मुंबई11 घंटे पहले
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न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में पहुंचने के लिए चार जीत की जरूरत थी। फैंस से लेकर एक्सपर्ट्स तक का अनुमान था कि भारतीय टीम न्यूजीलैंड से तीनों टेस्ट मैच जीतेगी और ऑस्ट्रेलिया टूर पर कम से कम एक मुकाबला अपने नाम कर फाइनल में जगह पक्की कर लेगी।
लेकिन नतीजा इसके ठीक उलट आया है। कीवी टीम ने भारत को भारत में लगातार तीन टेस्ट मैच में हराकर सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप कर लिया है। 24 साल बाद किसी टीम ने भारतीय जमीन पर भारत का सफाया किया है। इससे पहले साल 2000 में साउथ अफ्रीका ने भारत को भारत में 2-0 से हराया था। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम की ऐसी दुर्गति क्यों हुई, 5 फैक्टर्स में समझते हैं…
1. हमारे सुपरस्टार बल्लेबाजों का फ्लॉप शो कागज पर भारतीय बल्लेबाजी न्यूजीलैंड से काफी बेहतर नजर आ रही थी, लेकिन पिच पर भारतीय सितारे कागजी शेर बन कर रह गए। इंटरनेशनल क्रिकेट में 80 शतक जमाने वाले विराट कोहली ने इस सीरीज के तीन टेस्ट मैचों की 6 पारियों में सिर्फ 92 रन बनाए।
टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने विराट (93 रन) से भी दो रन कम बनाए। उन्होंने 6 पारियों में 91 रन बनाए। युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और सरफराज खान भी अपनी 6-6 पारियों में सिर्फ 1-1 बार ही 50 का स्कोर पार कर सके।
भारतीय बल्लेबाजी किस कदर फ्लॉप रही, इसे एक फैक्ट से समझिए। सीरीज में न्यूजीलैंड के तीन बल्लेबाजों ने 200-200 से ज्यादा रन बनाए। वहीं, भारत की ओर से सिर्फ ऋषभ पंत ही 200 रन का आंकड़ा पार कर सके।
2. न्यूजीलैंड के लेफ्ट आर्म स्पिनर्स भारी पड़े सीरीज में न्यूजीलैंड के लेफ्ट ऑर्म स्पिनर्स भारतीय बल्लेबाजों पर भारी पड़े। बेंगलुरु में पहला टेस्ट हारने के बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट ने स्पिन फ्रैंडली पिच बनवाने का फैसला किया, लेकिन सीरीज की हार नहीं टाल सकी। ओवरऑल सीरीज में एजाज पटेल ने 15 और मिचेल सैंटनर ने 13 विकेट लिए।
पुणे टेस्ट में मिचेल सैंटनर और मुंबई टेस्ट में एजाज पटेल ने भारतीय बल्लेबाजों को बेअसर साबित किया। सैंटनर ने पुणे में कुल 13 विकेट झटके, जबकि एजाज पटेल ने मुंबई टेस्ट में 11 विकेट निकाले। उन्हें पुणे और बेंगलुरु में भी 2-2 विकेट मिले।
3. रविचंद्रन अश्विन का फेल होना भारत के अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इस सीरीज में पूरी तरह फेल रहे। वे तीन टेस्ट में सिर्फ 9 विकेट ही ले सके। जबकि मिचेल सैंटनर ने सिर्फ एक मैच खेलकर 13 विकेट निकाले।
4. पहले टेस्ट में सीम और स्विंग नहीं खेल पाए थे बेंगलुरु में हुए सीरीज के ओपनिंग मैच में भारतीय बल्लेबाजी कीवियों की बाउंस और स्विंग के सामने बिखर गई थी। वहां रोहित शर्मा पिच कंडीशन नहीं पढ़ सके। इस मुकाबले में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने 17 विकेट झटके। इनमें से 8 विकेट मैट हेनरी ने, 7 विकेट विलियम ओरूर्क और 2 विकेट टिम साउदी ने झटके।
इस मुकाबले में भारतीय टीम पहली पारी में 46 रन पर ऑलआउट हो गई। इस पारी में कोहली, सरफराज, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन खाता भी नहीं खोल सके थे।
5. भारत ने न्यूजीलैंड को हल्के में लिया, बेहतर तैयारी के साथ आए कीवी न्यूजीलैंड की टीम 1955 से भारत दौरे पर आ रही है, लेकिन उसने इससे पहले यहां कभी टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाबी नहीं पाई थी। इस वजह से भारतीय मैनेजमेंट ने न्यूजीलैंड को शायद गंभीरता से नहीं लिया। इस सीरीज से ठीक पहले कीवी टीम को श्रीलंका में हार झेलनी पड़ी थी। ज्यादातर भारतीय फैन और एक्सपर्ट यह मान बैठे थे कि न्यूजीलैंड से सीरीज जीतना भारत के लिए केक-वॉक साबित होगा। हुआ इसका उल्टा। श्रीलंका में स्पिन के खिलाफ अच्छी प्रैक्टिस भारत में न्यूजीलैंड के काम आई।
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