अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य देशों ने आरोप लगाया है कि मॉस्को की मदद के लिए उत्तर कोरिया ने सैनिकों की तैनाती की है। यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है। इसके साथ ही अमेरिका ने उत्तर कोरियाई तानाशाह किंम जोंग उन को चेतावनी भी दी है। इस पर रूस ने भी सुरक्षा परिषद में अमेरिका को दो टूक जवाब दिया।
By Shashank Shekhar Bajpai
Edited By: Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Thu, 31 Oct 2024 10:46:35 AM (IST)
Updated Date: Thu, 31 Oct 2024 10:46:35 AM (IST)
HighLights
- US रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा- 10 हजार उत्तर कोरियाई सैनिक पूर्वी रूस में थे।
- उत्तर कोरिया द्वारा रूस में सेना भेजने से जुड़ी गतिविधि UNSC के प्रस्तावों का उल्लंघन।
- पश्चिमी देश यूक्रेन का दे रहे हैं साथ, तो उ. कोरिया हमारा साथ क्यों नहीं दे सकता- रूस।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से जारी युद्ध अभी तक किसी अंजाम पर नहीं पहुंचा है। पश्चिमी देशों की मदद से रूस के सामने यूक्रेन मजबूती के साथ डटा हुआ है। इस बीच खबर है कि एक के बाद एक मिसाइल टेस्ट से अमेरिका का सिरदर्द बढ़ाने वाले उत्तर कोरिया ने अपने सैनिकों को यूक्रेन युद्ध में भेज दिया है।
इसको लेकर अमेरिका ने बुधवार को उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन का नाम लेकर उन्हें चेतावनी दी। अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की लड़ाई में उत्तर कोरिया अपने सैनिकों को मैदान में नहीं उतारे।
लापरवाह कदम न उठाएं किम जोंग उन
वुड ने कहा कि यदि डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के सैनिक रूस के समर्थन में यूक्रेन की धरती में घुसेंगे, तो वे निश्चित रूप से बॉडी बैग में लौटेंगे। उन्होंने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन को धमकी भरे लहजे में यह चेतावनी दी।
इसके साथ ही यह भी कहा कि मैं किम जोंग उन को सलाह दूंगा कि वे ऐसे लापरवाह और खतरनाक कदम उठाने के बारे में दो बार सोचें। अमेरिका का यह भी कहना है कि उत्तर कोरिया के 10 हजार से ज्यादा सैनिक पहले से ही रूस में मौजूद हैं।
रूस ने US को दिया दो टूक जवाब
संयुक्त राष्ट्र में रूस के दूत ने बुधवार को कहा कि जब पश्चिमी देश खुले तौर पर यूक्रेन का साथ दे रहे हैं और मदद कर रहे हैं, तो उत्तर कोरिया जैसे उसके सहयोगी यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मॉस्को की मदद क्यों नहीं कर सकते। सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, यूक्रेन और अन्य देशों की ओर से हो रही तीखी बहस का सामना रूस के वासिली नेबेंजिया ने डटकर किया।
अमेरिका ने कई कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध
अमेरिका ने बुधवार को रूस के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करते हुए 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए। इसमें भारत, रूस, चीन, हांगकांग, यूएई, तुर्किये, थाईलैंड, मलेशिया, स्विटजरलैंड समेत दर्जन भर से ज्यादा देशों की कंपनियां शामिल हैं।
अमेरिका का कहना है कि ये कंपनियां लड़ाई में रूस को सक्षम बनाने और प्रतिबंधों से बचने में मदद करने से जुड़े उत्पाद और सेवाएं मुहैया करा रही हैं। अमेरिकी वित्त और गृह मंत्रालय ऐसे सभी देशों को दंडित करना चाहता है, जो रूस को मदद दे रहे हैं या रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से बचने में मदद कर रहे हैं।
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