भोपाल में रात का पारा 12.8 डिग्री दर्ज है।
मध्यप्रदेश में इस समय 2 तरह का मौसम है। ‘फेंगल’ तूफान की वजह से प्रदेश में बादल छाए हुए हैं और रात का टेम्परेचर 6 डिग्री तक बढ़ गया है। दूसरी ओर, बर्फीली हवाओं की वजह से ग्वालियर-चंबल ठिठुर रहे हैं। अगले 2-3 दिन तक तूफान का असर रहेगा। बादल छाए रहेंगे
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मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया,
जब भी बादल रहते हैं तो रात के तापमान में गिरावट की बजाय बढ़ोतरी होती है। इस समय भी ऐसा ही मौसम है। पिछली 2 रात से भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत कई शहरों में पारे में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, ठिठुरन की वजह सर्द हवाएं हैं। अभी प्रदेश में औसत 8 से 10 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उत्तरी हवाएं चल रही हैं।
बादल छाए रहेंगे, पर बारिश के आसार नहीं मंगलवार को प्रदेश के दक्षिणी हिस्से यानी, छिंदवाड़ा, सिवनी, बैतूल समेत कई जिलों में बादल छाए रहे। मालवा-निमाड़, बुंदेलखंड, बघेलखंड में भी बादल रहे, जबकि मालवा-निमाड़ में भी कभी बादल तो कभी मौसम साफ रहा। वैज्ञानिक यादव के अनुसार, अगले 2 दिन तक बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश के आसार नहीं है।
इंदौर में दो दिन में दिन के पारे में 3 और रात में 4 डिग्री का उछाल आया है।
इन शहरों में रात का टेम्परेचर 12 डिग्री से नीचे सोमवार-मंगलवार की रात प्रदेश के कई शहरों में रात के टेम्परेचर में बढ़ोतरी देखने को मिली। उज्जैन में तो 6.2 डिग्री की बढ़ोतरी के बाद तापमान 16 डिग्री पर आ गया। भोपाल में 4.3 डिग्री, इंदौर में 3.3 डिग्री, पचमढ़ी-सागर में 3 डिग्री, रायसेन में 3.4 डिग्री, दमोह में 3.2 डिग्री, उमरिया में 2.1 डिग्री तक टेम्परेचर बढ़ गया।
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार-मंगलवार की रात में नौगांव में 8.1 डिग्री, पिपरसमा में 9 डिग्री, टीकमगढ़ में 9.5 डिग्री, रीवा में 10 डिग्री रहा। नरसिंहपुर, खजुराहो, रायसेन, सतना, खंडवा, राजगढ़, खरगोन, सीधी में भी पारा 12 डिग्री से नीचे ही रहा।
बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 12.8 डिग्री, इंदौर में 16.5 डिग्री, ग्वालियर में 10.7 डिग्री, उज्जैन में 16 डिग्री और जबलपुर में तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाई कड़ाके की ठंड के साथ ही अब कोहरे का असर भी बढ़ेगा। ऐसे में भोपाल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों में रेलवे ने फॉग सेफ डिवाइस भी लगाई है। लोको पायलटों को कुल 341 फॉग सेफ डिवाइस (FSD) दी गई है। दरअसल, कोहरे के दौरान विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है। जिससे लोको पायलटों के लिए सिग्नल और ट्रैक की स्थिति का सही तरीके से आंकलन करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी परिस्थितियों में फॉग सेफ डिवाइस लोको पायलटों की मदद के लिए डिजाइन किया गया है। यह पायलट को अलर्ट कर देता है।
शाजापुर न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री है। यह इस सीजन का सबसे कम तापमान है।
इस बार कड़ाके की ठंड और मावठा दोनों गिरेगा
प्रदेश में इस बार 20 दिसंबर से कड़ाके की ठंड का दौर आएगा, जो जनवरी तक बना रहेगा। इन्हीं 40 दिनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव यानी, सर्द हवाएं की भी स्थिति रह सकती है। सबसे ज्यादा ठंड उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में रहेगी। वजह बर्फीली हवाएं सीधे आना है। दूसरे पखवाड़े में ही मावठा यानी, बारिश भी हो सकती है।
हालांकि, इससे पहले नवंबर में सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा, लेकिन कड़ाके की ठंड दिसंबर में पड़ेगी। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, इस बार ग्वालियर, उज्जैन और चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठिठुरेंगे। यहां कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं भी चलेंगी।
दूसरा पखवाड़ा ही सबसे ठंडा रहा
वर्ष 2014 से 2023 तक के ट्रेंड पर नजर डाली जाए तो भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ही कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू होती है। इन पांच बड़े शहरों में पारे में सबसे ज्यादा गिरावट ग्वालियर में होती है। पिछले 10 साल में एक बार टेम्परेचर 1.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। जबलपुर में यह 4.4 डिग्री और उज्जैन में 2.5 डिग्री तक रहा है। भोपाल और इंदौर में भी टेम्परेचर 5 डिग्री से नीचे रहे हैं।
उज्जैन में ठंड के तेवर दिखना शुरू हो गया। यहां रविवार रात न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री था।
MP के 5 बड़े शहरों में दिसंबर में ऐसा ट्रेंड…
भोपाल में 3.1 डिग्री रिकॉर्ड हो चुका टेम्परेचर भोपाल में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हो गई। इस बार भी बारिश होने के आसार हैं। दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है।
इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहता है पारा
इंदौर में दिसंबर में रात का तापमान सामान्यतः 5 से 8 डिग्री के बीच रहता है। जबकि साल 2022 और 2023 में तापमान 10 डिग्री से अधिक ही रहा है। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है।
31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्परेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश वर्ष 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी।
ग्वालियर में सबसे ज्यादा सर्दी ग्वालियर में दिन में गर्मी तो रात में ठंड रहती है। पिछले 10 साल में यहां अधिकतम तापमान 26.2 से 31.6 डिग्री तक रह चुका है। वहीं, रात में पारा 1.8 से 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। 6 दिसंबर 2006 को दिन का तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। 26 दिसंबर 1961 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री पहुंचा था। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 106.6 मिमी यानी 4.1 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 13 दिसंबर 2013 को 32.1 मिमी यानी 1.2 इंच हुई थी।
जबलपुर में बारिश का भी दौर जबलपुर में दिसंबर में बारिश होने का भी ट्रेंड है। 28 दिसंबर 1960 को दिन का तापमान 33.2 डिग्री पहुंच चुका है। 28 दिसंबर 1902 की रात में रात का तापमान 0.6 डिग्री रहा था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वर्ष 1885 को सर्वाधिक मासिक बारिश 125 मिमी यानी 4.9 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 68.1 मिमी यानी 2.6 इंच 16 दिसंबर 1885 को हुई थी।
उज्जैन में भी हो रही बारिश
उज्जैन में दिन का औसत तापमान 28.2 डिग्री और रात में 9.4 डिग्री है। इस महीने औसत 4.6 मिमी बारिश होती है। पिछले पांच साल से उज्जैन में दिसंबर में बारिश हो रही है। 18 दिसंबर 2002 को दिन में टेम्परेचर 34.9 डिग्री पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 28 दिसंबर 1968 और 29 दिसंबर 1983 को रात में पारा 0.5 डिग्री पहुंच चुका है। वर्ष 1997 को कुल मासिक बारिश 119.4 मिमी यानी 4.7 इंच बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश की बात करें तो 11 दिसंबर 1967 को 35.3 मिमी यानी 1.3 इंच बारिश हुई थी।
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