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बाबा महाकाल को लगने लगी सर्दी, गर्म पानी से होगा स्नान, 18 अक्टूबर से सुबह आधा घंटा देरी से करेंगे भोजन

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल की दिनचर्या 18 अक्टूबर से बदल जाएगी। सर्दी के मौसम में भगवान आधा घंटा देरी से भोजन करेंगे। भस्म आरती में उन्हें गर्म जल से स्नान कराया जाएगा। आरती के समय में भी बदलाव होगा, जो फाल्गुन पूर्णिमा तक जारी रहेगा।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Sun, 13 Oct 2024 09:32:46 PM (IST)

Updated Date: Sun, 13 Oct 2024 09:46:13 PM (IST)

प्रतिदिन होने वाली पांच में तीन आरती का समय भी बदलेगा।

HighLights

  1. भगवान महाकाल की दिनचर्या 18 अक्टूबर से बदलेगी।
  2. भस्म आरती में गर्म जल से होगा बाबा महाकाल का स्नान
  3. भोग आरती सुबह 10:30, संध्या आरती 6:30 बजे होगी

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन : ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा 18 अक्टूबर से भगवान महाकाल की दिनचर्या बदलेगी। सर्दी के मौसम में अवंतिकानाथ सुबह आधा घंटा देरी से भोजन करेंगे। भस्म आरती में भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जाएगा। प्रतिदिन होने वाली पांच में तीन आरती का समय भी बदलेगा। दिनचर्या में बदलाव का यह क्रम फाल्गुन पूर्णिमा तक चलेगा।

गर्म जल से स्नान

पं. महेश पुजारी ने बताया कि महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में गर्मी व सर्दी के क्रम में प्रत्येक छह माह में भगवान की दिनचर्या बदलती है। वर्तमान में भगवान की दिनचर्या गर्मी के मौसम अनुसार चल रही है। भगवान ठंडे जल से स्नान कर रहे हैं, लेकिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से मंदिर में सर्दी की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन से भगवान महाकाल ठंडे के बजाय गर्म जल से स्नान करना प्रारंभ करते हैं। साथ ही आरती का समय भी बदलता है।

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18 अक्टूबर से कब होगी आरती

वर्तमान में प्रतिदिन सुबह सात बजे दद्योदक अर्थात बालभोग आरती हो रही है। इस आरती में भगवान को दही-चावल का भोग लगाया जाता है। 18 अक्टूबर से यह आरती सुबह 7.30 बजे से होगी। इसी प्रकार वर्तमान में सुबह 10 बजे भोग आरती हो रही है। इसमें भगवान को दाल, चावल, रोटी, सब्जी, मिष्ठान का नैवेद्य लगाया जाता है। यानी भगवान सुबह 10 बजे भोजन कर रहे हैं।

18 अक्टूबर से भोग आरती सुबह 10.30 बजे होगी। इसका आशय यह है, सर्दी में भगवान आधा घंटा देरी से भोजन करेंगे। वर्तमान में संध्या आरती शाम सात बजे की जा रही है, लेकिन 18 अक्टूबर से संध्या आरती प्रतिदिन शाम 6.30 बजे से होगी। क्योंकि सर्दियों में सूर्यास्त जल्दी होने लगता है।

यह आरती व पूजन निर्धारित समय पर

प्रतिदिन तड़के चार बजे होने वाली भस्म आरती तथा रात 10.30 बजे होने वाली शयन आरती अपने इसी निर्धारित समय पर होगी। शाम पांच बने होने वाली संध्या पूजन का समय भी वहीं रहेगा।

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