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बुधनी-विजयपुर उपचुनाव का ऐलान थोड़ी देर में: बुधनी में रमाकांत और कार्तिकेय की मजबूत दावेदारी, विजयपुर में रावत के सामने कौन – Madhya Pradesh News

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रामनिवास रावत के बीजेपी में शामिल होने और इस्तीफे सेर विजयपुर सीट खाली हुई वहीं, बुधनी सीट शिवराज सिंह के सांसद बनने से खाली हुई थी।

मध्य प्रदेश की दो विधानसभा सीटों बुधनी और विजयपुर में उपचुनाव की तारीख का ऐलान थोड़ी देर में होगा। विजयपुर सीट से वन मंत्री रामनिवास रावत का नाम बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर तय है। वहीं, बुधनी के लिए प्रदेश चुनाव समिति ने पांच नामों का पैनल दिल्ली भेजा

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माना जा रहा है कि पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव और वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष गुरु प्रसाद शर्मा में से किसी एक को टिकट मिल सकता है। दोनों ही केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी हैं। हालांकि पैनल में उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम भी है।

कार्तिकेय के साथ संगठन की तरफ से बुधनी भाजपा मंडल अध्यक्ष आशा राम यादव का नाम भी शामिल किया है। कांग्रेस की बात करें तो दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मंथन चल रहा है। बुधनी में कांग्रेस की तरफ से पांच दावेदार हैं, लेकिन पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष महेश राजपूत के नाम पर मुहर लग सकती है।

पहले जानिए बुधनी से भाजपा के दावेदार

रमाकांत भार्गव, पूर्व सांसद विदिशा

मजबूत पक्ष: शिवराज सिंह चौहान के करीबी, मार्कफेड के अध्यक्ष रहे। बुधनी में शिवराज सिंह चौहान के 6 चुनाव के संचालक की भूमिका में रहे।

वजह: पार्टी इनाम के तौर पर उन्हें प्रत्याशी बना सकती है। वे शिवराज की पसंद भी माने जाते हैं।

गुरुप्रसाद शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, वन विकास निगम

मजबूत पक्ष: राजनीति का लंबा अनुभव। सर्वमान्य नेता, तीन बार के वन विकास निगम अध्यक्ष। जनता के बीच गहरी पैठ,अपने लिए कभी पार्टी से कुछ नहीं मांगा।

वजह: शिवराज के खास लोगों में शामिल हैं। इनके नाम पर संगठन की सहमति है।

कार्तिकेय सिंह चौहान:पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे

मजबूत पक्ष: पिछले दो विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में लगातार सक्रिय। खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवाओं के बीच लोकप्रिय।

वजह: केंद्रीय नेतृत्व युवा चेहरा मैदान में उतारने का फैसला लेता है तो कार्तिकेय का दावा मजबूत।

राजेंद्र सिंह राजपूत, पूर्व अध्यक्ष, वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन

मजबूत पक्ष: 2003 के विधानसभा चुनाव में बुधनी से जीते। शिवराज के मुख्यमंत्री बनने के बाद साल 2005 में सीट खाली की। जनता से सीधा संपर्क, समाज के सभी वर्ग में गहरी पैठ।

वजह: संगठन के दावेदार के पैनल में नाम शामिल। पिछले 20 साल से क्षेत्र में सक्रिय।

रघुनाथ सिंह भाटी, पूर्व जिला अध्यक्ष, सीहोर

मजबूत पक्ष: शिवराज सिंह चौहान के विश्वासपात्र। मजबूत संगठन क्षमता, प्रदेश संगठन में प्रदेश मंत्री रहे। बुधनी ​ विधानसभा क्षेत्र में जाना पहचाना चेहरा।

वजह: बुधनी में मालवीय वर्ग बड़ा वोट बैंक हैं। पूर्व सीएम शिवराज के खास लोगों में गिने जाते हैं।

बुधनी से कांग्रेस के दावेदार

  • महेश राजपूत, पूर्व अध्यक्ष, जनपद: 2008 में बुधनी से चुनाव लड़ चुके
  • राजकुमार पटेल, पूर्व मंत्री: 1993 में बुधनी से विधायक रहे
  • कमलेश यादव, सदस्य, जिला पंचायत
  • जितेंद्र उईके, सदस्य, जिला पंचायत
  • धर्मेंद्र चौहान, अध्यक्ष, जिला पंचायत
  • अजय पटेल, ब्लॉक अध्यक्ष, यूथ कांग्रेस

क्या है बीजेपी और कांग्रेस की रणनीति..

करण सिंह व रामपाल को बुधनी का प्रभार भाजपा संगठन ने राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा को बुधनी विधानसभा सीट का प्रभारी और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को सह प्रभारी बनाया गया है। ये नेता दोनों क्षेत्र में प्रवास कर रहे हैं। इस सीट पर भाजपा का फोकस बूथ स्तर पर वोट प्रतिशत बढ़ाने पर हैं।

बुधनी में अरुण यादव को कमान बुधनी में उप चुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अरुण यादव को संयोजक बनाया है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल को इस समिति में सदस्य बनाया है। बुधनी विधानसभा में कांग्रेस के सामने एक मजबूत टिकाऊ चेहरा खोजना सबसे बड़ी चुनौती है।

शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव वाली बुधनी में कांग्रेस के पास फिलहाल कोई मजबूत चेहरा नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस यहां दमदार और असरदार उम्मीदवार खोज रही है।

बुधनी में तीसरा उप चुनाव बुधनी में ये तीसरा उपचुनाव है। इससे पहले 1991 में शिवराज सिंह चौहान ने विधायक रहते विदिशा से सांसद का चुनाव लड़ा था। सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया था। 1992 में यहां से मोहन लाल शिशिर उपचुनाव जीते थे। इसके बाद दूसरा उपचुनाव 2005 में हुआ था। शिवराज मप्र के मुख्यमंत्री बने थे। तब यहां से विधायक चुने गए राजेंद्र सिंह राजपूत ने उनके लिए सीट खाली की थी।

विजयपुर में रावत के सामने आदिवासी पर दांव लगा सकती है कांग्रेस विजयपुर सीट पर भाजपा के टिकट पर रामनिवास रावत का चुनाव लड़ना तय है। रावत के सामने कांग्रेस आदिवासी उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है। ऐसे में मुकेश मल्होत्रा का नाम सबसे आगे हैं। मल्होत्रा सहरिया आदवासी हैं और इस समुदाय के वोटर्स 60 हजार से अधिक हैं। इसके अलावा सिंधिया समर्थक नेता ब्रज सिंह चौहान को कांग्रेस टिकट का ऑफर कर सकती है।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस विजयपुर सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी पर दांव लगाना चाहती थी। सीताराम ने ही वर्ष 2018 में भाजपा के टिकट पर रामनिवास रावत को हराया था लेकिन भाजपा ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में सीताराम आदिवासी का टिकट काटकर बाबूलाल मेवाड़ा को टिकट दिया था।

सीताराम ने समय-समय पर अपनी नाराजगी भी जताई। यही वजह है कि उन्हें हाल ही में भाजपा ने उन्हें सहरिया विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है। अब कांग्रेस किसी दूसरे आदिवासी प्रत्याशी के तौर पर मुकेश मल्होत्रा के नाम पर भी विचार कर रही है।

विजयपुर उपचुनाव के लिए बनाई गई समिति कांग्रेस ने विजयपुर सीट के लिए AICC के सचिव और मध्य प्रदेश सह प्रभारी चंदन यादव, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव की समिति बनाई है। कांग्रेस नेताओं की समिति स्थानीय जिला अध्यक्ष, ब्लाक अध्यक्ष, मंडल, सेक्टर, बूथ के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक कर मजबूत प्रत्याशी के नामों को लेकर चर्चा कर रही है।

विजयपुर में दो सिंचाई परियोजनाओं को मिली मंजूरी रामनिवास रावत के मंत्री बनने के बाद और विजयपुर उप चुनाव के पहले सरकार ने रावत के क्षेत्र में दो सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। जल संसाधन विभाग ने विजय पुर विधानसभा में 82.92 करोड़ की लागत से 1770 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई वाली डोकरका परियोजना और 88.71 करोड रूपए की लागत से 1980 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता वाली लोढ़ी परियोजना को मंजूरी दी है।

दोनों सीटों पर मुख्यमंत्री का फोकस दोनों सीटों पर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव का फोकस है। बुधनी में 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्रामीम सड़क योजना के अंतर्गत 500 किमी स्वीकृत सड़कों का सिंगल क्लिक के माध्यम से शुभारंभ किया। जिले के 52818 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 2 करोड़ 70 लाख रुपए बोनस राशि का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने 9 अक्टूबर को विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में वन समितियों का सम्मेलन आयोजित किया।

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