उज्जैन के गीता कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा माता गुजरी में सोमवार को एक विशेष आयोजन हुआ। सिख समाज के महान योद्धा और बलिदानी बाबा दीप सिंह के जन्म दिवस पर चौपहरा साहब का सामूहिक पाठ किया गया। यह पाठ शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक चला, जिसके बाद कीर्तन और अरदास
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बाबा दीप सिंह का जीवन वीरता और त्याग की अनूठी मिसाल है। गुरुद्वारा के जोगेंदर सिंह डंग ने बताया कि बाबा दीप सिंह ने हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण का विरोध किया, जिससे मुगल शासक नाराज हो गए। मुगलों द्वारा गुरु-स्थानों की बेअदबी के विरोध में सिखों ने जो संघर्ष किया, उसमें बाबा दीप सिंह की भूमिका अग्रणी रही।
सबसे उल्लेखनीय है कि 75 वर्ष की आयु में भी बाबा दीप सिंह ने अद्भुत वीरता का प्रदर्शन किया। उन्होंने श्री हरमिंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) की परिक्रमा करने का अपना वचन पूरा किया और पवित्र स्थल की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। आज भी बाबा दीप सिंह का गुरबाणी के प्रति समर्पण और गुरु-स्थानों के लिए प्रेम-भाव सिख समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी याद में आयोजित इस कार्यक्रम का समापन लंगर की सेवा के साथ हुआ।
कीर्तन और अरदास की 3 तस्वीरें…
पाठ शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक चला।
गुरुद्वारे में पाठ कीर्तन करतीं महिलाएं।
चौपहरा साहब का सामूहिक पाठ किया गया।
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