किसान बोले- डैम की क्षमता 3 सालों से नहीं हो रही पूरी, तालाब भी खाली।
बुरहानपुर के रामपुरा डैम में इस साल कम बारिश के कारण मार्च से ही डैम का 85% पानी सूख चुका है। क्षेत्र के भूजल स्तर में गिरावट आई है। कुएं और ट्यूबवेल भी सूखने लगे हैं।
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इससे अंबाड़ा सहित आसपास के 30 से ज्यादा गांवों में पेयजल और सिंचाई की समस्या खड़ी हो सकती है। स्थानीय किसान राजू नवाब और जयराज पाटील के अनुसार, आने वाले मार्च से जून के महीनों में स्थिति चिंताजनक हो सकती है।
डैम की क्षमता तीन सालों से नहीं हो रही पूरी जल संसाधन विभाग ने लगभग 25 साल पहले डैम बनवाया था। ये 25 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी गहराई 15 मीटर है। पिछले तीन सालों से लगातार कम बारिश के कारण डैम अपनी पूरी क्षमता तक नहीं भर पा रहा है। इस साल क्षेत्र के 10% तालाब पहले ही खाली हो चुके हैं।
बैराज डैम से पानी मिलने की उम्मीद ग्रामीणों के अनुसार, वर्तमान परिस्थितियों में ताप्ती नदी पर बना बैराज डैम ही एकमात्र आशा है। उन्हें गर्मी के मौसम में वहां से पानी मिलने की उम्मीद है। स्थानीय किसान आत्माराम पाटील, कमल सिंह ठाकुर और विनोद चौहान ने बताया कि पिछली बारिश में तालाब 90% तक भरा था, लेकिन मार्च आते-आते ही अधिकांश पानी सूख गया है।
किसानों की बढ़ी चिंता अंबाडा के किसान अशोक पाटील, सुरेंद्र आसखडके और दिनेश आस्खडके ने चिंता व्यक्त की है कि तालाब के सूखने से आने वाले समय में पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। रबी की फसल भी इस जलसंकट से प्रभावित हो सकती है।
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