भोपाल के बिल्डर के किडनैपिंग केस में भोपाल पुलिस को होटल से सीसीटीवी फुटेज मिल गए हैं, जिसमें आरोपियों की गाड़ी और वे दिख रहे हैं।
भोपाल के बिल्डर का अपहरण और 30 लाख रुपए की फिरौती वसूलने के मामले का मास्टरमाइंड खुद को हमीदिया हॉस्पिटल की पार्किंग का ठेकेदार बताने वाला नरेंद्र गिरि गोस्वामी निकला है। बिल्डर नितेश सिंह ठाकुर को बंधक रखने के दौरान वह दस करोड़ रुपए की फिरौती देने का
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भोपाल पुलिस इस होटल से आरोपियों और पीड़ित के सीसीटीवी फुटेज ले आई है। आरोपी नरेंद्र ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर होटल मालिक से पुलिस के पहुंचने से पहले ही सीसीटीवी फुटेज डिलीट करा दिए थे। लेकिन, होटल मालिक ने इन फुटेज को पहले ही एक पेन ड्राइव में सेव कर लिया था।
ग्वालियर और मुरैना टोल, बाद में भिंड के जिस होटल में बिल्डर को बंधक बनाकर रखा गया था, सभी जगह के सीसीटीवी फुटेज जब्त कर भोपाल पुलिस लौट आई है। बिल्डर को दोस्त पंकज परिहार की मुखबिरी पर उठाया गया। बदमाश मुरैना टोल से बिल्डर की गाड़ी के पीछे लगे थे। नरेंद्र समेत सभी आरोपी परिवार सहित फरार हैं। ग्वालियर में सभी आरोपियों के ठिकानों पर पुलिस ने दबिश दी, सभी के घर में ताले लगे मिले।
बिल्डर को पहले ग्वालियर के होटल लेकर पहुंचे बिल्डर नितेश सिंह ठाकुर ने बताया, ‘पंकज परिहार और मैं बैंकॉक से लौटने के बाद दिल्ली आए। यहां पंकज का दोस्त सूरज ठाकुर मिला। पंकज सगाई में चलने का कहकर मुझे दिल्ली से बाय रोड ग्वालियर ले जाने के लिए निकला। वह लगातार लोकेशन नरेंद्र गोस्वामी और दूसरे आरोपियों को भेज रहा था। मुरैना टोल से पहले उसने संजय राजावत को जानकारी दे दी। टोल से आरोपियों ने हमारी टैक्सी कार का पीछा शुरू कर दिया।
पहले हमारी सफेद रंग की वैगन-आर कार ने टोल क्रॉस किया। टोल क्रॉस करने के लिए सूरज ने उत्तर प्रदेश पुलिस के फर्जी कार्ड का इस्तेमाल किया। यह विजय धामा नाम से बना है। ठीक पीछे आरोपियों की भोपाल नंबर की काले रंग की स्कॉर्पियो क्रॉस हुई। इसके पीछे अर्टिका कार टोल क्रॉस हुई। यह ग्वालियर नंबर की थी।
टोल से कुछ ही दूर घोड़ापुर गांव में मेरा अपहरण किया गया। यहां से आरोपी अपनी कार से मुझे रमन पैलेस होटल (ग्वालियर) लेकर पहुंचे। मेरे साथ मारपीट की। नरेंद्र ने 10 करोड़ की डिमांड और बारगेनिंग की।’
FIR की भनक लगते ही आरक्षक हेमंत चौहान अंडर ग्राउंड हो गया है।
कनपटी पर राइफल रखकर पत्नी से बात कराई बिल्डर का कहना है, ‘पत्नी मेरे मोबाइल पर लगातार कॉल कर रही थी। आरोपियों ने मेरा मोबाइल बंद कर दिया था। सभी आरोपियों ने भी अपने नंबर बंद कर रखे थे। पत्नी ने आरक्षक हेमंत चौहान के फोन पर कॉल लगाया। उसने कॉल पिक कर ली। मेरी कनपटी पर राइफल रखकर पत्नी से बात कराई। मुझसे कहलवाया गया कि पार्टी में हूं, बाद में बात करता हूं।
इसके बाद आरोपी आपस में भिड़ गए। सभी ने हेमंत को फटकारा। कहा कि इससे हमारी लोकेशन ट्रेस हो सकती है। उन्हें डर लगने लगा कि लगातार फोन बंद होने की वजह से कहीं मेरी पत्नी पुलिस में शिकायत न कर दे। पंकज की शर्ट पहनाकर मुझे होटल से निकाला गया। यहां से मुझे भिंड के पास होटल पन्ना में ले जाया गया। यह होटल भी आरोपियों की जान-पहचान वाले का है। यहां ओम राजावत की सिंगल आईडी पर दो रूम दिए गए।
पिटाई का वीडियो वायरल करने की धमकी देते थे बिल्डर के मुताबिक, 29 अक्टूबर को आरोपी भोपाल छोड़ गए। मैं डरा हुआ था, इस वजह से किसी को घटना की जानकारी नहीं दी, न ही कोई एफआईआर दर्ज कराई। इससे आरोपियों के हौसले और बुलंद हो गए। वे मुझसे दस करोड़ रुपए की मांग करने लगे। मुझे पीटते हुए का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देने लगे। तब जाकर पुलिस के पास जाने की हिम्मत की।
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भोपाल के रियल एस्टेट कारोबारी का अपहरण कर आरोपियों ने परिजन से एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। बाद में 30 लाख रुपए लेकर छोड़ दिया। इस मामले में सभी आरोपी पीड़ित के पूर्व परिचित ही हैं। वारदात 27 से 29 अक्टूबर के बीच की है। पूरी खबर पढ़िए…
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