इंदौर में बाल श्रम उन्मूलन अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई में दो बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है। नायक ऑटो गैरेज में काम कर रहे 10 और 13 वर्ष के दो बच्चों को संस्था ‘आस जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस’ ने श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और तेजाजीनगर पुलिस की मदद से मुक्त करवाया। जांच में पता चला कि दोनों बच्चे इंदौर के असरावद क्षेत्र के रहने वाले हैं और पिछले दो महीने से गैरेज में काम कर रहे थे। गैरेज के मालिक संजय राठौर केवल नाश्ते के पैसे देकर इन बच्चों से काम करवा रहे थे। श्रम विभाग ने गैरेज संचालक के खिलाफ बाल श्रम उन्मूलन अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। कार्रवाई में महिला बाल विकास विभाग से संदेश रघुवंशी, श्रम विभाग से श्रेया झा, संस्था आस से राहुल गोठाने, शुभम देवल, मोनिका वाघाए, शिवकन्या बघेल और श्रीराम ओसारी शामिल थे। बच्चों को मुक्त कराने के बाद इंदौर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष धर्मेंद्र पांडेय के निर्देश पर उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया और संस्था में प्रवेश करवाया गया। साथ ही बच्चों के परिजनों को भी इस कार्रवाई की सूचना दी गई।
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