भिंड जिले में पिछले 14 वर्षों से सक्रिय एलजेसीसी कंपनी के दफ्तरों पर एक के बाद एक ताले लटकने लगे हैं। कंपनी के कर्ताधर्ता और मैनेजर गायब हो चुके हैं, जिससे हजारों निवेशकों का पैसा फंस गया है। कंपनी का एलजेसीसी ऐप भी बंद हो गया है, जिससे निवेशक रिफंड
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दबोह में रिफंड को लेकर हड़कंप दबोह कस्बे में एलजेसीसी के दफ्तर पर ताला लगने के बाद मैनेजर कल्याण सिंह राठौड़ के गायब होने से हड़कंप मच गया है। हजारों निवेशकों का लाखों-करोड़ों रुपए फंसे हुए हैं। स्थानीय लोग लगातार अपने पैसे की वापसी के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
एलजेसीसी कंपनी का बोर्ड।
भिंड शहर के दफ्तरों पर भी ताले
भिंड शहर में नगर पालिका के पास स्थित तीन मंजिला इमारत के दूसरे माले पर चलने वाला दफ्तर भी बंद हो चुका है। यहां आने वाले ग्राहक रिफंड की मांग कर रहे हैं, लेकिन ताला देखकर निराश लौट जाते हैं। कंपनी के सिटी मैनेजर देशराज पांडे से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने भी आश्वासन देकर फोन काट दिया।
लश्कर रोड पर स्थित कंपनी का दूसरा दफ्तर भी पिछले दो महीने से बंद है। यहां के मैनेजर बृजपाल सिंह राजावत भी लापता हैं। ग्राहकों का कहना है कि वे लगातार संपर्क की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है। दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने सिटी मैनेजर पांडेय से फोन पर संपर्क किया। उन्होंने यह कहकर फोन काट दिया मैं गाड़ी ड्राइव कर रहा हूं। थोड़ी देर से संपर्क करना। इसके बाद फोन आउट आफ रेंज आ रहा है।
फिलहाल, जिले के हजारों निवेशक अपने पैसे को लेकर अनिश्चितता में हैं और एजेंटों के चक्कर काट रहे हैं। कंपनी के दफ्तरों पर ताले लटके रहने से लोगों की चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।
फूप और रौन कस्बों में भी दफ्तर बंद
फूप कस्बे में चार महीने पहले ही एलजेसीसी का दफ्तर बंद हो गया है। यहां के मैनेजर सूरज रैकवार सारा सामान समेटकर उत्तर प्रदेश भाग गए हैं। इसी तरह रौन कस्बे में भी पिछले पांच महीने से दफ्तर बंद पड़ा है। यहां के एजेंट भी निवेशकों को कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
दुबई भागा मुख्य संचालक, ऐप निष्क्रिय
कंपनी के सीएमडी समीर अग्रवाल उर्फ सागा ग्रुप का मुख्य संचालक भी भारत छोड़कर दुबई भाग गया है। दो महीने पहले से कंपनी का ऐप बंद कर दिया गया है। अब निवेशक न तो रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं और न ही कोई नई पॉलिसी ले सकते हैं।
मिहोना में कंपनी का दफ्तर खुल रहा है।
अब भी कुछ जगहों पर खुले हैं दफ्तर
हालांकि, लहार के असवार गांव में, मिहोना, मेहगांव और मौ कस्बों में कंपनी के कुछ दफ्तर अब भी खुले हुए हैं। लेकिन यहां भी केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है। असवार के ब्रजेश शाक्य ने बताया कि कारोबार पूरी तरह ठप हो चुका है और केवल दिखावे के लिए दफ्तर खोले जा रहे हैं।
प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि कंपनी की गतिविधियों की जांच करवाई जा रही है और जल्द ही ठोस कार्रवाई की जाएगी।
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