0

बुरहानपुर में आदिवासी समाज का अंतर्जातीय विवाह रोकने का फैसला: थ्री-डी पर काम कर दहेज, दारू और डीजे जैसी सामाजिक कुरीतियों पर भी करेंगे नियंत्रण – Burhanpur (MP) News

बुरहानपुर जिले के आदिवासी समाज ने अंतर्जातीय विवाह रोकने का निर्णय लिया है। इसके अलावा थ्री-डी यानी दहेज, दारू और डीजे पर भी नियंत्रण लगाया जाएगा। बुधवार शाम को रेणूका स्थित कृषि उपज मंडी में बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया। इसमें भील, भीलाला. बारेला

.

बैठक में समाज की कुरीतियों को खत्म करने और दहेज, दारू और डीजे के उपयोग को कम करने को लेकर फैसला हुआ। 12 फरवरी को संत रविदास जयंती के दिन आदिवासी समाज का महा सम्मेलन होगा, जिसमें समाज की कुरीतियों पर चर्चा की जाएगी।

सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी सोलंकी ने बताया कि हम दहेज परंपरा की जगह ग्राम सभा का कानून लागू करना चाहते हैं। जयस कार्यकारी जिलाध्यक्ष विजय धारवे ने कहा कि कोई आदिवासी समाज की लड़कियों से शादी करता है, तो वह आरक्षण का फायदा उठाता है। उनके नाम पर जमीन लेता है। एक तरफ तो सरकार अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए ढाई लाख रुपए और पुलिस प्रोटेक्शन दे रही है। लेकिन इससे आदिवासियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। अगर कोई अंतर्जातीय विवाह करता है, तो उसे आरक्षण का फायदा नहीं मिलना चाहिए। लड़की का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया जाना चाहिए।

बैठक में थ्री-डी पर काम करके समाज से दहेज, दारू और डीजे पर रोक लगाने का फैसला लिया।

बैठक में यह मुद्दे भी रखे गए

बैठक में समाज के कई मुद्दों पर बात हुई। यह फैसला लिया गया कि आदिवासी समाज की लड़की अगर किसी गैर-आदिवासी समाज के लड़के से शादी करती है, तो आदिवासी समाज सरकार से उसके आदिवासी समाज के अधिकार खत्म करने की मांग करेगा। साथ ही ऐसी व्यवस्था कि जाएगी कि वह आरक्षण का दुरुपयोग न कर सके। जिले में करीब 2.50 लाख आदिवासी रहते हैं। इसके बावजूद आदिवासी समाज के नाम पर थोड़ी-बहुत जमीन है। समाज की अपनी कोई धर्मशाला भी नहीं है, इसलिए धर्मशाला की मांग का सुझाव भी रखा गया। पूरी तरह से नशाबंदी करने पर भी चर्चा हुई।

चार से पांच लाख दहेज मांग रहे लोग

समाज के लोगों के मुताबिक, आदिवासी समाज में दहेज लड़के के परिवार को देना होता है। आजकल चार से पांच लाख रूपए तक भी दहेज मांगा जाने लगा है। इसके कारण पलायन भी हो रहा है। कई बार जमीन गिरवी रखकर, बेचकर भी शादियां हो रही हैं, इसलिए अब समाज इन परंपराओं पर रोक लगाने की कोशिश कर रहा है। इसी तरह शादियों में डीजे पर काफी पैसा खर्च किया जा रहा है।

समाज का भवन नहीं है, इसलिए समाज खुद भी जन सहयोग से एक भवन के लिए प्रयास करेगा। साथ ही शासन से भी इसकी मांग रखेगा। 12 फरवरी को होने वाले सम्मेलन में समाज के सभी पटेलों को भी बुलाया जाएगा।

बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी सोलंकी, बिंदु कन्नौजे, लालसिंग तड़ोले, तार सिंग डावर, बिल्लौर सिंग जमरे, तुलसीराम दुर्गे, रतन भाई, नाहर सिंग, रूम सिंग, जयस कार्यकारी जिलाध्यक्ष विजय धारवे मौजूद रहे।

#बरहनपर #म #आदवस #समज #क #अतरजतय #ववह #रकन #क #फसल #थरड #पर #कम #कर #दहज #दर #और #डज #जस #समजक #करतय #पर #भ #करग #नयतरण #Burhanpur #News
#बरहनपर #म #आदवस #समज #क #अतरजतय #ववह #रकन #क #फसल #थरड #पर #कम #कर #दहज #दर #और #डज #जस #समजक #करतय #पर #भ #करग #नयतरण #Burhanpur #News

Source link