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बृहस्‍पति के चंद्रमा ‘यूरोपा’ पर पैदा हो रही खूब ऑक्‍सीजन! 10 लाख लोग सांस ले सकते हैं

पृथ्‍वी (Earth) के बाहर ऑक्‍सीजन होने का मतलब है कि उस जगह पर भविष्‍य में जीवन की संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है। लेकिन क्‍या यह संभावना एक चांद पर पूरी हो सकती है। हैरानी होगी जानकर कि हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्‍पति (Jupiter) का चंद्रमा यूरोपा (Europa) इतनी ऑक्‍सीजन पैदा कर रहा है, जो 10 लाख लोगों के लिए काफी है। एक नई स्‍टडी में यह जानकारी सामने आई है। पता चला है कि यूरोपा पहले लगाए गए अनुमानों से ज्‍यादा ऑक्सीजन पैदा कर रहा है। 

नेचर एस्ट्रोनॉमी में पब्लिश हुई स्‍टडी बताती है कि यूरोपा की बर्फीली सतह से रोजाना लगभग 1,000 टन ऑक्सीजन रिलीज होती है, जो 24 घंटे तक 10 लाख लोगों के लिए सांस लेने का काम कर सकती है। यह जानकारी हासिल करने में Nasa के जूनाे मिशन ने अहम भूमिका निभाई है। 

जूनो स्‍पेसक्राफ्ट कई साल से बृहस्‍पति और उसके चंद्रमाओं के बारे में जानकारी जुटा रहा है। स्‍पेसक्राफ्ट पर लगे जेडीई इंस्‍ट्रूमेंट के डेटा का इस्‍तेमाल करके वैज्ञानिकों ने यह स्‍टडी की। दो साल पहले सितंबर 2022 में जूनो ने यूरोपा के करीब से उड़ान भरी थी। उस समय जुटाए गए डेटा को स्‍टडी करने के बाद पता चला कि बृहस्‍पति का यह चांद बहुत ऑक्‍सीजन रिलीज कर रहा है। 

सबसे पहले वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि यूरोपा पर कुछ पाउंड से लेकर 2,000 पाउंड प्रति सेकंड तक ऑक्‍सीजन पैदा होती है। अब अनुमान है कि यूरोपा इससे ज्‍यादा ऑक्‍सीजन रिलीज करता है। यह स्‍टडी इसलिए भी अहम है क्‍योंकि वैज्ञानिकों को लगता है यूरोपा की बर्फीली सतह के नीचे विशाल महासागर यानी समुद्र हाे सकता है। अगर वहां ऑक्‍सीजन की मौजूदगी है, तो यह इस ग्रह पर जीवन के पनपने का महत्‍वपूर्ण संकेत हो सकता है। 

इस स्‍टडी ने नासा का हौसला बढ़ाया है, क्‍योंकि स्‍पेस एजेंसी आने वाले दिनों में यूरोपा क्लिपर मिशन को लॉन्‍च करने वाली है। इस साल के आखिर तक उड़ाए जाने वाले मिशन का मकसद यूरोपा के बारे में गहराई से जानकारी जुटाना है। 
 

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2024-03-07 08:51:15
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