वॉशिंगटन1 घंटे पहले
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आने वाली सरकार से कई गलती न करने की अपील की।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को राजधानी वॉशिंगटन में विदेश नीति पर अपना आखिरी भाषण दिया। NYT के मुताबिक बाइडेन ने इस दौरान दावा किया कि चीन कभी अमेरिका से आगे नहीं निकल पाएगा। इसके साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने के फैसले को सही ठहराया।
बाइडेन ने कहा कि एक समय एक्सपर्ट्स यह अनुमान लगा रहे थे कि चीन की इकोनॉमी अमेरिका से आगे निकल जाएगी। अब माना जा रहा है कि चीन जिस रास्ते पर है वह अमेरिका से कभी आगे नहीं निकल पाएगा। नई सरकार को चीन से अकेले जूझने की जगह अपने सहयोगियों के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
बाइडेन ने कहा-
हमने चीन के साथ रिश्तों को बेहतर तरीके से मैनेज किया। मेरे राष्ट्रपति रहते आपसी रिश्ते कभी संघर्ष में नहीं बदले। चीन कभी हमसे आगे नहीं निकल पाएगा। अमेरिका दुनिया में सुपर पावर बना रहेगा।
बाइडेन ने अपनी स्पीच में रूस-यूक्रेन वॉर, गाजा युद्ध, चीन और ईरान समेत कई मुद्दों पर बात की। हालांकि पूरी स्पीच में उन्होंने एक बार भी डोनाल्ड ट्रम्प का नाम नहीं लिया। बाइडेन ने दावा किया कि जल्द ही गाजा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई का समझौता सफल होने वाला है।
जो बाइडेन कल यानी बुधवार को ओवल ऑफिस से राष्ट्र के नाम अपनी विदाई स्पीच देंगे। वहीं डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे।
जो बाइडेन ने अपनी स्पीच में एक बार भी डोनाल्ड ट्रम्प का नाम नहीं लिया।
आज ईरान जितना कमजोर उतना कभी नहीं रहा
जो बाइडेन के कार्यकाल में ही अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान में तालिबान से 20 साल संघर्ष के बाद 2021 में वापसी की थी। इसे लेकर उन्होंने कहा कि युद्ध को खत्म करना सही फैसला था। मेरा मानना है कि इतिहास इसका मूल्यांकन करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में ईरान को सैन्य तौर पर काफी कमजोर कर दिया गया। इजराइल को ईरानी मिसाइलों से बचाने के लिए दो बार अमेरिकी सेना की तैनाती की गई। आज ईरान जितना कमजोर है, बीते दशकों में कभी उतना कमजोर नहीं रहा।
अफगानिस्तान में 20 साल संघर्ष के बाद अमेरिकी सैनिक 2021 में वापस लौट आए थे।
मैं ही वो इंसान जो कीव और मॉस्को के बीच खड़ा रहा जो बाइडेन ने कहा कि रूस अभी तक यूक्रेन में अपने टारगेट को हासिल नहीं कर पाया है। पुतिन को लगाता था कि वो अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के बीच दरार पैदा कर देंगे, लेकिन उसे इसमें कामयाबी नहीं मिली।
जब पुतिन ने यूक्रेन पर हमला किया था तो उन्हें लगा था कि वे कुछ ही दिनों में कीव पर कब्जा कर लेंगे। जबकि हकीकत यह है कि जब से युद्ध शुरू हुआ है, तब से सिर्फ मैं ही वो इंसान हूं जो कीव और मॉस्को की बीच खड़ा है।
2022 में वॉर शुरू होने के बाद से अमेरिका यूक्रेन को कई डॉलर की मदद दे चुके हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के अमेरिकी दौरे के दौरान की तस्वीर।
नई सरकार से कोई गलती न करने की अपील
बाइडेन ने कहा कि उनकी सरकार ने चीन पर नए प्रतिबंध लगाए, पड़ोसियों को एकजुट किया, मिडिल ईस्ट में शांति लाने की कोशिश की और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए काम किया। बाइडेन ने अपनी सरकार को यूक्रेन और इजराइल को दुश्मनों से बचाने का क्रेडिट दिया।
बाइडेन ने आने वाली सरकार से अपील की कि कोई गलती न करें, अमेरिका को लगातार कई चुनौतियां निपटना है। आज हमारे विरोधी कमजोर और दबाव में हैं। उन्होंने ट्रम्प सरकार से ग्रीन एनर्जी की पॉलिसी को जारी रखने की अपील की।
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