग्लादेश इस्कॉन के धर्मगुरु जमानत याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट से बाहर आते हुए।
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