बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 72 घंटे में 10 हाथियों की मौत ने वन्य जीव सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। पीएमओ ने मध्य प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने हाथियों के प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ से सहयोग का आश्वासन दिया। हाथियों की मौत का कारण अभी जांच के अधीन है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Mon, 04 Nov 2024 09:24:48 PM (IST)
Updated Date: Mon, 04 Nov 2024 09:24:48 PM (IST)
HighLights
- बांधवगढ़ में 72 घंटे में 10 हाथियों की मौत
- PMO ने रिपोर्ट मांगी, एक्शन मोड में सरकार
- फील्ड डायरेक्टर और एसीएफ हुए निलंबित
राज्य ब्यूरो, नईदु़निया, भोपाल : मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 72 घंटे में 10 हाथियों की मौत की घटना ने देश भर में वन्य जीव सुरक्षा के प्रयासों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसका केंद्र सरकार ने भी संज्ञान लिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मध्य प्रदेश सरकार से हाथियों की मौत को लेकर रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद से खलबली है।
चूंकि हाथियों की मौत प्रथम दृष्टया कोदो की फफूंदयुक्त फसल खाने से मानी जा रही है लेकिन अभी विशेषज्ञ इसको लेकर एकमत नहीं हैं, नतीजतन, प्रदेश सरकार पीएमओ को रिपोर्ट भेजने के लिए फिलहाल किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। हाथियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर विशेषज्ञों का निष्कर्ष और नमूनों की लैब रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।
पीएमओ के दखल से एक्शन मोड में मध्य प्रदेश सरकार
अलबत्ता, पीएमओ के दखल के बाद मध्य प्रदेश सरकार एक्शन मोड में आ गई। आनन-फानन में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए शासन ने मामले में लापरवाही के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर और एसीएफ को निलंबित कर दिया, लेकिन कई उच्चाधिकारियों पर अभी भी कार्रवाई नहीं की गई है, जो हाथियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे।
मुख्यमंत्री बोले- छग के साथ मिलकर करेंगे हाथियों का प्रबंधन
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि अब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, दोनों मिलकर हाथियों का प्रबंधन करेंगे। इसके लिए छत्तीसगढ़ से बड़े समूह में आने वाले हाथियों की सूचना के आदान-प्रदान और उनके प्रबंधन के संबंध में कार्य योजना बनाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। डा. यादव ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तथा प्रदेशवासियों को राज्योत्सव की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए यह बात कही।
रातभर चिंघाड़ते रहे हाथी, ग्रामीणों के सूचना देने पर भी देरी से पहुंचे अधिकारी
इस बीच सामने आया है कि बांधवगढ़ में स्थानीय ग्रामीणों ने हाथियों की चिंघाड़ने की आवाजें सुनकर घटनास्थल पर पहुंचने के बाद इसकी सूचना नजदीकी वन चौकी और उच्चाधिकारियों को दे दी थी, लेकिन घंटों बाद भी अधिकारी घटना स्थल पर नहीं पहुंचे। काफी देर बाद वन अमले ने पहुंचकर उच्चाधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया, तब जाकर अधिकारियों ने हाथियों की सुध ली।
पहले तो वन मुख्यालय में बैठे अधिकारी लापरवाही बरतते रहे, लेकिन हाथियों की हालत ज्यादा बिगड़ने के बाद हरकत में आए और बांधवगढ़ के लिए रवाना हुए। माना जा रहा है कि यदि समय से हाथियों को उपचार मिल जाता तो इतने हाथियों की मौत न होती।
हाथियों की मौत की वजह जांच रिपोर्ट आने के बाद भी पता चल पाएगी। हम भी उसका का इंतजार कर रहे हैं। अब हाथियों के प्रबंधन की कार्ययोजना बनाई जा रही है।
-असीम श्रीवास्तव, वन बल प्रमुख
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